जलवायु सहनशील डेयरी फार्म स्कूल का आयोजन, किसानों को मिलेगा व्यावहारिक प्रशिक्षण
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा राष्ट्रीय कृषि विज्ञान निधि परियोजना के अंतर्गत दिनांक 22 अगस्त 2025 को “जलवायु सहनशील डेयरी फार्म स्कूल” का शुभारंभ ब्रह्मस्थान के निकट भेलुरा रामपुर गाँव में किया गया। यह कार्यक्रम दिनांक 14 नवम्बर 2025 तक प्रत्येक शुक्रवार को प्रातः 11:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर संस्थान से डॉ. उज्ज्वल कुमार, प्रभागाध्यक्ष, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार; डॉ. कमल शर्मा, प्रभागाध्यक्ष, पशुधन एवं मात्स्यिकी प्रबंधन; डॉ. अनिर्बान मुखर्जी, वैज्ञानिक; डॉ. राकेश कुमार, वैज्ञानिक एवं श्री अजीत कुमार पाल, वरिष्ठ अनुसंधान फेलो उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान सभी वैज्ञानिकों ने डेयरी किसानों के साथ जलवायु परिवर्तन के डेयरी क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की तथा संभावित समाधान एवं सुझाव साझा किए। उन्होंने किसानों को बताया कि बदलते मौसम पैटर्न, अत्यधिक गर्मी एवं ठंड, असमय वर्षा तथा चारे की कमी जैसे कारक सीधे तौर पर पशुओं के स्वास्थ्य एवं दूध उत्पादन को प्रभावित करते हैं। कार्यक्रम में भौगोलिक सूचना प्रणाली और फजी कॉग्निटिव मैपिंग जैसी उन्नत तकनीकों की जानकारी दी गई, जिनके माध्यम से किसान जलवायु संवेदनशील हॉटस्पॉट की पहचान कर अपने प्रबंधन उपायों को सुदृढ़ बना सकते हैं। विशेषज्ञों ने जलवायु सहनशील नस्ल चयन, पशु आवास प्रबंधन, संतुलित आहार, हरे चारे की उपलब्धता और रोग नियंत्रण जैसे विषयों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। इस कार्यक्रम में कुल 33 डेयरी किसानों ने सक्रिय भागीदारी की और अपने अनुभव साझा किए। किसानों ने वैज्ञानिकों से विभिन्न व्यावहारिक समस्याओं पर प्रश्न पूछे जिनका समाधान मौके पर दिया गया। यह पहल लघु और सीमांत डेयरी किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी तथा क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के अनुकूल टिकाऊ डेयरी उत्पादन प्रणाली विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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