वृद्धों का सम्मान ही समाज की असली पहचान है - अर्पणा बाला

वृद्धों का सम्मान ही समाज की असली पहचान है - अर्पणा बाला

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 03 अक्टूबर ::

भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के अन्तर्गत स्वायत्त संस्था “My Bharat” के तत्वावधान में राम जानकी प्रगति सेवा संस्थान द्वारा  अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर गुलजारबाग महारानी कॉलोनी स्थित वृद्धा आश्रम में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक ढंग से दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर संस्थान के सचिव अर्पणा बाला ने दीपक के महत्व को समझाते हुए कहा कि “जैसे दीपक स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है, वैसे ही वृद्धजन अपने जीवन के अनुभव और ज्ञान से हमारी आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन देते हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके जीवन में कभी अंधकार न आए।”

अर्पणा बाला ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह दिन हमें अपने संस्कार और जिम्मेदारी की याद दिलाने वाला अवसर है। वृद्धजन केवल पारिवारिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक जीवन की भी जड़ें हैं। जिस प्रकार किसी वृक्ष की मजबूती उसकी जड़ों पर निर्भर होती है, उसी प्रकार समाज की प्रगति भी बुजुर्गों की छाया और आशीर्वाद पर टिकी होती है। उन्होंने कहा कि “नई पीढ़ी को वृद्धों को बोझ नहीं समझना चाहिए, बल्कि उन्हें समाज की नींव की ईंट मानकर उनका आदर करना चाहिए। उनके आशीर्वाद और अनुभव से ही समाज खुशहाल बन सकता है।”

इस अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों ने माना कि वृद्धजन समाज की धरोहर हैं और उनके अनुभव का कोई विकल्प नहीं है। उन्हें केवल आर्थिक और शारीरिक सुरक्षा ही नहीं, बल्कि भावनात्मक सहारा और सामाजिक सम्मान भी मिलना चाहिए। कार्यक्रम में यह संदेश भी दिया गया कि वृद्धाश्रमों में रहने वाले लोग अपने ही हैं और उन्हें परिवार की तरह स्नेह और अपनापन मिलना चाहिए।

इस कार्यक्रम में संस्थान के विभिन्न पदाधिकारी और सदस्य सक्रिय रूप से शामिल हुए। पटना सिटी कार्यालय प्रभारी शाकम्भरी, अंशुमली, शिवम् जी सहाय, सुंदरम, मंजु देवी (पर्यावरण अध्यक्ष), ललिता देवी (चंडी वाहिनी अध्यक्ष), अनिता देवी, राखी देवी, संजय अलबेला, रामानन्द यादव, पूनम देवी (समाज सेविका), रानी (पर्यावरण शहरी अध्यक्ष), किरण देवी समेत कई सदस्य उपस्थित थे। सभी ने मिलकर वृद्धजन सम्मान और सेवा की प्रतिज्ञा ली।
कार्यक्रम के अंत में संस्थान की सचिव अर्पणा बाला ने सभी सदस्यों, कार्यकर्ताओं और आश्रम परिवार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल एक दिन का नहीं होना चाहिए, बल्कि हमें रोजमर्रा के जीवन में भी वृद्धों के सम्मान और सेवा को अपनाना होगा। उन्होंने सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए इस आयोजन को समाज में जागरूकता का माध्यम बताया।
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