उद्योग मंत्री ने राज्य के उद्यमियों एवं व्यापारियों के साथ की बैठक

उद्योग मंत्री ने राज्य के उद्यमियों एवं व्यापारियों के साथ की बैठक

आज संध्या में बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज प्रांगण में डॉ0 दिलीप कुमार जायसवाल उद्योग मंत्री, बिहार के साथ राज्य के उद्यमियों एवं व्यापारियों की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें उद्यमियों एवं व्यापारियों ने राज्य के उद्योग एवं व्यवसाय से संबंधित कई-एक मुद्दों पर अपनी बातें रखी । 

चैम्बर अध्यक्ष पी0 के0 अग्रवाल ने उद्योग मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य के औद्योगिक विकास में उद्योग मंत्री की भूमिका अति महत्वपूर्ण है और राज्य में अधिकाधिक निवेश हो ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को रोजगार मिले तथा आर्थिक विकास की गति और तेज हो इस दिशा में आपके द्वारा किया जा रहा प्रयास काफी सराहनीय है । उन्होंने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 की तिथि का विस्तार कराने, औद्योगिक क्षेत्र की जमीन को बिहार स्टेट हाउसिंग बोर्ड की भांति लीज होल्ड से फ्री-होल्ड कराने एवं जीएसटी की दर कम होने से उद्यमियों को उनके उत्पादित वस्तुओं पर मिलने वाले इनसेंटिव की राशि में आयी कमी का सामंजस्य पर विचार करने की मांग माननीय उद्योग मंत्री से किया ।   

इस अवसर पर चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष एवं इंडस्ट्री सब कमिटी के चेयरमैन सुभाष कुमार पटवारी ने एक विस्तृत ज्ञापन माननीय उद्योग मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जो निम्न हैं  :-

- बिहार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2016  में वर्णित सभी प्राथमिकता सेक्टर एवं एमएसएमई की परिभाषा के अन्तर्गत आनेवाले सभी उद्यमों को बियाडा जमीन का आवंटन एवं पुरानी इकाइयों को भी इनके संचालन की अनुमति दी जानी चाहिए । 
- आई.टी. पार्क की तरह विनिर्माण इकाइयों के लिए भी सब लीज का प्रावधान किया जाना चाहिए । 
- डोभी के अतिरिक्त गया और कैमूर के बीच कम-से-कम दो अन्य औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की जानी चाहिए।
- सिंगल विन्डो को और सशक्त बनाया जाना चाहिए और सभी विभागों का अनुमोदन एक साथ ही हो जाना चाहिए । 
- उद्यमियों के प्रोत्साहन राशि से संबंधित जो भी लंबित मामले हैं उनका निपटारा शीघ्रातिशीघ्र किया जाना चाहिए । 
- बिहार में उद्योगों की स्थापना में भूमि का अभाव एक प्रमुख समस्या है । यह सहज रूप में उपलब्ध हो ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए । 
- राज्य सरकार तथा इसके विभिन्न उपक्रमों में होनेवाली खरीद में स्थानीय उद्योगों की भागीदारी सुनिश्चित कराया जाना चाहिए । 
- यदि इकाइयों में किसी प्रकार का कोई एडिशन या परिवर्तन नहीं हुआ है तब उद्योगों के लिए प्रत्येक पॉंच साल पर फायर ऑडिट के प्रावधान किया जाना चाहिए । 
- छोटे-छोटे उद्योगों को बैंक द्वारा जो ऋण उपलब्ध कराने के लिए जो कोलेटरल का प्रावधान है उसे समाप्त किया जाना चाहिए । 
- राज्य के लिए भूजल प्राधिकरण का गठन किया जाना चाहिए इससे उद्यमियों को सुविधा के साथ- साथ राज्य को राजस्व की प्राप्ति होगी ।  
- कृषि पर आधारित कुटीर उद्योगों या माइक्रो उद्योगों के लिए हर जिले में एक कॉमन फैसिलिटेंशन सेन्टर बनाया जाना चाहिए
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- राज्य में बिहार औद्योगिक सुरक्षा बल का शीघ्र गठन किया जाना चाहिए । 

