बिहार सरकार ने अधिवक्ताओं को दिया तोफा - डॉ० आनन्द कुमार

बिहार सरकार ने अधिवक्ताओं को दिया तोफा - डॉ० आनन्द कुमार

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 04 अक्तुबर ::

प्रदेश अध्यक्ष, जनता दल (यू) विधि प्रकोष्ठ, डॉ० आनन्द कुमार ने जनता दल कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था में अक्सर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी जाती रही है। लेकिन अधिवक्ताओं की दशा और दिशा को लेकर लंबे समय से आवाज उठती रही थी। अधिवक्ता केवल न्यायपालिका का आधार ही नहीं बल्कि लोकतंत्र के चार स्तंभों को मजबूती देने वाले प्रहरी भी हैं। ऐसे में बिहार सरकार द्वारा अधिवक्ताओं की मांगों को मानते हुए ऐतिहासिक निर्णय लेना, निश्चित रूप से स्वागतयोग्य और सराहनीय है।

प्रदेश अध्यक्ष, जनता दल (यू) विधि प्रकोष्ठ, डॉ० आनन्द कुमार ने यह भी बताया कि प्रदेश  विकास के लिए और उनके सुविधाओं का ध्यान रखते हुए सरकार से चर्चा की।  उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिवक्ताओं के हित में जो निर्णय लिए हैं, वे न केवल उनके आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की ओर कदम हैं बल्कि न्याय व्यवस्था को आधुनिक स्वरूप देने में भी सहायक होंगे। इन फैसलों में उन्होंने ने अधिवक्ता बनने के शुरुआती दौर में आर्थिक संघर्ष सर्वाधिक कठिन होता है इसे ध्यान में रखते हुए तीन वर्ष तक हर माह ₹5,000 की स्टाईपेंड/सहायता राशि देने की घोषणा की है। यह हजारों युवा अधिवक्ताओं के लिए राहत की सांस है। यह कदम युवा वकीलों के आत्मविश्वास को बढ़ाएगा और उन्हें अपने पेशे में टिके रहने की प्रेरणा देगा।

उन्होंने बताया कि आज के डिजिटल युग में न्यायिक शोध के लिए ऑनलाइन संसाधन अत्यंत आवश्यक हैं। प्रत्येक जिला अधिवक्ता संघ को ई-लाइब्रेरी के लिए ₹5 लाख तक की सहायता राशि उपलब्ध कराना एक दूरदर्शी कदम है। इससे अधिवक्ता आधुनिक कानूनी जानकारी से लैस होंगे और न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी।

डॉ० आनन्द कुमार ने बताया कि अधिवक्ता कल्याण न्यास समिति को अतिरिक्त ₹30 करोड़ का अनुदान देने का निर्णय अधिवक्ताओं के सामाजिक और आर्थिक संरक्षण के लिए ऐतिहासिक है। यह निधि अधिवक्ताओं के संकट काल में सहायता का बड़ा आधार बनेगी।

उन्होंने बताया कि किसी अधिवक्ता की आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को बड़ी मुश्त राशि अधिवक्ता कल्याण ट्रस्टी कमिटी के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। यह पहल मृतक अधिवक्ता के परिजनों को असहाय स्थिति से उबारने में मददगार साबित होगी। डॉ० आनन्द कुमार ने बताया कि महिला अधिवक्ताओं की गरिमा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए ‘पिंक टॉयलेट’ की सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा लैंगिक समानता की दिशा में अहम कदम है।

बिहार प्रदेश जदयू विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ० आनन्द कुमार ने इन ऐतिहासिक घोषणाओं पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, कोषाध्यक्ष ललन सर्राफ, एमएलसी संजय गांधी, महाधिवक्ता पी० के० शाही सहित पार्टी नेतृत्व का आभार प्रकट किया है।

संवाददाता सम्मेलन का शुरुआत जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए जा रहे कार्यों की संक्षिप्त जानकारी देते हुए किया।

बिहार प्रदेश जदयू विधि प्रकोष्ठ ने अधिवक्ताओं की समस्याओं को बार-बार सरकार तक पहुँचाने का कार्य किया। इस प्रक्रिया में डॉ० आनन्द कुमार की नेतृत्व क्षमता और संघर्षशील भूमिका अहम रही। उनके साथ प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष अमर कुमार, पटना जिला अध्यक्ष बरूण कुमार सिंह पटेल, उपाध्यक्ष देव नारायण प्रसाद सिंह, महासचिव मनोज कुमार एवं मनीष कुमार, सचिव ओम प्रकाश पासवान, अमरनाथ कुमार, ललन कामत और पटना सिटी सिविल कोर्ट के अध्यक्ष अजय कुमार साह समेत अनेक पदाधिकारी सक्रिय रहे।

दानापुर सिविल कोर्ट के अधिवक्ता सुरेश प्रसाद निराला और विनोद कुमार सिंह सहित अनेक वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी इस पहल का स्वागत करते हुए डॉ० आनन्द कुमार को बधाई दी है।

इन निर्णयों से न केवल अधिवक्ताओं की जीवनशैली में सुधार होगा बल्कि बिहार की न्यायपालिका की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी। युवा अधिवक्ता आर्थिक दबाव से मुक्त होकर अपने पेशे में निष्ठा और ईमानदारी से कार्य कर पाएंगे। ई-लाइब्रेरी जैसी आधुनिक सुविधा उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कानूनी जानकारी तक पहुँच दिलाएगी। महिला अधिवक्ताओं को विशेष सुविधाएं मिलने से न्यायालय परिसरों में सुरक्षित और गरिमामय माहौल बनेगा। आकस्मिक निधन पर मिलने वाली राशि अधिवक्ताओं के परिवार के लिए सुरक्षा कवच सिद्ध होगी।

बिहार प्रदेश जदयू विधि प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष सह प्रदेश प्रवक्ता जदयू विधि प्रकोष्ठ दीपक कुमार अभिषेक ने बिहार प्रदेश जदयू विधि प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ० आनन्द कुमार को बधाई देते हुए कहा कि बिहार सरकार द्वारा अधिवक्ताओं के लिए उठाए गए यह कदम एक ऐतिहासिक पहल है, जिसने अधिवक्ताओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की राह प्रशस्त की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू नेतृत्व ने इस निर्णय से अधिवक्ताओं के बीच एक सकारात्मक संदेश दिया है कि सरकार उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि यह पहल बिहार के अधिवक्ताओं के लिए नया युग साबित होगी और न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रभावी, सुलभ और जनहितैषी बनाएगी।
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