पशु एवं मत्स्य संसाधन विभागाधीन संचालित मत्स्य प्रक्षेत्र / पशुपालन प्रक्षेत्र/गव्य प्रक्षेत्र के विभिन्न योजनांतर्गत लाभुकों के बीच डमी चेक/कार्यादेश/स्वीकृति पत्र/किट इत्यादि का वितरण कार्यक्रम

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभागाधीन संचालित मत्स्य प्रक्षेत्र / पशुपालन प्रक्षेत्र/गव्य प्रक्षेत्र के विभिन्न योजनांतर्गत लाभुकों के बीच डमी चेक/कार्यादेश/स्वीकृति पत्र/किट इत्यादि का वितरण कार्यक्रम

दिनांक 06 अक्टूबर 2025

पटना आज बिहार कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान (बामेती), पटना में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के द्वारा विभागाधीन संचालित विभिन्न योजनांतर्गत लाभुकों के बीच डमी चेक/कार्यादेश/स्वीकृति पत्र/किट इत्यादि के वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ० एस० सिद्धार्थ, विकास आयुक्त, बिहार के द्वारा किया गया। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ० एन० विजयलक्ष्मी ने की। इस विभागाधीन संचालित योजनाओं से राज्य में किसानों, पशुपालकों और मछुआरों को सीधे लाभ प्राप्त होगा तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

कार्यक्रम का शुभारम्भ विकास आयुक्त, बिहार, विभागीय अपर मुख्य सचिव एवं सचिव, श्री मनीष कुमार के द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ शुरू हुआ। स्वागत भाषण श्री अभिषेक रंजन, निदेशक मत्स्य तथा संबोधन श्री उज्जवल कुमार सिंह, निदेशक पशुपालन, विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ० एन० विजयलक्ष्मी एवं विशिष्ट अतिथि, डॉ० एस० सिद्धार्थ, विकास आयुक्त बिहार के द्वारा दिया गया।
इस अवसर पर विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ० एन० विजयलक्ष्मी ने कहा कि जिला मत्स्य प्रक्षेत्र, पशुपालन, गव्य एवं कॉम्फेड के क्षेत्र में कृषकों / उधमियों के द्वारा बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होने कृषकों को उनके बेहतरीन कार्य के लिए शुभकामनाएँ दी। मुख्य रूप से उन्होने मत्स्य एवं पशुलापलन किसानों की आमदनी दोगुनी करते हुए किसान से उद्यमी के रूप में खुद को स्थापित करने की बात कही। अपर मुख्य सचिव महोदया ने बताया कि एक एकड़ तालाब में मछली पालन से तीन लाख रूपये तक का मुनाफा हो रहा है। साथ ही एक एकड़ में मुर्गी पालन से 16.00 लाख से 20.00 लाख तक का मुनाफा हो रहा है तथा सबसे ज्यादा आमदनी बकरी पालन के क्षेत्र में संभव है। यह क्षेत्र आमदनी बढ़ाने में काफी सहायक हो रहा है। इसी कड़ी में आज के इस कार्यक्रम में विभागाधीन संचालित योजनाओं से संबंधित जिला मत्स्य कार्यलय, पटना अंतर्गत कुल 57 लाभुकों जिसमें मुख्यतः प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत् बायोफ्लॉक का अधिष्ठापन, जिन्दा मछली विक्रय केन्द्र, लघु बायोफ्लॉक का अधिष्ठापन, मध्यम आकार के अलंकारी मछलियों का संवर्द्धन ईकाई के तहत् 24.70 लाख का 6 डमी चेक वितरण किया गया। साथ ही राज्य योजना के तहत् मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना, तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना, मत्स्य प्रजाति का विविधिकरण योजना एवं मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास की योजना के तहत् अनुदान की राशि का कुल 24.59 लाख के 16 डमी चेक का वितरण किया गया है, जिसमें पटना जिला अंतर्गत मत्स्य प्रभाग के 22 लाभुकों को अनुदान स्वरूप कुल 49.29 लाख राशि सन्निहित है। आज के इस कार्यक्रम में पशुपालन निदेशालय के समेकित बकरी विकास योजना के तहत् 40 बकरी 2 बकरा इकाई के बकरी फार्म हेतु 3 लाभुकों को तथा 20 बकरी 1 बकरा इकाई के बकरी फार्म हेतु 2 लाभुकों को एवं 100 + 5 के कुल 4 लाभुकों को अनुदान की राशि का वितरण किया गया। साथ ही समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत् कुल 02 लाभुकों को ब्रायलर पॉल्ट्री फार्म के तहत् अनुदान वितरित किया गया। इसी कड़ी में आज के इस कार्यक्रम में विभागाधीन संचालित विभिन्न महत्वकांक्षी योजनाओं के तहत् पटना जिला अंतर्गत कुल 142 लाभार्थियों में क्रमशः मत्स्य प्रभाग से कुल 57 लाभुकों, पशुपालन प्रभाग से 50 लाभुकों तथा गव्य प्रभाग से 35 कृषकों को अनुदान राशि का डमी चेक/स्वीकृति पत्र/कार्यादेश/किट इत्यादि का वितरण किया गया।
विकास आयुक्त, बिहार के द्वारा बताया गया कि उपरोक्त सभी योजनाएँ किसानों, पशुपालकों और मछुआरों की खुशहाली, समृद्धि और कल्याण का आधार है। राज्य सरकार की प्राथमिकता किसानों और पशुपालकों की आय दोगुनी करना, गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ उपलब्ध कराना और बिहार को पशु एवं मत्स्य संसाधान उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है। साथ ही उन्होने पुनपुन और सोन नदी के बीच में स्थित जलाशयों में केज कल्चर से मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की बात कही। साथ ही उन्होंने पशुपालन एवं मत्स्य क्षेत्र के सभी पदाधिकारियों से आग्रह किया की विभागीय योजनाओं को धरातल पर लाते हुए पशुपालकों एवं मत्स्य कृषकों की आय में चार गुणा वृद्धि सुनिश्चित हो सके।

इस कार्यक्रम के दौरान लाभुकों के बीच अनुदान की राशि, स्वीकृति पत्र, कार्यादेश एवं किट का वितरण विकास आयुक्त, बिहार विभाग की अपर मुख्य सचिव एवं सचिव के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि बेहतर प्रबंधन के माध्यम से बिहार को मत्स्य पालन एवं पशुपालन में अग्रणी राज्य बनाया जाएगा।
अंत में कार्यक्रम का समापन श्री केदार नाथ सिंह, निदेशक गव्य के धन्यवाद ज्ञापन के साथ सम्पन्न हुआ। सम्पूर्ण कार्यक्रम का मंच संचालन, मुख्य अतिथि एवं अन्य मंचासीन अतिथियों का सम्मान पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग अंतर्गत तीनों निदेशालयों के पदाधिकारीगण के द्वारा किया गया।

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