
*जब सभों ने साथ छोड़ दिया तो हम साथ क्यों...?*
जिस तेजी से यदुवंश समाज भाजपा-आरएसएस पर विश्वास जताने लगे हैं सिर्फ विश्वास ही नहीं बल्कि थौक वोट देने लगे हैं उससे कहीं न कहीं तेजस्वी यादव के भविष्य की राजनीति पर खतरा मंडराने लगा है। 2020 का चुनाव परिणाम भी यह बताता है के तेजस्वी की राजनीति के लिए अगर कोई समाज खतरा बन गया है तो वह कोई और नहीं खुद तेजस्वी का यदुवंश समाज है। 2020 में 18% आबादी वाले तो ठेका के हिसाब से अपना थौक वोट दे दिए लेकिन तेजस्वी के यादव समाज ने भाजपा पर ही विश्वास जताया और पूरे मिथिलाँचल से राजद उम्मीदवार को हराने का काम किया। पिछले लोकसभा का रिजल्ट कहीं 2024 में न दोहरा जाए। तेजस्वी यादव को A to Z की फिक्र छोड़ फिलहाल यादव समाज के लोगों को अपने साथ बनाए रखने की ज्यादह फिक्र करनी चाहिए। क्योंकि जिस तेजी से यदुवंश समाज राजद को ठेंगा दिखा रहे हैं वह राजद के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। सिर्फ एक समुदाय के थौक वोट पर कितना सत्ता का मलाई खाते रहेंगे। इससे पहले की सरकार जब कुछ दिनों के लिए नीतीश जी के साथ बनी थी उस समय भी हमने तेजस्वी यादव से सवाल किया था के जब आपके समाज के लोगों ने ही आपका साथ छोड़ दिया तो फिर हम क्यों साथ दें...और एकबार फिर वही सवाल दोहरा रहा हूं...
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