43वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में बिहार मंडप बना आकर्षक का केंद्र; विकसित बिहार 2047 के प्रयासों का हुआ व्यापक प्रदर्शन

43वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में बिहार मंडप बना आकर्षक का केंद्र; विकसित बिहार 2047 के प्रयासों का हुआ व्यापक प्रदर्शन


*उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने 43वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में बिहार मंडप का किया उद्घाटन; विकसित बिहार 2047 के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट की* 

75 स्टाल के माध्यम से बिहार की कला, संस्कृति और विरासत का अभूतपूर्व प्रदर्शन 

पटना/नई दिल्ली, 24 नवंबर 2024: राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला के 43वें संस्करण में आज बिहार मंडप अपने खास थीम "विकसित बिहार @2047" के साथ आकर्षण का केंद्र बना रहा। बिहार के माननीय उद्योग एवं पर्यटन मंत्री श्री नीतीश मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर बिहार मंडप और सांस्कृतिक कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने बिहार मंडप का परिभ्रमण भी किया और इसपर पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

पिछले वर्षों में बिहार के तीव्र विकास दर के बारे में बात करते हुए, माननीय मंत्री श्री नीतीश मिश्रा ने कहा, "बिहार 2006 के बाद से लागतार 8% से अधिक की विकास दर बनाए हुए। इस विकास दर ने सबका ध्यान खींचा है, खासकर निवेशकों का।हमने बुनियादी ढांचे के तीव्र विकास और इन्वेस्टर फ्रेंडली औद्योगिक नीतियों के कारण निवेश आकर्षित करना शुरू कर दिया है। केवल अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 के बीच राज्य को 5,400 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश प्राप्त हुआ है। यह एक अभूतपूर्व उपलब्धि है और बिहार लिए निश्चित रूप से यह बेहद गर्व की बात है।"

बिहार इस साल पार्टनर स्टेट है, इसलिए बिहार मंडप को इस मेला के थीम विकसित भारत 2047 के अनुरूप तैयार किया गया है। बिहार सरकार के उद्योग विभाग ने उद्योग मित्र टीम की मदद से इस पूरे कार्यक्रम और प्रदर्शनी को मूर्त रूप दिया है। श्री निखिल धनराज निपाणीकर इस प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी हैं।

बिहार मंडप में कुल मिलाकर 75 स्टाल शामिल है, जिसमें राज्य के हैंडलूम, खादी, और हस्तकरघा उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। नालंदा की बब्बन बूटी, भागलपुरी रेशम, मिथिला की मधुबनी पेंटिंग, पटना की टिकुली कला और अन्य कलाकृतियों को बिक्री और प्रदर्शन के लिए रखा गया है।

मंडप को बिहार की विशेष सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के थीम के इर्द-गिर्द तैयार किया गया है। प्रवेश द्वार को "सभ्यता द्वार" के रूप में तैयार किया गया है, जो "विकसित बिहार 2047" के लोगो से सुसज्जित है। यह लोगो उगते सूरज की अवधारणा से प्रेरित है और पांच प्रमुख क्षेत्रों में बिहार के विकास को दर्शाता है: कला और संस्कृति, उद्योग, पर्यटन, महिला सशक्तिकरण, और सामाजिक विकास।

मंडप के केंद्र में बिहार संग्रहालय है, जो अपने कई खूबसूरत प्रदर्शनी से आगंतुकों को आकर्षित करता है। इसकी दीवारों पर आधुनिक नालंदा विश्वविद्यालय की 3डी पेंटिंग और प्रतिष्ठित बुद्ध ब्रिज को भी प्रदर्शित किया गया है। अन्य दीवारें बिहार के प्रसिद्ध पद्मश्री कलाकारों द्वारा बनाई गई मधुबनी, मंजूषा और टिकुली कला से अलंकृत हैं।

मंडप में पारंपरिक कला रूपों-मधुबनी पेंटिंग, टेराकोटा कला और सिक्की शिल्प का प्रदर्शन किया गया है। इस इंटरैक्टिव डिस्प्ले के माध्यम से, आगंतुक बिहार की समृद्ध कला को देख और अनुभव कर सकते हैं!
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