आज जिलाधिकारी पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, द्वारा मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत  स्पॉन्सरशिप योजना में 81 पुराने लाभार्थियों को स्वीकृति की समीक्षा की गई।

आज जिलाधिकारी पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, द्वारा मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत स्पॉन्सरशिप योजना में 81 पुराने लाभार्थियों को स्वीकृति की समीक्षा की गई।

आज जिलाधिकारी पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, द्वारा मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत  स्पॉन्सरशिप योजना में 81 पुराने लाभार्थियों को स्वीकृति की समीक्षा की गई। इस योजना के तहत अब तक 720 बच्चों को जोड़ा जा चुका है, जिससे पटना बिहार राज्य में अग्रणी जिला बन गया है।

जिलाधिकारी द्वारा निम्नलिखित बिंदुओ की समीक्षा की गई:-
• पुराने 81 स्वीकृत लाभुको का फॉलोअप किया गया 
• फॉलोअप जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना के सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं आउटरीच वर्कर द्वारा होम एवं स्कूल जाँच रिपोर्ट तैयार की गई । जिसमे देखा गया की बच्चो की उचित देखभाल हो रही है या नहीं ।
• पूर्व में स्वीकृत 81 लाभुको में से 10 लाभुको की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने के कारण अब योजना का लाभ नहीं ले सकते हैंl
• 04 लाभुको को अभिभावक की मृत्यु होने के कारण उनकी योजना की नवीनीकरण नए अभिभावक के नामांकन होने तक स्थगित की गई। नए अभिभावक के पूर्ण विवरण (दस्तावेज सहित) प्राप्त होने पर पुनः सहायता बहाल की जाएगी।
• 67 पात्र लाभुको को सहायता की राशि दिनांक-01.02.2025 से अगले एक वर्ष के लिए अनुमोदित की गयी हैं।

इन परिस्थितियों में स्पॉन्सरशिप योजना की पात्रता समाप्त हो जाती है l

• बच्चे की आयु 18 वर्ष पूर्ण हो गई हो।
• परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ हो और वे स्वेच्छा से सहायता छोड़ना चाहें।
• बच्चे की स्कूल उपस्थिति 30 दिनों से अधिक अनियमित हो (विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को छोड़कर)।
• बच्चे की स्वास्थ्य समस्याओं के कारण माता-पिता उसकी उचित देखभाल करने में असमर्थ हों।
• दोनों माता-पिता अक्षम हो गए हों या बच्चे की देखभाल करने में असमर्थ हों (इस स्थिति में प्रायोजन सहायता किसी अन्य अभिभावक को हस्तांतरित की जा सकती है)।
• बच्चा और परिवार तीन माह तक साथ रहने के बाद भी समायोजित नहीं हो पा रहे हों।यह योजना कमजोर परिवारों के बच्चों को उनके सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश में रहकर जीवनयापन का अवसर प्रदान करती है, जिससे उनके विस्थापन को रोका जा सके।

स्पॉन्सरशिप योजना की मुख्य बातें:
• मासिक सहायता : प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह ₹4,000/- की राशि प्रदान की जाएगी, जो 18 वर्ष की आयु तक जारी रहेगी।
• उद्देश्य: बच्चों को उनके जैविक परिवार के साथ रहकर शिक्षा जारी रखने में सहायता प्रदान करना, ताकि वे अपने सामाजिक परिवेश में सुरक्षित और सशक्त रह सकें।

प्रयोजन योजना के पात्रता मानदंड:-
1. मां विधवा, तलाकशुदा या परिवार द्वारा परित्यक्त हो।
2. बच्चे अनाथ हैं और विस्तारित परिवार के साथ रह रहे हैं।
3. माता-पिता जीवन को खतरा देने वाली बीमारी के शिकार हैं।
4. माता-पिता वित्तीय और शारीरिक रूप से बच्चों की देखभाल करने में असक्षम हैं।
5. बाल न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अनुसार देखभाल और संरक्षण की    
       आवश्यकता वाले बच्चे।
6. पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना के अंतर्गत आने वाले बच्चे।
      आर्थिक मानदंड:
• ग्रामीण क्षेत्रों के लिए: ₹72,000/- प्रति वर्ष
• अन्य क्षेत्रों के लिए: ₹96,000/- प्रति वर्ष
आवेदन के लिए आवश्यक अभिलेख: आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण           
 पत्र, और शिक्षण संस्थान में पंजीयन का प्रमाण पत्र।

आवेदन जमा करने का स्थान है जिला बाल संरक्षण इकाई, समाहरणालय, गांधी मैदान, पटना और बाल कल्याण समिति, पटना,( बाल गृह, अपना घर, ललित भवन के पीछे)।

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