आज श्री मनीष महिवाल को पटना पुस्तक मेला में किया गया सम्मानित

आज श्री मनीष महिवाल को पटना पुस्तक मेला में किया गया सम्मानित

वैशाली जिला में जन्मे बालक मनीष की रूचि बचपन से ही कला और खेलों में थी और वह अपने स्कूल के नाटकों और खेलों में भाग भी लिया करते थे। मोहल्ले के एक परिचित इप्टा से जुड़े थे और उनके माध्यम से इनका पदार्पण रंगमंच में हुआ।
इप्टा के अलावा इन्होंने कई अन्य संस्थाओं के साथ काम करते हुए रोमियो जूलियट, रक्त कल्याण, कैलिगुला, कबीरा खड़ा बाज़ार में, देख रहे हैं ना, दूर देश की कथा, बुद्धं शरणं गच्छामिः, कोणार्क, अंधा मानव, बैंड मास्टर, तऽ हम कुंवारे रहे, हे तथागत्, मधुशाला, सिपाही की माँ, देवन मिसिर, ठंडा गोरत, खोल दो, जानेमन, भिखारिन, चंडालिका, कुच्ची का कानून आदि नाटकों में अभिनय किया।

नाटकों के अलावा इनका जुड़ाव फिल्मों तथा टी वी से भी रहा। इन्होंने कई हिन्दी, भोजपुरी एवं मैथिली वीडियो एलबमों, टेली फ़िल्मों, धारावाहिकों तथा फ़िल्मों में भी अभिनय किया ।

इन्होंने पटना दूरदर्शन, महुआ टी वी, ई टीवी, न्यूज़ 18 जैसे कई चैनलों के कई कार्यक्रमों में भाग लिया जिसमें जनता एक्सप्रेस इतना मशहूर हुआ कि इन्हें लोग जानने- पहचानने लगे।
इनके द्वारा न्यूज़ चैनल "देसी पत्रकार" द्वारा नियमित तौर पर स्थानीय ख़बरों तथा घटनाओं को प्रस्तुत किया जाता है तथा यू ट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि पर प्रसारित किया जाता है।

2011 में इन्होंने सांस्कृतिक संस्था "लोक पंच" की नींव डाली, तथा इसके द्वारा कई नाटकों की प्रस्तुति की जा चुकी है जिसमें प्रमुख हैं जागो रे किसान, कोरोना से बचाओ, पास नहीं आइए, जनता कर्फ्यू, सारी रात, नाट्य शिक्षक की बहाली, जब जागे तभी सवेरा, बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, वोट से करेगा चोट, बेटी पढ़कर क्या करेगी, बेरोज़गार, दारू वाले भाई, कातिल खेत आदि नाटकों की प्रस्तुतियाँ बिहार के विभिन्न जिलों में हुई। इन्होंने वर्ष 2017 से "दशरथ माँझी नाट्य महोत्सव" की शुरूआत की और प्रतिवर्ष इसका आयोजन बिहार के उन गाँवों में करते आ रहे हैं, जहाँ रंगमंच का प्रचार- प्रसार नहीं है। इन्होंने संस्था की इकाई "राहत मंच" द्वारा समय- समय पर ग़रीबो में कंबल, कपड़े तथा खाद्य सामग्री का वितरण किया है। पटना में हुए भीषण जलजमाव में ज़रूरतमंदों को राशन- पानी पहुँचाने का इंतज़ाम किया, तथा कोविड महामारी में मास्क, सैनिटाईज़र, साबुन तथा राशन का वितरण किया और वैक्सीनेशन कैम्प लगवाया ।

इन्होंने नाट्यकला को एक विषय के रूप में विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में पढ़ाए जाने एवं अध्यापकों की नियुक्ति हेतु नाटक 'नाट्य शिक्षक की बहाली' की सैकड़ो प्रस्तुतियाँ की है एवं इसके लिए कई सरकारी विभागों में आवदेन भी दिया है और ये मांग अब भी जारी हैसी देखते हैं और सिने- टीवी में अभिनेता के रूप में सक्रिय हैं।

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