पटना में दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन ने किया बहुआयामी प्रतियोगिताओं का आयोजन

पटना में दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन ने किया बहुआयामी प्रतियोगिताओं का आयोजन

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 5 अगस्त ::

शिक्षा केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि व्यक्तित्व, विचार और सृजनात्मकता का समग्र विकास है। इसी सोच को साकार करते हुए “दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन”  ने मंगलवार को पटना स्थित सरस्वती विद्या मंदिर, शास्त्री नगर में एक दिवसीय सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक प्रतियोगिता का आयोजन किया। यह आयोजन बच्चों में सृजनात्मक चेतना, नैतिक मूल्यों, सामाजिक उत्तरदायित्व और देशप्रेम को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक प्रेरणास्पद कदम साबित हुआ।

कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों की छिपी प्रतिभाओं को उजागर करना और उन्हें एक मंच देना था जहाँ वह स्वतंत्र रूप से अपना विचार, कला, संस्कार और रचनात्मकता को अभिव्यक्त कर सके। आयोजन में शामिल प्रतियोगिताएँ थीं, निबंध लेखन, वाद-विवाद, भाषण प्रतियोगिता, राखी निर्माण, चित्रकला एवं पोस्टर निर्माण, भजन एव देशभक्ति गीत गायन तथा नृत्य प्रस्तुति। हर प्रतियोगिता विद्यार्थियों की सोच, संप्रेषण क्षमता और कलात्मक दृष्टिकोण का प्रत्यक्ष प्रमाण बनकर उभरी।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुई। इस शुभारंभ ने न केवल आयोजन को एक आध्यात्मिक छाया प्रदान की, बल्कि वहां उपस्थित हर व्यक्ति के मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन की महिला अध्यक्ष डॉ. ऋचा दुबे ने की। उनके नेतृत्व में कार्यक्रम को सशक्त दिशा मिली। विद्यालय की सचिव उर्मिला कुमारी, प्रचार्या रूपम रानी एवं विद्यालय के सभी शिक्षकगण यथा- निभा कुमारी, मधु मालती, सीमा कुमारी, सविता शालिनी, अंजु कुमारी, माधवी कुमारी, अमृता सिंह, अमित कुमार, राकेश रंजन, सुकांत जी और मिथलेश कुमार मिश्रा की उपस्थिति ने विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और ऊर्जा का संचार किया।

दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन की ओर से डॉ. राकेश दत्त मिश्र (निदेशक), सुनीता पाण्डेय (निदेशिका) और रमेश कुमार चौबे (सदस्य) विशेष रूप से उपस्थित रहे। डॉ. मिश्र ने इस आयोजन को भविष्य के निर्माण का हिस्सा बताते हुए कहा कि अक्टूबर माह तक इस प्रकार के रचनात्मक कार्यक्रम और विद्यालयों में आयोजित होंगे। नवम्बर में एक भव्य समारोह में सभी विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा, जिसकी औपचारिक घोषणा अक्टूबर के अंत में की जाएगी।

कार्यक्रम की एक विशेष उपलब्धि विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण रहा। पर्यावरण के प्रति चेतना को जागृत करते हुए सभी अतिथियों और शिक्षकों ने वृक्ष लगाए। यह गतिविधि बच्चों में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, कर्तव्यबोध और हरियाली के महत्व को उजागर करने वाली रही।

प्रतियोगिताओं में चयनित प्रतिभागियों में निबंध लेखन- सूरज शंकर, वेद प्रकाश, कुंदन प्रसाद सिन्हा, आयशा कुमारी, वाद-विवाद- अदिति सिंह, प्रत्युष, अन्नू कुमारी, अपर्णा कुमारी, मिनाक्षी झा, मानवी गुप्ता,  राखी निर्माण- श्रीविद्या भारती, मिष्टी, नैंसी कुमारी, शालू सिंह, सुकृति झा, नंदनी कुमारी, दिव्या कुमारी, वैष्णवी कुमारी, वैष्णवी राज, ज्योति कुमारी, साक्षी कुमारी, भजन एव देशभक्ति गीत- लक्ष्य गुप्ता, नृत्य प्रस्तुति- शैल्वी (शिवतांडव), नंदनी, अन्नू, प्रत्युषा, प्रिया (मैं इतिहास का आईना हूँ), अंजली, काजल, मुस्कान, प्रिया (माय भवानी), चित्रकला- अशीम राज, लक्ष्य आर्य, शिवाय, सूरज कुमार, भूमि, अदिति कुमारी, आरोही कुमारी, अर्पिता श्रीवास्तव, भूमि प्रिया, अपराजिता राज, आकांक्षा राज, श्रीप्रिया, विद्या कुमारी, ॐ राज, वेदांत कुमार, शिवांश रॉय, हर्ष मिश्र, कुमार श्रीवंश, शंवी कुमारी, सक्षम आर्य, ऋषभ राज, चैतन्य, पोस्टर निर्माण- रिया कुमारी (पर्यावरण), राखी कुमारी (स्वतंत्रता दिवस), भाषण प्रतियोगिता- साक्षी कुमारी, निशा भारती, श्रृष्टि कुमारी, अंकित कुमार, अयांश सिंह, श्लोक मिश्र, अदिति सिंह, मीनाक्षी झा, मानवी गुप्ता शामिल थी। इन नामों की सूची इस बात का प्रमाण है कि बिहार की धरती प्रतिभाओं से समृद्ध है, आवश्यकता है तो बस उन्हें उचित मार्गदर्शन और मंच देने की।
इस आयोजन की विशेषता यह रही कि इसमें शिक्षा और संस्कृति का समन्वय दिखा। बच्चों ने जहाँ तर्क, भाषण और लेखन के माध्यम से अपने विचारों को प्रस्तुत किया, वहीं चित्रकला, नृत्य और गीतों से अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त किया। राखी निर्माण जैसी प्रतियोगिता से न केवल रचनात्मकता को बढ़ावा मिला, बल्कि भारतीय परंपरा और भाई-बहन के पवित्र संबंध का भाव भी पुष्ट हुआ।

दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन का यह प्रयास निश्चित ही एक सकारात्मक सामाजिक पहल है। यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों को अभिव्यक्ति का अवसर प्रदान करता है, बल्कि समाज में संस्कृति, शिक्षा और प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व की भावना भी जागृत करता है।
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