( स्ट्रोक (लकवा) के लक्षण दिखे तो जल्द पहुंचाएं अस्पताल, ‘ गोल्डन आवर्स ‘ अहम

( स्ट्रोक (लकवा) के लक्षण दिखे तो जल्द पहुंचाएं अस्पताल, ‘ गोल्डन आवर्स ‘ अहम



विश्व स्ट्रोक दिवस पर मेडाज हॉस्पिटल में विशेष जागरूकता अभियान का शुभारंभ 

अस्पताल के निदेशक डॉ जेड आजाद ने स्ट्रोक जागरूकता वाहनों को हरी झंडी दिखा कर किया रवाना 


स्ट्रोक (लकवा) एक न्यूरो इमरजेंसी है, जिसका इलाज संभव है. अगर मरीज को गोल्डन आवर्स (पहले 4.5 घंटे) के अंदर नजदीकी अस्पताल या स्ट्रोक सेंटर पहुंचाया जाये तो अत्यावश्यक मस्तिष्क कोशिकाओं के स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त से होने वाली मृत्यु या आजीवन विकलांगता से बचाया जा सकता है. उक्त बातें मेडाज हॉस्पिटल के डायरेक्टर व चीफ कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट प्रो (डॉ) जेड आजाद ने रविवार को विश्व स्ट्रोक दिवस पर अस्पताल परिसर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कही. इस मौके पर उन्होंने अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों व कर्मियों की उपस्थिति में कई स्ट्रोक जागरूकता वाहनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. यह वैन राज्य के विभिन्न जिलों में घूम-घूम कर लोगों को स्ट्रोक (लकवा) के कारण, लक्षण, इलाज व इससे बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करेंगे. वैन के लिए विशेषज्ञों द्वारा सरल भाषा में एजुकेशनल कंटेट तैयार किया गया है. वैन के साथ चलने वाले कर्मी पंपलेट और इन बेहद सरल आडियो- वीडियो कंटेंट के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगे.

प्रो डॉ जेड आजाद ने बताया कि स्ट्रोक दुनिया में विकलांगता का प्रमुख और भारत में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है. दुनिया में हर चार में से एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में स्ट्रोक (लकवा) का प्रभाव झेलते हैं. यह किसी को भी और किसी उम्र में हो सकता है. उन्होंने बताया कि स्ट्रोक के संकेत व लक्षणों को जल्दी पहचान कर इसके प्रभाव को काफी कम किया जा सकता है. इसलिए अगले तीन माह तक लगातार चलाये जाने वाले जागरूकता अभियान की शुरुआत आज से की गयी है. पिछले साल भी स्ट्रोक जागरूकता वाहन जिलों में रवाना किये गये थे.  उन्होंने कहा कि स्ट्रोक के इलाज में हर मिनट महत्वपूर्ण है. आपकी तत्काल कार्रवाई पीड़ित की मस्तिष्क क्षति और दीर्घकालीन विकलांगता को रोकने में मदद कर सकती है. इसलिए जरूरी है कि लोग इसके लक्षणों को पहचानें और किसी में भी यह लक्षण दिखने पर उसको तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर या अस्पताल तक पहुंचाएं. स्ट्रोक का शिकार होने वाले हर चार में से एक व्यक्ति को पुन: स्ट्रोक की संभावना बनी रहती है. डॉ जेड आजाद ने बताया कि धूम्रपान से बचाव तथा ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और हाइ कॉलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण कर इसे रोका जा सकता है.

इस मौके पर अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन व क्रिटिकल केयर यूनिट के प्रमुख डॉ अतिकुर रहमान, कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन डॉ सौरभ कुमार झा और रिहैबिलिटेशन विभाग के कंसल्टेंट डॉ राजीव कुमार मिश्रा ने स्ट्रोक की वजह, इसकी रोकथाम, लक्षण व तत्काल इलाज से संबंधित उपायों की जानकारी साझा की. 

उन्होंने बताया कि मेडाज अस्पताल में स्ट्रोक से संबंधित आकस्मिक घटना व इलाज को लेकर विशेषज्ञ चिकित्सकों व अत्याधुनिक उपकरणों के साथ रियायती दरों पर सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि न्यूरो से जुड़ी तमाम बीमारियों के इलाज में मेडाज अस्पताल सूबे के उत्कृष्ट संस्थानों में से एक है. प्रतिष्ठित संस्थाओं ने कई दफे सम्मानित कर यह साबित भी किया है. मौके पर मेडाज हॉस्पिटल के सभी पदाधिकारी व कर्मी भी मौजूद रहे

स्ट्रोक के लक्षण सीख बचाएं किसी का जीवन व उसके चेहरे की मुस्कान 


FAST से पहचानें स्ट्रोक पीड़ित को ?


F – चेहरे का एक भाग झुकने लगे या उस पर नियंत्रण समाप्त हो जाये

A – बांह में कमजोरी महसूस हो, व्यक्ति हाथ उठाने में असमर्थ महसूस करे

S – बोलने में परेशानी या लड़खड़ाहट महसूस हो

T – तब यह सही समय है एंबुलेंस बुलाने और उनको बताने का कि यह स्ट्रोक है.

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