पार्टी की स्थापना के 30 साल भी राजद ने एक दलित को राज्यसभा नहीं भेजा, दलितों से इनका प्रेम दिखावटी- श्याम सुंदर शरण
*जीतन राम मांझी पर बोलने से पहले राजद नेता होश में रहें, मांझी का 9 महीने का मुख्यमंत्री कार्यकाल 15 साल के लालू-राबड़ी शासनकाल पर भारी- श्याम सुंदर शरण*
पटना। ‘मुखिया का चुनाव भी नहीं जीत सकते जीतन राम मांझी’ राजद नेता कुमार सर्वजीत के इस बयान पर हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि "यह बयान सर्वजीत की राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है। जीतन राम मांझी एक अनुभवी नेता हैं और उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में 9 महीने काफी बेहतर कार्य किया है। राज्य के विकास के लिए उन्होंने 34 सूत्री विकास का एजेंडा भी बनाया था, जो आज के तारीख में लागू हो रहा है। 15 साल के लालू-राबड़ी शासन काल पर 9 महीने भारी है।
लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव जी के पार्टी नेताओं में होश में रहकर बात करनी चाहिए। हम दलित समागम के कार्यक्रम में उनके पेट में मरोड़ उत्पन्न होने लगा है और फालतू की बयानबाजी कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रहते हुए जीतन राम मांझी लगातार प्रदेश के विकास कार्यों में लगे हुए है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के इतिहास में पार्टी की स्थापना के बाद से अब तक 30 साल में एक भी दलित नेता राज्यसभा नहीं भेजा गया। यह तथ्य राजद की दलित विरोधी नीतियों और उनके प्रति उपेक्षा को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि अब, 28 फरवरी को गांधी मैदान, पटना में आयोजित दलित समागम से राजद खेमे में बेचैनी बढ़ गयी है। यह समागम दलित समुदाय के लोगों को एक मंच पर लाने और उनकी समस्याओं पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया है। जिसमें दलितों के अधिकारों पर चर्चा की जायेगी। प्रदेश के सभी जिलों से लाखों दलित भाई-बहन इसमें शामिल होंगे। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को अपमानित करने वाले महागठबंधन के नेताओं को बिहार की जनता इसी बिहार विधानसभा चुनाव में सबक सिखाएगी।
0 Response to "पार्टी की स्थापना के 30 साल भी राजद ने एक दलित को राज्यसभा नहीं भेजा, दलितों से इनका प्रेम दिखावटी- श्याम सुंदर शरण"
एक टिप्पणी भेजें