भगदड़ प्रबंधन और सुरक्षित आयोजन सुनिश्चित करने के लिए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में उच्च स्तरीय बैठक संपन्न

भगदड़ प्रबंधन और सुरक्षित आयोजन सुनिश्चित करने के लिए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में उच्च स्तरीय बैठक संपन्न

- सुरक्षित आयोजनों के लिए प्राधिकरण की उच्च स्तरीय बैठक: भगदड़ प्रबंधन पर हुई विस्तृत चर्चा
- बिहार में भगदड़ रोकने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नई रणनीतियों का निर्धारण

18-02-2025, पटना | बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सभागार में मंगलवार को राज्य में भगदड़ की घटनाओं को रोकने और प्रभावी आपदा प्रबंधन हेतु एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक प्राधिकरण के माननीय उपाध्यक्ष डॉ. उदय कांत की अध्यक्षता में एवं प्राधिकरण के माननीय सदस्य श्री पी.एन. राय, श्री कौशल किशोर मिश्र, श्री नरेंद्र सिंह एवं श्री प्रकाश कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित की गई।
बैठक में गृह विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यटन विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, गृह रक्षा वाहिनी-सह-अग्निशमन सेवाएँ, सिविल डिफेन्स, नगर आयुक्त, नगर निगम, पटना, एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ. सहित विभिन्न हितधारक विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य में भगदड़ से बचाव और पूर्व तैयारी पर व्यापक चर्चा की गई। इस दौरान भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा मानकों, आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता, अफवाहों के खंडन, बजट प्रावधान, जागरूकता अभियानों और आपदा न्यूनीकरण से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
चर्चा के प्रमुख बिंदु
1. सुरक्षित आयोजनों के लिए प्रभावी रणनीति
o धार्मिक और सामूहिक आयोजनों में पूर्व निर्धारित योजना, समयबद्ध क्रियान्वयन, और नियमित मॉक अभ्यास को अनिवार्य बनाया जाएगा।
o गोल्ड कमांडर सिस्टम अपनाने का निर्णय लिया गया, जिसमें प्रत्येक आयोजन स्थल पर मुख्य कमांडर (Gold Commander) और डिप्टी कमांडर (Silver Commander) तैनात रहेंगे।
o पुलिस, नगर निगम, स्वास्थ्य, बिजली, जल आपूर्ति एवं आपातकालीन सेवाओं के बीच स्पष्ट समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा।
2. भगदड़ रोकने के लिए तकनीकी और प्रशासनिक उपाय
o CCTV कैमरों की निगरानी को प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे वास्तविक समय में भीड़ प्रबंधन किया जा सके।
o कंट्रोल पैनल और साउंड अरेंजमेंट के जरिए लोगों को सही और समय पर सूचनाएँ प्रदान की जाएंगी, जिससे भ्रम और अफवाहों को रोका जा सके।
o पुलिस बल की पर्याप्त प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित की जाएगी और उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
3. पूर्व की घटनाओं से सीख लेकर नई रणनीति का निर्माण
o भगदड़ की पूर्व घटनाओं का विश्लेषण कर एक प्रभावी रणनीति तैयार की जाएगी।
o भीड़ प्रबंधन की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं (Good Practices) को अपनाया जाएगा, जिससे राज्य में धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनों को सुरक्षित बनाया जा सके।
o लोकल स्टेकहोल्डर्स, स्वयंसेवकों और आपदा प्रबंधन टीमों को शामिल कर सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
इस अवसर पर माननीय उपाध्यक्ष ने कहा कि भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिए हमें मजबूत पूर्व योजना और सतर्कता अपनानी होगी। कंट्रोल पैनल, साउंड सिस्टम, पुलिस बल की तैनाती और अफवाहों के खंडन जैसी व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। हम सुनिश्चित करेंगे कि हर आयोजन स्थल पर आपातकालीन सेवाएँ उपलब्ध हों और सुरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन हो। साथ ही भीड़ प्रबंधन के लिए रिमोट सेंसिंग, मशीन लर्निंग जैसे एआई टूल के माध्यम से निगरानी और मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाएगी।
माननीय सदस्य श्री पी.एन. राय ने कहा कि आपदा से बचाव का पहला कदम सतर्कता और पूर्व योजना है। सुरक्षा चक्र को मजबूत करने के लिए हमें आयोजनों के दौरान सभी संभावित खतरों की पहचान करनी होगी। उचित लॉजिस्टिक्स व्यवस्था, फायर सेफ्टी, निकासी मार्ग और प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं को सुनिश्चित करना आवश्यक है।
वहीं महानिदेशक, सिविल डिफेन्स श्री जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि भीड़ नियंत्रण और सुरक्षित आयोजन सुनिश्चित करने के लिए विभागों और हितधारकों के बीच स्पष्ट समन्वय अनिवार्य है। ‘गोल्ड कमांडर सिस्टम’ अपनाने से प्रत्येक आयोजन स्थल पर स्पष्ट कमांड संरचना स्थापित होगी, जिससे आपातकालीन स्थितियों में त्वरित और प्रभावी निर्णय लिए जा सकेंगे।
भीड़ प्रबंधन पर समग्र रणनीति तैयार करने हेतु व्यापक चर्चा के उपरांत सभी हितधारक विभागों ने राज्य भर में भीड़ प्रबंधन और आपदा न्यूनीकरण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने, समुचित बजट प्रावधान कर आपातकालीन सेवाओं को सुदृढ़ बनाया जाने और आगामी दुर्गा पूजा, छठ पूजा, मुहर्रम और अन्य आयोजनों के दौरान सुरक्षा मानकों को कड़ाई से लागू किए जाने के लिए मिलकर कार्य करने और राज्य को भगदड़ से सुरक्षित रखने पर आम सहमति व्यक्त की।
इस अवसर पर प्राधिकरण के सचिव मो. वारिस खान सहित विभिन्न हितधारक विभागों के वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं प्राधिकरण के पदाधिकारियों की उपस्थिति रही। मंच संचालन प्राधिकरण के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. जीवन कुमार ने किया।

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