- बिजली की दर को पूर्ण निर्धारण करके पड़ोसी राज्यों के समकक्ष किया जाये अथवा उद्योगों को सब्सिडी के रूप में सहयोग राशि दी जानी चाहिए ताकि राज्य में उद्योगों को बन्द होने से बचाया जा सके। 
इस अवसर पर माननीय उद्योग मंत्री ने कहा कि नई सरकार के गठन के उपरान्त सबसे अधिक चर्चा उद्योग के बारे में हो रही  है और आज ही मंत्रिमंडल से सूक्ष्म, लघु उद्योग निदेशालय के गठन की मंजूरी की गयी है । उन्होंने कहा कि राज्य के चहुमुखी विकास के लिए यह आवश्यक है कि राज्य में कानून का राज हो और इसके लिए आवश्यक है कि राज्य से बेरोजगारी दूर हो । सरकार इस दिशा प्रयासरत है कि घर-घर छोटे-छोटे उद्योगों का प्रारम्भ हो जिससे अधिकाधिक लोगों के हाथों में रोजगार हो । उन्होंने कहा कि औद्योगिक नीति में जो भी इनसेंटिव उद्योगों को देना है उसका भुगतान दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा । इसमें किसी तरह की कोताही बरदास्त नहीं की जाएगी । अगले चार माह में राज्य में बदलाव दिखने को मिलेगा । बिहार में राजनीति स्थिरता आने का सकारात्मक संदेश पूरे देश में गया है कि अब बिहार में स्थिर सरकार है और वहॉं पर निवेश करना बहुत ही अच्छा है । उन्होंने चैम्बर और सरकार के बीच लगातार संवाद को जारी रखने का आश्वासन दिया साथ ही उन्होंने कहा कि उनका प्रयास होगा जो बैठक सचिवालय में होती है उसे चैम्बर प्रांगण में किया जाए । उन्होंने कहा कि राज्य के उद्यमी एवं व्यापारी सरकार को देनेवाले है उनसे लेनेवाले नहीं हैं । इसलिए किसी भी परिस्थिति में राज्य के उद्यमियों एवं व्यापारियों का सम्मान होना चाहिए तभी राज्य का समुचित विकास संभव है । उन्होंने कहा कि सरकार की दृढ इच्छा शक्ति के आगे विभागीय पदाधिकारियों को अपने व्यवहार में परिवर्तन लाकर उद्योग के प्रति समर्पित होना होगा । 

कार्यक्रम में उपाध्यक्ष एन0 के0 ठाकुर एवं विशाल टेकरीवाल, महामंत्री मुकेश कुमार जैन, कोषाध्यक्ष राजेश जैन के अतिरिक्त सम्मानित सदस्य ए0 के0 पी0 सिन्हा, आशीष शंकर, प्रदीप चौरसिया, सुनिल सर्राफ, पी0 के0 सिंह, सुबोध कुमार जैन, सच्चिदानन्द, राजेश मखारिया, अजय गुप्ता, के साथ-साथ  बिहार केमिस्टस एंड ड्रगिस्टस एसोसिएशन, सेन्ट्रल बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स, भोजपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स,नालन्दा चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, डूमराव सबडिविजनल चैम्बर ऑफ कॉमर्स, लखीसराय चैम्बर ऑफ कॉमर्स,बिहार गार्मेन्ट मैन्यूफैकचरिंग एसोसिएशन, बिहार पेपर मर्चेन्ट एसोसिएशन,बिहार फलाई ऐश ब्रीक्स इंडस्ट्रीज एसोसिएशन,पटना केमिस्टस एंड ड्रगिस्टस एसोसिएशन, पाटलिपुत्रा सर्राफा संघ, बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया पटना चैप्टर, हथुआ मार्केट व्यवसायी समिति, महाराजगंज खाद्यान्न व्यवसायी संघ, न्यू मार्केट दुकानदार कल्याण समिति, पाटलिपुत्रा व्यवसायी संघ, पटना स्कूटर्स ट्रेडर्स एसोसिएशन, फार्मा डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन,रिटेल केमिस्टस एसोसिएशन ऑफ बिहार, दानापुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स, बिहार मार्बल ग्रेनाइट एसोसिएशन,प्लाई एंड हार्डवेयर एसोसिएशन

काफी संख्या में उद्यमियों एवं व्यवसायियों ने भाग लिया 

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