नवीनतम नाट्य प्रस्तुति "बिदेशिया" मंचित । ।

नवीनतम नाट्य प्रस्तुति "बिदेशिया" मंचित । ।


विश्वमोहन चौधरी "संत" की रिपोर्ट

   पटना

महिला एवं बाल सेवा मंच के नवीनतम नाटक प्रस्तुति "विदेशिया"का मंचन पूर्वी गांधी मैदान स्थित कालिदास रंगालय के शकुंतला प्रेक्षागृह में किया गया।

सांस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से नाटक मंचित किया गया, जिसके दर्शकों ने अच्छा लुफ्त उठाया। नाटक के आरंभ में अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ रंगकर्मी अरुण कुमार सिन्हा एवं अमिय नाथ चटर्जी ने किया इस नाटक का उद्घाटन बिहार के कला संस्कृति पुरुष व वरिष्ठ पत्रकार विश्वमोहन चौधरी"सन्त" ने किया।

नाटक का लेखक भोजपुरी सेक्स्पियर है भिखारी ठाकुर और निर्देशक थे कृष्ण जी शर्मा उर्फ शालीमार। जिन्हें बिहार ही नहीं बैंकॉक, दुबई में भी सम्मानित किया गया। नाटक के सह निर्देशिका फिल्म कलाकार ज्योति पांडे और अंशिका सिंह थी।

    मंचित इस नाटक के लेखक शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर के अनुपम कृति विदेशिया।इस नाटक में ठाकुर जी ने विरह वेदना को प्रदर्शित किया है। इस नाटक में 5 मुख्य पात्र हैं विदेशी अंबुज कुमार,प्यारी धनिया आकांक्षा दो ,सुंदरी पल्लवी प्रियदर्शनी तीन,बटोही वीरेंद्र कुमार ओझा चारऔर पांचवा सूत्रधार अनिल कुमार ने सबको बांधे रखा।

विदेशिया में विदेशी अपनी गांव की पत्नी धनिया को छोड़कर या झूठ बोलकर कमाने का बहाना बनाकर परदेस कोलकाता चला जाता है और वही जाकर एक और स्त्री से शादी कर लेती है।  गांव की प्यारी धनिया को कोई खोज खबर नहीं लेता है धनिया गांव में अकेले जिंदगी बिताती है तभी एक दिन एक बटोही से मुलाकात होती है।जो कमाने के लिए कोलकाता जा रहा है उसी से विनती करके कहती है कि कैसे करके भी उसके पति विदेशी को साथ लेते आए खोजकर। बटोही कोलकाता जाकर विदेशी को मिलकर धनिया का दुख दर्द सुनाता है।यह सुनकर विदेशी बेचैन हो जाता है, फिर सुंदरी को धोखा देकर धनिया के पास गांव चला आता है।सुंदरी अकेले पाकर असुरक्षित महसूस करती है।

    अतः वह भी पीछे से विदेशी के घर आ जाता है। धनिया को विदेशी बता देता है कि यही कोलकाता वाली पत्नी है,धनिया विदेशी को लौटने से खुश है। इसलिए सुंदर को अपना लेती है। फिर तीनों के साथ रहने लगते हैं। यही है विदेशिया का तमाशा इस कहानी में।

सूत्रधार की भूमिका में अनिल सिंह, विदेशी अंबुज कुमार, धनिया आकांक्षा प्रियदर्शी,सुंदरी पल्लवी प्रियदर्शनी, बटोही वीरेंद्र कुमार ओझा, त्रिभुवन यादव, संगीत परमानंद प्रेमी,ज्योति मिश्रा,नवीन पांडे और सुमन कुमार समाजी की भूमिका में अच्छा किया। लालजी प्रसाद प्रकाश व्यवस्था,  वस्त्र व्यवस्था कुंदन कुमार प्रॉपर्टीज राहुल कुमार थे।इस अवसर पर कई कलाकारों को अतिथियों के हाथों सम्मानित भी किया गया।

इस नाटक को भारतीय कला जगत के दो महानतम शख्सियत राष्ट्रकवि रविंद्र नाथ ठाकुर और स्वर कोकिला लता मंगेशकर को समर्पित था।

सब मिलाकर यह प्रस्तुति सांस्कृति मंत्रालय के जी जाएगी जिससे दर्शकों ने काफी मनोरंजन किया।

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