*आज दो रस्मों ने मुस्लिम लड़कियों का जीना हराम कर रखा है एक दहेज  दूसरी जात बिरादरी - इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद

*आज दो रस्मों ने मुस्लिम लड़कियों का जीना हराम कर रखा है एक दहेज दूसरी जात बिरादरी - इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद


पटना - इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि आज दो रस्मों ने मुस्लिम लड़कियों का जीना हराम कर रखा है एक दहेज, दूसरी जात बिरादरी, आज कितनी ही पढ़ी लिखी दीनदार खूबसूरत लड़कियां इन दो रस्मो की वजह से घर में कुंवारी बैठी है,उनकी उम्र ढल  ढल रही है या ढल चुकी है ना जाने कितनी हमारी बहन बेटियां गुमराह होकर गैरो के साथ भाग रही है और उन्होंने अपनी जिंदगी को बर्बाद कर लिया है।

इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि उनकी इस बर्बादी के जिम्मेदार उनके मां-बाप और हम लोग भी हैं। दहेज जैसी लानत को पूरा करने के लिए आज हमारी बहन बेटियां को घरों फैक्ट्रियों मैं गैर मर्दों के साथ काम करना पड़ रहा है और वह गैर मर्द उनकी मजबूरी का नाजायज फायदा उठाने की कोशिश करते हैं और उठाते भी हैं।

इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि इस दहेज की वजह से आज लड़की के मां-बाप अपना घर मकान जेवर गिरवी रखकर  महंगे सूद ब्याज पर पैसा उठा रहे हैं भीख मांग रहे हैं। दूसरों के सामने अपनी पगड़िया टोपियां  रख रहे हैं।  सिर्फ दहेज की वजह से जिस लड़के की औकात गाड़ी में पेट्रोल डलवाने की ना हो उसे भी आज दहेज में फोर व्हीलर और टू व्हीलर चाहिए|


इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि दूसरी बीमारी है बिरादरी की अपने आप को दूसरे से ऊंचा समझना मैं खान हूं।  मै पठान हूं। मै चौधरी हूं।  मै सैयद हूं। मै सैफी हूं।  मै अंसारी हूं। मै फलाना -ढिमकाना हूं। जात बिरादरी के मामले में तो हमने कफिरो से भी आगे निकल गए हैं। बिरादरी में शराबी  और लुच्चे से अपनी बहन बेटी का निकाह करने को तैयार है मगर गैर बिरादरी में दीनदार पढ़े-लिखे खूबसूरत लड़कों से शादी करने को तैयार नहीं भले ही लड़की किसी दूसरे कास्ट के साथ भाग जाए या लड़का किसी हिन्दू लड़की को भगा लाएं मगर हम गैर बिरादरी में शादी नहीं करेंगे क्योंकि गैर बिरादरी में शादी करने से हमारी नाक कट जाएगी लोग क्या कहेंगे  हमें इसकी परवाह है  मगर हमारा रब हमारा अल्लाह हमारे नबी क्या कहेंगे हमें इसकी कोई परवाह नहीं वाह रे ऊंची नाक वालों..!

इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि यह सब और कुछ नहीं हमारे जाहिल पन की निशानियां है क्योंकि हमारा दूर-दूर तक कुरान हदीस और दीन इस्लाम से कोई वास्ता नहीं हम अपने आलिमों की सुनते नहीं उनकी मानते नहीं जो मन में आया वह करते हैं कुरान क्या कह रहा है हदीस क्या कह रही है हमें इस से कोई मतलब नहीं अल्लाह का क्या हुक्म है हमारे नबी का क्या फरमान है हमें से कुछ लेना-देना नहीं हम तो बस अपने मन की करेंगे जो हमारे बाप दादा करते आ रहे हैं वो करेंगे हम तो अपने बाप दादा का दीन मानेंगे अपने नबी का लाया हुआ दीन नहीं मानेंगे क्योंकि हम मुसलमान नहीं मुनाफिक  कपटी और बेईमान है। 

इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि हम कुरान की और हदीस की नहीं मानेंगे मेरे भाइयों अपने कौम की बहन बेटियों पर रहम खाओ तरस खाओ उन्हें गैरो के हाथों का खिलौना बनने से बचाओ उनकी इज्जत आबरु की हिफाजत करो कलमे वाले और दीनदार भाइयों को अहमियत दे चाहे वह किसी भी जात बिरादरी या अमीर गरीब का बेटा बटी क्यों ना हो गैर बिरादरी में अपने बच्चों का निकाह करना कोई  गुनाह नहीं है ना ही कुरान हदीस आपको उसके लिए मना कर रही है।   लेकिन आज हालात ऐसे है कि हजारो वीडियो और केस सामने आते है मुस्लिम लड़की ने हिन्दू लड़के से शादी और चंद ही दिन में लड़के ने उसे मार कर घर से निकाल दिया हजारो नही लाखो केस है इस तरह के अभी हाल ही के बहुत से केस शोसल मीडिया मे देखने को मिलती है इस वजह से मना किया जाता है  मुस्लिम लड़कियों को गैरो से शादी के लिए

इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि अगर आपको अपनी बिरादरी और खानदान में  कोई अच्छा रिश्ता नहीं मिल रहा  तो बिरादरी के पीछे अड़े ना रहे सही समय पर सही रिश्ता देखकर फौरन उसका निकाह कर दे अपनी बहन - बेटियों को दीन सिखाएं ताकि वह गुमराह होकर गैरो के साथ ना जाए बिना दहेज जात बिरादरी के निकाह करें और अपने प्यारे नबी हुजूर पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नतों को जिंदा करें और अपनी कौम की तरक्की के हकदार बने ना कि मालो दौलत  जात बिरादरी के चक्कर में पड़कर अपनी दुनिया आखिरत को बर्बाद करके गुनाह और आजाब के हकदार बने                                                              मेरी  बात अच्छी लगे तो उसको शेयर कर देंगे और दुआ में याद रखिएगा और इंशाल्लाह इसी तरह से मैं आगे भी आपको बताता रहूंगा |

0 Response to " *आज दो रस्मों ने मुस्लिम लड़कियों का जीना हराम कर रखा है एक दहेज दूसरी जात बिरादरी - इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article