समाहरणालय में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना तथा राष्ट्रीय बालिका दिवस विषय पर कार्यक्रम का आयोजन
राज्य सरकार के अनेक महत्वपूर्ण निर्णयों से महिला सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त हुआः जिलाधिकारी
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नारी स्वतंत्रता, समानता एवं न्याय के लिए बालिका शिक्षा अत्यावश्यकः डीएम
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पूरे आईसीडीएस परिवार पर जिला प्रशासन को गर्व; हमारे महिला पदाधिकारी तथा कर्मी महिला सशक्तिकरण, नारी स्वतंत्रता, समानता एवं न्याय के ब्रैंड-एम्बेसडरः डीएम
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पटना, गुरूवार, दिनांक 30.01.2025ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि नारी स्वतंत्रता, समानता एवं न्याय के लिए बालिका शिक्षा अत्यावश्यक है। वे आज समाहरणालय स्थित सभागार में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने तथा राष्ट्रीय बालिका दिवस विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अनेक महत्वपूर्ण निर्णयों ने महिला सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त किया है। बिहार में महिलाओं की स्थिति में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि हमारे महिला पदाधिकारी एवं कर्मी महिला सशक्तिकरण, नारी स्वतंत्रता, समानता एवं न्याय के लिए ब्रैंड-एम्बेसडर हैं। पूरे आईसीडीएस परिवार पर जिला प्रशासन को गर्व है। उन्होंने बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों तथा अन्य महिला पदाधिकारियों को क्षेत्र भ्रमण के दरम्यान विद्यालयों में बालिकाओं से इन्टरएक्शन करने की भी प्रोरणा दी।
विदित हो कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर पूरे पटना जिला में 22 जनवरी से 8 मार्च तक विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय बालिका दिवस (24 जनवरी) के अवसर पर भी बालिका शिक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन, पटना द्वारा सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप महिला शिक्षा एवं महिला सशक्तिकरण की दिशा में नियमित तौर पर अभियान चलाया जाता है। नारी शिक्षा संदेशों को नुक्कड़-नाटकों के माध्यम से पूरे जिला में प्रसारित किया जा रहा है। आईसीडीएस द्वारा बालिका स्वास्थ्य, लैंगिक संवेदीकरण, पीसी-पीएनडीटी, कौशल विकास, क्षमतावर्द्धन इत्यादि विषयों पर रैली, माता समूहों के साथ बैठक, किशोरी समूहों के साथ बैठक, प्रश्नोत्तरी, निबंध एवं रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन, जीविका समूहों के साथ बैठक, ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) आदि का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म कार्य योजना के अनुसार वार्ड, आंगनबाड़ी केन्द्रों, बाल विकास परियोजनाओं तथा जिला स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। डीएम डॉ. सिंह ने विभिन्न विभागों यथा स्वास्थ्य, पंचायती राज, कल्याण, बाल संरक्षण, जीविका, शिक्षा, आईसीडीएस, पीएचईडी आदि के जिला-स्तरीय पदाधिकारियों को अन्तर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित कर जन-जागरूकता फैलाने का निदेश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि लिंग-आधारित हिंसा को रोकने के लिए पूरे जिला में सघन अभियान चलाया जाए। लिंग-भेद को समाप्त करने के लिए नियमित तौर पर जागरूकता अभियान संचालित किया जाए। आदर्श समाज की स्थापना के लिए हम सबको प्रयत्नशील रहना होगा। उन्होंने पदाधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ सरकार की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन करने का निदेश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि लक्षित वर्गों तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुँचे इसके लिए पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करें।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा भी बाल विवाह, दहेज प्रथा तथा अन्य सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए समाज सुधार अभियान चलाया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा नारी की गरिमा के विरूद्ध है। हम सबका दायित्व है कि इसे दूर करने के लिए लोगों को संवेदनशील करें।
आज के इस कार्यक्रम में डीएम डॉ. सिंह ने महिलाओं की समाजिक स्थिति में क्रमिक परिवर्तन एवं व्यावहारिक पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया। ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में पितृसत्तात्मक परिवार की स्थापना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि परम्परागत रूप से यह चल रहा है। सदियों से यह हम सबके संस्कार में बस गया है। इसमें परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जागरूकता से ही यह समाप्त होगी। अपने व्यक्तिगत अनुभवों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व में जब भी केन्द्रीय विद्यालय में नामांकन हेतु अभिभावकों द्वारा उनसे अनुरोध किया जाता रहा है तो वे उस अभिभावक के पुत्र के नामांकन की जगह पुत्री के नामांकन को ही प्राथमिकता देते थे।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लड़का और लड़की दोनों बराबर है। महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग एवं जागरूक होने की आवश्यकता है। इसके लिए बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देना पड़ेगा तभी समाज से भेद-भाव मिट सकता है। उन्होंने कहा कि पुरूष एवं महिला दोनों को अपनी विशिष्टियों को कायम रखना होगा।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि महिलाओं के विकास के लिए आर्थिक स्वतंत्रता निर्णायक है। इसके बिना नारी स्वतंत्रता, समानता या न्याय के उद्देश्य की प्राप्ति नहीं हो सकती है।
कार्यक्रम की शुरूआत में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आईसीडीएस) श्रीमती आभा प्रसाद ने जिला पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों तथा आगंतुकों का स्वागत किया। उन्होंने की जा रही गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। उप विकास आयुक्त श्री समीर सौरभ द्वारा बालिका शिक्षा के महत्व के बारे में बताया गया।
कार्यक्रम में डीएम डॉ. सिंह एवं माननीय जिला परिषद् अध्यक्षा श्रीमती अंजू देवी द्वारा मैट्रिक एवं इन्टरमीडिएट परीक्षा, 2024 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिला की बालिकाओं को पुरस्कृत किया गया। जिलाधिकारी ने सभी बच्चियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम के पश्चात डीएम डॉ. सिंह ने माननीय जिला परिषद् अध्यक्षा के साथ समाहरणालय से बालिकाओं एवं महिला अधिकारियों की स्कूटी एवं साईकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके द्वारा समाज के बीच बालिका शिक्षा एवं महिला सशिक्तकरण के संदेशों को प्रसारित किया गया।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों का सर्वांगीण विकास प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी सम्बद्ध पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें।
आज के इस अवसर पर डीएम डॉ. सिंह के साथ उप विकास आयुक्त, पद्मश्री सुधा वर्गीस, अध्यक्षा, जिला परिष्द, डीपीओ आईसीडीएस, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं अन्य भी उपस्थित थे।
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