सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम के अंतर्गत प्राधिकरण द्वारा प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स को उनके उत्कृष्ट कार्यों हेतु किया गया सम्मानित
दिनांक: 23/7/2025, पटना।
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की फ्लैगशिप योजना ‘सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम’ के अंतर्गत आज दिनांक 23 जुलाई 2025 को प्राधिकरण सभागार में आयोजित एक समारोह में 03 उत्कृष्ट कार्य करने वाले मास्टर ट्रेनर्स—राकेश कुमार (कटिहार), गुड्डू कुमार (सारण) और जितेन्द्र सहनी (मुगेर) को सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें बच्चों को डूबने की घटनाओं से बचाव हेतु तैराकी कौशल प्रदान करने के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने एवं डूबते हुए व्यक्तियों की जान बचाने हेतु उनके विशिष्ट योगदान के लिए दिया गया।
समारोह में तीनों मास्टर ट्रेनर्स को 2100 रुपए की पुरस्कार राशि एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। इन्होंने प्राधिकरण के सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर न सिर्फ मास्टर ट्रेनर की भूमिका निभाई, बल्कि अपने-अपने जिलों और आसपास के क्षेत्रों में सैकड़ों बच्चों को सुरक्षित तैराकी सिखाई तथा जल जनित आपदाओं से निपटने की दिशा में एक ठोस सामाजिक योगदान भी दिया।
उपलब्धियां:
राकेश कुमार (कटिहार) ने मनसाही, मनिहारी एवं जमुई में 500 से अधिक बच्चों को सुरक्षित तैराकी का प्रशिक्षण दिया।
गुड्डू कुमार (सारण) ने कैमूर, बक्सर और सारण जिलों में 500 से अधिक बच्चों को तैराकी की बारीकियाँ सिखाईं।
जितेन्द्र सहनी (मुंगेर) ने अपने जिले के विभिन्न हिस्सों में 280 से अधिक बच्चों को प्रशिक्षण देकर जल सुरक्षा के प्रति सजग बनाया।
इन प्रशिक्षकों ने न केवल प्रशिक्षण कार्य किया, बल्कि अपने स्तर पर स्थानीय समुदायों में डूबने की घटनाओं के प्रति जागरूकता अभियान भी चलाया। इनके प्रयासों के चलते कई स्थानों पर बच्चों व युवाओं में नदियों व जलाशयों के प्रति सुरक्षित व्यवहार की आदत विकसित हुई। इनके द्वारा समय रहते किए गए सतर्क प्रयासों से कई दुर्घटनाओं में जान बचाने जैसी सराहनीय घटनाएं भी सामने आई हैं, जो इनके सामाजिक उत्तरदायित्व की गवाही देते हैं।
BSDMA का यह अभिनव ‘सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम’, वर्तमान में राज्य के 19 जिलों में 6 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के बीच संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य केवल तैराकी सिखाना नहीं, बल्कि पूरे समाज को जल जनित आपदाओं विशेषकर डूबने की घटनाओं के प्रति सजग व सशक्त बनाना है।
यह सम्मान समारोह एक प्रतीक है उस समर्पण, जागरूकता और सेवा भावना का, जो हमारे मास्टर ट्रेनर्स के भीतर है। BSDMA आशा करता है कि इनकी प्रेरणादायी यात्रा और सेवाभाव अन्य प्रशिक्षकों, युवाओं एवं स्वयंसेवकों को भी जल सुरक्षा अभियान से जुड़ने हेतु प्रेरित करेगा।
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