जनसुराज - भाजपा को सत्ता में आने का रास्ता आसान करेगी - मोर्चा
1990 से 2024 अब तक बिहार में पिछड़ों की सरकार है जो स्वर्णों विशेषकर भाजपा को स्वीकार नहीं है। उक्त बातें आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमाल अशरफ राइन ने कहा।
श्री अशरफ ने कहा कि स्वर्ण नेतागणों को राजद हो या जदयू कि पांच सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाली लोजपा (रामविलास) ही क्यों ना हो उन्हें सभी जगह मान - सम्मान के साथ आबादी से ज्यादा हिस्सेदारी मिल रही है चुंकि विगत 35 वर्षों से नेतृत्व में यह लोग नहीं है और सियासी तौर पर यह भाजपा और कांग्रेस के साथ रहें हैं बिहार में कांग्रेस कमजोर है और राष्ट्रीय स्तर पर भी दिख रहा है कि भाजपा ही बेहतर है इसलिए स्वर्णों का झुकाव भाजपा की ओर ही है। उन्होंने कहा कि स्व रघुवंश प्रसाद सिंह,स्व रघुनाथ झा, शिवानंद तिवारी, मनोज झा, जगता नंद सिंह,ललन सिंह, संजय झा,देवेश चंद्र ठाकुर, विजय कुमार चौधरी, नीरज सिंह, आनंद मोहन, अनंत सिंह इत्यादि नेतागणों ने राजद और जदयू से सम्मानजनक हिस्सेदारी पाया है।
श्री अशरफ ने कहा कि राजद पर परिवार वाद और जंगल राज के आरोप ने उसे सत्ता से बाहर कर दिया,माई समीकरण की सरकार अब सत्ता में आने के लिए ए टू जेड और "बाप" आदि समीकरण के सहारे सत्ता में दोबारा आना चाहती जबकि सच्चाई यही है कि यादव और मुसलमान ही राजद के मुख्य वोटर रहे हैं समय समय पर यादवों ने पाला बदला भी है लेकिन मुसलमान हमेशा राजद के साथ गोलबंद रहा है। उन्होंने कहा कि राजद ने हमेशा उच्च वर्गीय मुसलमानों को ही अहमियत दिया और पिछड़े, अति पिछड़ें मुसलमानों को हमेशा नजरंदाज किया है।
श्री अशरफ ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू को अति पिछड़ें, महादलित,आधी आबादी महिलाएं और कुछ मुसलमान वोट करते हैं जबकि नीतीश कुमार ने इमानदारी से समाज के हर तबके के लिए काम किया है उसके अलावा बुनियादी सुविधाएं सड़क, पुल-पुलिया, गांव-गांव बिजली,हर घर को पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए बेहतर योजनाएं, गरीबों को मुफ्त दवा वितरण में अभी बिहार नम्बर वन की श्रेणी में आया है, शराब बंदी, दहेज बंदी कर समाजिक बुराई को समाप्त करने की कोशिश की है, लाखों नौजवानों को सरकारी नौकरी देने के अलावा बेरोजगारी समाप्त करने के लिए दस लाख का आसान लोन जिसमें पांच लाख ही वापस करना है, उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट्स कार्ड के द्वारा आर्थिक सहायता, तालीमी मकतबों द्वारा हर घर के बच्चे को बुनियादी शिक्षा घर घर पहुंचाना, महिलाओं के लिए अनेकों योजनाएं आदि बहुत सारे काम नीतीश कुमार ने किया है जिसके कारण उन्हें किनारे करना किसी के लिए आसान नहीं है भाजपा हो या राजद दोनों नीतीश कुमार के बगैर अधूरे हैं।
श्री अशरफ ने कहा कि जो सामंती विचार के लोग हैं उन्हें पंचायतों में आरक्षण, आरक्षण कोटे की बढ़ोतरी, जाति-आधारित गन्ना आदि बर्दाश्त नहीं हो पा रहा है इसलिए बड़ी प्लानिंग के तहत जनसुराज का गठन कराया गया है और शुरू से मेन टारगेट नीतीश कुमार को ही किया गया है गांव-गांव घूमकर पिछड़े,अति पिछड़ें, दलित, महादलित और मुस्लिम समाज के वैसे लोगों को चुना जा रहा है जो जिला परिषद के चेयरमैन,मेयर, मुखिया आदि हों और वैसे लोग जिनका उनके समाज में कुछ भी पकड़ हो, इज्जत हो और वैसे लोग जो विधायक, मंत्री बनने के लिए लालायित हो और राजद, जदयू समेत किसी ने मौका नहीं दिया हो, पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक सबकी सूची तैयार है राजद , जदयू, कांग्रेस आदि के साथ भाजपा का जहां सीटींग सीटें हैं वह तो पता है कि कौन किस जाति - धर्म का विधायक हैं वहां की तैयारी हो चुकी होगी कि जनसुराज से उम्मीदवार कौन होगा बाकी सीटों पर उम्मीदवारों को देखकर उम्मीदवार बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो जनसुराज नयी पार्टी बनी है पद यात्रा से सबकुछ देख समझ भी लिए हैं तो चुनाव से पहले पूरे 243 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का नाम जनसुराज के नेता एलान करें।
श्री अशरफ ने कहा 2020 में प्रैक्टिकली चिराग पासवान का इस्तेमाल कर जदयू को कमजोर किया गया है कमजोर होते हुए भी नीतीश कुमार भाजपा के गले की हड्डी बने हुए हैं ,राजद को यह लोग किसी भी समय निपटा देंगे असल टारगेट नीतीश कुमार ही हैं बिहार की जनता को समझने की जरूरत है वरना शिक्षा की आड़ में हर घर को शराबी बनाया जाएगा और पिछड़ों अति पिछड़ों के अधिकारों पर हमला होगा एवं एक दफा अगर भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बिहार में बना लिया तब बुलडोजर, मौबलिंचिंग, दंगा-फसाद, नफरत की सियासत का बोलबाला होगा किसी की कुछ सुनवाई नहीं होगी यह बिहार की जनता को समझने की जरूरत है।
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