कृषि अनुसंधान परिसर, पटना में “डिजिटल कृषि के माध्यम से किसान सशक्तिकरण” विषय पर पाँच दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में 1–5 दिसम्बर, 2025 के दौरान “डिजिटल कृषि के माध्यम से किसान सशक्तिकरण” विषयक पाँच दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य किसानों की क्षमता को इस प्रकार विकसित करना था कि वे मोबाइल, कंप्यूटर, इंटरनेट तथा कृषि संबंधी विभिन्न ऐप्लिकेशन जैसे डिजिटल साधनों का प्रभावी उपयोग कर सकें, ताकि फसल प्रबंधन, संसाधनों के दक्ष उपयोग तथा कृषि उपज के विपणन से संबंधित बेहतर एवं त्वरित निर्णय ले सकें। कार्यक्रम में नवादा बक्सर और पटना जिलों के कुल 14 अनुसूचित जाति के किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण का प्रभाव जानने हेतु पूर्व एवं पश्च मूल्यांकन भी आयोजित किया गया। मूल्यांकन में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई, जिसमें लगभग आधे प्रतिभागियों ने अंतिम ज्ञान परीक्षण में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए, जो प्रशिक्षण मॉड्यूल की बेहतर समझ तथा सीखने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने कहा कि डिजिटल उपकरणों एवं तकनीकों के उपयोग पर आधारित ऐसे प्रशिक्षण वर्तमान समय की आवश्यकता हैं। उन्होंने यह रेखांकित किया कि मौसम की समयोचित जानकारी, वैज्ञानिक फसल प्रबंधन सलाह तथा वास्तविक समय की बाजार सूचनाएँ किसानों के लिए निर्णय लेने में अत्यंत सहायक बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म जलवायु संबंधी जोखिमों को कम करने, कृषि निवेशों का अनुकूलन करने तथा फसल उत्पादकता एवं किसानों की आय—दोनों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डॉ. दास ने प्रतिभागी किसानों से आह्वान किया कि वे डिजिटल एम्बेसडर के रूप में कार्य करें और इन तकनीकों को जमीनी स्तर पर अधिकाधिक किसानों तक पहुँचाएँ।
प्रशिक्षण के दौरान एमएस वर्ड, एमएस एक्सेल, पावर प्वाइंट, मोबाइल आधारित कृषि सलाह सेवाएँ, सरकारी कृषि योजनाओं तक ऑनलाइन पहुँच, इंटरनेट का प्रयोग कर विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करना, बैंकिंग एवं फसल बीमा, विभिन्न मोबाइल ऐप्स तथा ई-मार्केटिंग प्लेटफ़ॉर्म के उपयोग जैसे महत्वपूर्ण मॉड्यूल शामिल थे। राज्य सरकार एवं बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भी प्रशिक्षण के दौरान व्याख्यान दिए।
इससे समापन सत्र की शुरुआत डॉ. बिस्वजीत देबनाथ, वरिष्ठ वैज्ञानिक के स्वागत भाषण से हुई, जिसके बाद प्रशिक्षण प्रतिवेदन का प्रस्तुतिकरण पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. रोहन कुमार रमण, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा किया गया।
प्रतिभागियों ने साझा किया कि इस प्रशिक्षण से उनके डिजिटल साधनों के ज्ञान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है तथा इससे फार्म प्लानिंग, संसाधन अनुकूलन और बाजार संपर्क मजबूत करने में बहुत सहायता मिलेगी। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण–पत्र वितरित किए गए। समापन सत्र का समापन डॉ. पी.सी. चन्द्रन, नोडल अधिकारी द्वारा दिए गए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।
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