# पुस्तकें इंसान का निर्माण करती हैं, नृत्य प्रतियोगिता आज

# पुस्तकें इंसान का निर्माण करती हैं, नृत्य प्रतियोगिता आज

 

राष्ट्रीय पुस्तक मेला: चौथा दिन

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 # विवाह, बर्थडे और अन्य सामाजिक समारोहों में पुस्तकें दें भेंट : रघु ठाकुर

पटना, 27 नवम्बर । शैक्षिक एवं सांस्कृतिक नगरी पटना के गांधी मैदान में समय इंडिया, नई दिल्ली के तत्वावधान में जारी 17 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला में आज का दिन सुप्रसिद्ध गांधीवादी–समाजवादी, समतामूलक समाज की कल्पना में सक्रिय, चिंतक रघु ठाकुर के नाम रहा । ‘सोशल मीडिया के दौर में पुस्तकें’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि पुस्तकें इंसान का निर्माण करती हैं लेकिन अजीब विडंबना है कि आज इंसान पुस्तकों से दूरी बना रहा है । उन्होंने अपने विचार क्रम को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सोशल मीडिया विस्फोट के दौर में पुस्तकें ही एक ऐसा सशक्त माध्यम हैं जिनके सहारे समाज में व्याप्त नैतिक मूल्यों के संकट को दूर किया जा सकता है । बड़े से बड़े और अच्छे नेता के व्यक्तित्व विकास में पुस्तकों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है । यदि आप गांधी को देखें तो उनका व्यक्तित्व भी पुस्तकों के पढ़ने और उनमें निहित विचारों को जीवन में उतारने से संभव हुआ ।

  श्री ठाकुर ने विवाह, बर्थडे और अन्य सामाजिक समारोहों में उपहार स्वरूप रुपए, गिफ्ट पैकेट की जगह पुस्तकें भेंट करने की परम्परा का आवाह्न हिन्दी भाषी समाज के पुस्तक प्रेमियों से किया । उन्होंने अपने निजी जीवन का उदाहरण देेते हुए बताया कि मैं जिन समारोहों में जाता हूँ उपहार में पुस्तकें ही भेंट करता हूं । बंगला एवं मराठी भाषी समाज का उल्लेख करते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि यहां के समाज में आज भी बेटी को उपहार में रवीन्द्र, शरत्, बंकिम और शिवाजी सावंत जैसे बड़े लेखकों की पुस्तकें उपहार में दी जाती है । किसी भी सभ्य समाज के निर्माण में पुस्तकों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता । आज जरूरत विचारों की वाहक पुस्तकों को फिर से जीवन का हिस्सा बनाने की है तभी बेहतर समाज और बेहतर जीवन मूल्यों की दुनिया का निर्माण संभव होगा । उल्लेखनीय है कि समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर की ‘विचारार्थ’ और ‘विमर्श’ जैसी दो महत्वपूर्ण कृतियाँ समय प्रकाशन, नई दिल्ली से प्रकाशित हैं । इन चिंतन परक कृतियों में श्री ठाकुर की समतावादी मूल्यों और व्यवस्थावादी परिवर्तन का स्वर मुखर है ।

  श्री ठाकुर का मेला परिसर में समय इंडिया के प्रबंध न्यासी चन्द्र भूषण ने जोरदार स्वागत किया और देश में समतामूलक समाज संरचना की दिशा में निरन्तर सक्रिय श्री रघु ठाकुर की चिन्तन यात्रा को रेखांकित किया । उन्होंने कहा कि श्री ठाकुर अपने विचारों की क्रांति मशाल लेकर पूरे देश में अलख जगाने वाले अकेले व्यक्ति हैं जो दलित तथा पिछड़े वर्गों के हकों की लड़ाई महत्वपूर्ण रूप से लड़ रहे हैं । 

    कार्यक्रम का संयोजन श्रीकान्त व्यास ने किया और इस समारोह में वरिष्ठ समाज सेवी दीपांकर वरिष्ठ लेखक साहित्यकार डॉ– राजीव सिंह, शिवदयाल, दुलार बाबू ठाकुर, उषा प्रसाद और पुस्तक प्रेमी भारी संख्या में उपस्थित थे । 

  बच्चों की नृत्य प्रतियोगिता आज : पुस्तक मेला में जारी कार्यक्रमों की कड़ी में मंगलवार सायं  4:00 बजे बच्चों की नृत्य प्रतियोगिता आयोजित है । इस प्रतियोगिता में विभिन्न आयुवर्ग के बच्चे भाग लेकर अपनी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे । प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को जिस गीत के बोल पर नृत्य करना है उसका ऑडियो कैसेट, सी.डी. सेट कर अपने साथ लाना होगा । प्रतियोगिता बच्चों के लिए नि:शुल्क है । 

नगर में आज :– राष्ट्रीय पुस्तक मेला 

नृत्य प्रतियोगिता, मंगलवार सायं 4:00 बजे 

गांधी मैदान, सभागार मंच 


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