मनरेगा में बदलाव के खिलाफ खेग्रामस का 22 दिसम्बर 2025 को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन
पटना 20 दिसंबर 2025
खेग्रामस के महासचिव धीरेंद्र झा ने कहा है कि केंद्र सरकार के महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (MGNREGA) के बुनियादी चरित्र को बदलने के कदम का हम कड़ा विरोध करते हैं, जिसे UPA सरकार ने वामपंथी पार्टियों के दबाव में लागू किया था.
22 दिसंबर को बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर विकसित भारत-रोज़गार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025 (VB G-RAM-G बिल) का विरोध करने का हम आह्वान करते हैं, जिसे MGNREGA की जगह लाने की कोशिश की जा रही है.
MGNREGA एक यूनिवर्सल, डिमांड पर आधारित कानून है जो काम पाने का सीमित अधिकार देता है. नया बिल इसे बदल देता है और लोगों को इस सीमित अधिकार से भी वंचित करता है. यह कानूनी तौर पर केंद्र सरकार को डिमांड के हिसाब से फंड बांटने की उसकी ज़िम्मेदारी से बरी कर देता है.
सरकार का गारंटीड रोज़गार को 100 से बढ़ाकर 125 दिन करने का दावा उसका एक और जाना-माना जुमला है. यह बिल जॉब कार्ड को रैशनलाइज़ करने के नाम पर ग्रामीण परिवारों के बड़े हिस्से को बाहर कर देता है. खेती के पीक सीज़न के दौरान 60 दिनों तक रोज़गार रोकने से ग्रामीण मज़दूरों को उस समय काम नहीं मिलेगा जब इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत होगी और वे ज़मींदारों पर निर्भर हो जाएंगे. ज़रूरी डिजिटल अटेंडेंस मज़दूरों के लिए बहुत मुश्किलें पैदा करती है, जिसमें काम का नुकसान और उनके अधिकारों से वंचित होना शामिल है.
फंडिंग पैटर्न में बदलाव का प्रस्ताव देकर, केंद्र अपनी ज़िम्मेदारी राज्यों पर डाल रहा है. इससे राज्य सरकारों पर एक अनसस्टेनेबल फाइनेंशियल बोझ पड़ता है, जबकि उन्हें फ़ैसले लेने की प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं मिलती. राज्यों से यह भी उम्मीद की जाती है कि वे बेरोज़गारी भत्ते और देरी के मुआवज़े पर होने वाला खर्च भी उठाएं. इन सभी बदलावों का मकसद स्कीम की पहुंच और केंद्र सरकार की जवाबदेही को कम करना है.
स्कीम का नाम MGNREGA से बदलकर G-RAM-G करना महात्मा गांधी का अपमान है और BJP/RSS की उनकी विरासत के प्रति दुश्मनी दिखाता है.
हम मांग करते हैं कि भाजपा सरकार तुरंत VB G-RAM-G बिल वापस ले. 22 दिसंबर को पूरे देश में इन प्रस्तावित बदलावों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे. हम लोगों से अपील करते हैं कि वे बड़ी संख्या में शामिल हों और नए बिल को तुरंत वापस लेने की मांग करें. हम सरकार से मांग करते हैं कि वह MGNREGA को यूनिवर्सल बनाकर इसे मजबूत करे, और कम से कम 200 दिन का न्यूनतम रोजगार सुनिश्चित करने के लिए जरूरी फंड आवंटित करे.
0 Response to "मनरेगा में बदलाव के खिलाफ खेग्रामस का 22 दिसम्बर 2025 को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन"
एक टिप्पणी भेजें