जानिए एक आईपीएस अधिकारी से क्यों डर गई है राजनीतिक पार्टिया

जानिए एक आईपीएस अधिकारी से क्यों डर गई है राजनीतिक पार्टिया


 पटना। जेपी आंदोलन से लेकर बिहार में कई बड़े आंदोलन हो चुके हैं पर सभी का मकसद कहीं ना कहीं राजनीति से प्रेरित होता है पर बिहार के बेगूसराय में एक आईपीएस अधिकारी के आह्वान पर 50000 से ज्यादा लोगों की भीड़ जुट गई और फिर जो कुछ हुआ वह ऐतिहासिक रहा इस भीड़ का मकसद न राजनीतिक था न जात धर्म की बात थी मकसद था बिहार में बड़े बदलाव की चर्चा का। भीड़ इतनी जुटी की बेगूसराय के वर्तमान सांसद जो केंद्रीय मंत्री हैं उनसे लेकर एक राज्यसभा सांसद और उन तमाम बड़े शहरों के होश उड़ गए हैं जो बेगूसराय से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं इसमें जेएनयू संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी शामिल है। आईपीएस विकास वैभव बिहार में ईमानदार और लोकप्रिय पदाधिकारी के रूप में अपनी बड़ी पहचान बन चुके हैं जिस जिले में पद स्थापना हुई है वहां पर लिक से अलग हटकर काम किया है चंपारण में डाकुओं की आत्म समर्पण से लेकर रोहतासगढ़ किले को नक्सलियों से मुक्त करने में उनकी बड़ी भूमिका निभाई। बाहुबली विधायक अनंत सिंह की गिरफ्तारी से लेकर कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक चौधरी तक को नियम कानून कायदा सीखने वाले विकास वैभव ने बिहार में बदलाव को लेकर वर्ष 2021 में लेटस इंस्पायर बिहार की स्थापना की है। इस अभियान के माध्यम से सामाजिक समानता शिक्षा और बेरोजगारों को रोजगार के दिशा में कार्य किया जा रहा है सोशल मीडिया पर विभिन्न रूपों के माध्यम से लाखों लोग इस अभियान से जुड़े हैं खुद आईपीएस विकास वैभव बिहार के 38 जिलों के साथ ही साथ देश के विभिन्न प्रांतो में युवा संवाद का आयोजन करके बिहार में बदलाव के बड़े जन आंदोलन को शुरू कर चुके हैं। विकास वैभव से प्रेरित होकर कर चार युवाओं ने युवा संवाद की शुरुआत 2017 में की थी यह युवा थे इंजीनियर कुमार राहुल विकास शाही अनूप नारायण सिंह और कन्हैया भारद्वाज। बाद में यही अल्प प्रयास बड़े आंदोलन में परिवर्तित हो गया। 10 दिसंबर 2023 को बेगूसराय के जेडी कॉलेज परिसर में पहली बार सोशल मीडिया और सभागारों से बाहर निकालकर इस अभियान ने खुले मंच से लोगों से संवाद किया। बेगूसराय के बीहट के रहने वाले आईपीएस विकास वैभव से बेगूसराय के लोगों का विशेष जुड़ाव रहा है। पर आयोजित कार्यक्रम में पूरे बिहार से लोगों ने निस्वार्थ रूप से बेगूसराय पहुंचने का काम किया था। दोपहर तक पूरा बेगूसराय लोगों की भीड़ में तब्दील था कार्यक्रम स्थल पर 50000 से ज्यादा लोगों की भीड़ विकास वैभव को देखने और सुनने पहुंची थी भीड़ को विकास वैभव ने निराश नहीं किया मंच से बिहार के गौरवशाली अतीत की चर्चा शुरू की और चिंता भी जाहिर कर दिया की हम आज ऐसे क्यों हैं फिर लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया कि 2047 तक कैसे बिहार में बड़ा परिवर्तन हो जाएगा।


 अपने भाषण के दौरान विकास वैभव ने किसी राजनीतिक विचारधारा की चर्चा नहीं की पर इतना जरूर कहा कि राजनीति गलत चीज नहीं है और बेहतर लोगों को नेतृत्व करने के लिए आगे आना चाहिए तभी बड़ा परिवर्तन होगा पर उनका अभियान और मिशन इन सब चीजों से एकदम अलग है। अब बेगूसराय में जुटी भीड़ का चिंतन मनन पटना से लेकर दिल्ली तक में हो रहा है। राजनीतिक दलो के कान खड़े हो गए हैं कि एक आईपीएस अधिकारी इतना लोकप्रिय कैसे हो सकता है जिसे लोग सोशल मीडिया का शेर समझ रहे थे उसने तो खुले मैदान से दहाड़ लगा दी। सभी जाति संप्रदाय के लोगों को अपने अभियान के माध्यम से एक सूत्र में बांध देने वाले विकास वैभव पिछले 48 घंटे से बिहार की राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चा के केंद्र में है हर राजनेता विश्लेषण क्या जानना चाहता है कि उनका अगला कदम क्या है हालांकि विकास वैभव ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि चुनाव लड़ना राजनीति में जाना उनका मकसद नहीं उनका मकसद है बिहार में बड़ा बदलाव करना।

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