सनातन महाकुंभ" का भव्य आयोजन 6 जुलाई को पटना के गांधी मैदान में तैयारी जोड़ो पर ।
भगवान परशुराम जन्म महोत्सव के पावन समापन अवसर पर 6 जुलाई 2025 (रविवार) को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में एक दिव्य और विराट "सनातन महाकुंभ" का आयोजन किया जा रहा है जिसकी जानकारी राम कर्मभूमि न्यास के संरक्षक पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन के सभागार में प्रेस वार्ता कर जानकारी दी ।
बताया कि इस महायोजन का उद्देश्य भारत की सनातन चेतना को जागृत करना, सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करना और सांस्कृतिक एकता को सशक्त रूप देना है। इस महाकुंभ का आयोजन "श्री राम कर्मभूमि न्यास" द्वारा किया जा रहा है, जो वर्षों से भारतीय आध्यात्मिक पुनरुत्थान एवं सांस्कृतिक जागरण के लिए समर्पित है।
इस महाकुंभ में देशभर से प्रतिष्ठित शंकराचार्यगण, जगद्गुरु, महामंडलेश्वर, मठाधीश, संत-आचार्य, तथा विविध सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थाएँ भाग लेंगी। इस पावन अवसर पर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज की विशिष्ट उपस्थिति रहेगी, जो अपनी दिव्य वाणी, अपार विद्वत्ता एवं सनातन दृष्टिकोण के लिए समस्त देश में श्रद्धा के केंद्र हैं साथ ही बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी हनुमत संवाद कार्यक्रम में भाग लेंगे ।
देश के प्रमुख शंकराचार्य पीठों के पीठाधीश्वर, प्रमुख अखाड़ों तथा वेद-संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इस ऐतिहासिक आयोजन की शोभा बढ़ाएँगे साथ ही कई राजनीतिक क्षेत्र के दिग्गज शामिल होंगे जैसे बिहार के मुख्यमंत्री,राजस्थान के मुख्यमंत्री,योगआदित्यनाथ,कई राज्य के उपमुख्यमंत्री,बिहार समेत अन्य राज्य के महामहिम राज्यपाल गण भी शामिल होंगे संभवत: नितिन गड़करी की भी आगमन हो सकती है ।
चौबे ने कहा कि यह महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक राष्ट्र जागरण का सामाजिक-सांस्कृतिक महायज्ञ है, जिसमें युवाओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं साधकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
वैचारिक संगोष्ठी – “भगवान श्री परशुराम की प्रतीक्षा”
महाकुंभ के अंतर्गत एक गहन वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसका विषय है – “भगवान श्री परशुराम की प्रतीक्षा”। यह विषय केवल धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि एक सामाजिक-सांस्कृतिक संदेश है, जो समता, न्याय और सशक्त समाज के निर्माण की प्रेरणा देता है।
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एवं राम कर्मभूमि न्यास के संरक्षक श्री अश्विनी कुमार चौबे ने स्पष्ट किया है कि "परशुराम की प्रतीक्षा" किसी व्यक्ति विशेष के अवतरण की प्रतीक्षा नहीं, बल्कि उस जाग्रत चेतना का पुनरुत्थान है जो अन्याय के विरुद्ध खड़ी होती है, समरसता को स्थापित करती है, और सनातन मूल्यों के आलोक में राष्ट्र का नव निर्माण करती है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत आज विकास के मार्ग पर तीव्र गति से अग्रसर है, और यह विकास तभी सार्थक होगा जब समाज में न्याय, नीति, समता और सनातन संस्कृति के मूल तत्व पुनः प्रतिष्ठित होंगे।
"सनातन संग भारत" – जन चेतना अभियान की शुरुआत
इस अवसर पर "सनातन संग भारत – जन चेतना अभियान" का शुभारंभ भी किया जाएगा। इसके अंतर्गत बिहार सहित संपूर्ण भारतवर्ष में सनातन विचारधारा, पर्यावरण-सम्मत जीवनशैली और सामाजिक समरसता पर आधारित संवाद, कार्यशालाएँ, विचार गोष्ठियाँ एवं जन संपर्क कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य युवाओं को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ना और राष्ट्र निर्माण में उनकी रचनात्मक भूमिका सुनिश्चित करना है।
विशेष स्मारिका का प्रकाशन
इस पावन आयोजन के उपलक्ष्य में एक विशेष स्मारिका भी प्रकाशित की जाएगी, जिसमें देश के प्रतिष्ठित संतों, विचारकों, शिक्षाविदों, सामाजिक नेताओं और संस्थाओं के शुभकामना संदेश, वैचारिक लेख एवं शोध आलेख संकलित किए जाएंगे। आयोजन समिति ने सभी संत-महात्माओं, संस्थाओं, बुद्धिजीवियों एवं सनातन अनुरागियों से आग्रह किया है कि वे अपना शुभकामना संदेश अथवा आलेख शीघ्र प्रेषित करें।
आयोजन को लेकर राज्यभर में परशुराम सनातन रथ यात्रा भी निकाली जा रही है, जिसके माध्यम से जन-जन तक इस आयोजन का संदेश पहुँचाया जा रहा है। स्वयं श्री अश्विनी कुमार चौबे जी रथ पर सवार होकर बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। कल उन्होंने पटना के आसपास रथ यात्रा के माध्यम से जनसंवाद किया तथा आज पुर्वी शाहाबाद की ओर प्रस्थान कर रहे हैं।
इस अभियान में प्रमुख रूप से अभिजीत कश्यप, कृष्णकांत ओझा, अर्जित शाश्वत चौबे,रजनीश तिवारी ,संजय चौधरी ,अमरेंद्र त्रिपाठी आदि प्रेस वार्ता मौजूद रहें सभी कार्यकर्ता सक्रिय रूप से सहभागी हैं।
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