"सैंया भए कोतवाल तो अब डर काहे का "  बिहार में अपराध करने वालों को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है :  एजाज अहमद

"सैंया भए कोतवाल तो अब डर काहे का " बिहार में अपराध करने वालों को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है : एजाज अहमद

बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बिहार में जिस तरह से पुलिस पर हमले हो रहे हैं और सरकार के स्तर से कार्रवाई करने में कोई गंभीरता नहीं दिख रही है, इससे स्पष्ट रूप से समझ में आता है कि बिहार में eकिस तरह का राज चल रहा है। 
जहां अपराध और अपराधियों को  सत्ता के माध्यम से कहीं ना कहीं संरक्षित किया जा रहा है । और ऐसे लोगों के मनोबल को बढ़ाने में सत्ता के संरक्षण का ही प्रमाण मिलता है, तभी तो अपराध करने वालों की समझ बन गई है कि " सैंया भए कोतवाल तो अब डर काहे का "। इस तरह से लगातार हो रही वारदातें शासन और प्रशासन के गिरते मनोबल का ही परिणाम है कि राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस पर हमले हो रहे हैं ,और पुलिस पदाधिकारी की जान ली जा रही है । और सरकार के स्तर से जो कार्रवाई दिखनी चाहिए ,वह कार्रवाई कहीं नहीं दिख रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बिहार में महाजंगल राज की स्थिति है। 
  इन्होंने आगे कहा कि 2005 के पहले की रट लगाने वाले यह बताएं कि 2005 से 2025 के दरमियान कितनी हत्याएं हुई  है,कितने बलात्कार की घटनाएं हुई है, कितने लूट  की वारदातें हुई है,और कितने पुलिस पदाधिकारी को पीट-पीट कर मौत के घाट उतारा गया। इन सभी मामलों के आंकड़ों को  डबल इंजन सरकार के स्तर से प्रस्तुत किया जाए, ताकि पता चल सके कि बिहार में किस तरह का राज चल रहा है । 
ऐसा लग रहा है कि बिहार में शासन और प्रशासन को पंगु बनाने का सरकार के स्तर से  कार्य किया जा रहा है।  जिस कारण पुलिस का मन और मनोबल पूरी तरह से गिर गया है, जिसका परिणाम है लगातार पुलिस  पर हमला और सरकार का इकबाल समाप्त हो जाना।

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