नशा बिगाड़े दशा

नशा बिगाड़े दशा


बाजे डम डम डफली देखो हुआ गली में शोर तथा नशा नाश कर देगा भईया इसीलिए रखना है ध्यान, जीवन है अनमोल भईया बचा के रखना अपना प्राण जैसे गीतों एवं नाल झाल बजाकर द क्रिएटिव आर्ट थियेटर वेलफेयर सोसाइटी के कलाकारों ने गांधी मैदान में कुमार मानव लिखित एवं सैयद अता करीम निर्देशित नुक्कड़ नाटक नशा बिगाड़े दशा की प्रस्तुति की।

       प्रस्तुत नाटक को उपस्थित दर्शकों ने सराहा और नशा न करने की शपथ भी ली। नाटक में मदारी जमुरे के माध्यम से नशा मुक्त बिहार का सपना दिखाया गया। मदारी जमूरा को अहसास होता है की नशापान के कारण ही उनके माता पिता की अकाल मृत्यु हो गई और दोनो अनाथ होकर सड़क पर आ गए। पूरा जीवन डांवाडोल रहा बचपन बीता कब जवानी आई पता ही नहीं चला और जीविकोपार्जन के लिए मदारी का खेल दिखाना मजबूरी हो गई। लेकिन वे शपथ लेते है की अपनी कला के माध्यम से हर नुक्कड़ और चौराहे पर नशा मुक्ति के लिए अपना खेल दिखाएंगे ताकि लोग बेमौत काल की गाल में न समाएं। 

       नाटक में भाग लेने वाले कलाकार थे कुमार मानव, विजय चौधरी, भुनेश्वर कुमार, अर्चना कुमारी, सरबिंद कुमार, हिमांशु कुमार तथा गायक कृष्णा तूफानी और नाल वादक राजू कुमार। 

     कार्यक्रम के अंत में संस्था के सचिव एवं नाट्य निर्देशक सैयद अता करीम ने दर्शकों के समक्ष अपनी बात रखी और कहा की आज हमारे राज्य के लोग अनेक प्रकार के नशा की गिरफ्त में आ रहे हैं। नशा स्वयं का नुकसान तो करता ही है साथ ही पूरे परिवार का सत्यानाश कर देता है। इसलिए एक सफल समाज के लिए नशा पान बहुत ही घातक है। इसीलिए हमारी संस्था नाटक एवं गीत के माध्यम से जगह जगह जाकर लोगों में नशामुक्ति के लिए जागरूकता लाने की कोशिश कर रही है। इस अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी एवं पत्रकार विश्वमोहन चौधरी संत ने भी अपने विचार दर्शकों के समक्ष रखा।

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