का. सुनील चन्द्रवंशी की हत्या के खिलाफ अरवल बंद रहा असरदार*
*पूरे बिहार मे हुआ प्रतिवाद, सभी अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी हो, परिजनों को 10 लाख रु. मुआवजा और सरकारी नौकरी दो*
*भाजपा-जदयू सरकार अपराधियों-सामन्तों का मनोबल बढ़ाने में लगी है*
*दलित-अतिपिछड़ा विरोधी है भाजपा-जदयू सरकार*
पटना 11 सितम्बर 2024
भाकपा-माले नेता व सामाजिक कार्यकर्ता सुनील चन्द्रवंशी की हत्या के खिलाफ आज अरवल जिला बंद किया गया जिसे भारी जनसमर्थन हासिल हुआ. दुकानें और गाड़ियां स्वतः बंद रहे.
सुबह से ही सैकडों की संख्या में भाकपा-माले एवं जिले के सामाजिक कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर बंद सफल बनाने में लगे रहे. सड़कों पर जत्थे में लगातार नारे लगा रहे थे - कॉ सुनील चन्द्रवंशी के हत्यारों को गिरफ्तार करो, सुनील चन्द्रवंशी की हत्या क्यों - भाजपा-जदयू सरकार जवाब दो - आदि नारे लगा रहे थे.
माले के विधायक महानंद सिंह, जिला सचिव जितेंद्र यादव,राज्य कमिटी सदस्य रविन्द्र यादव, नगर सचिव नंद किशोर ठाकुर, जिला पार्षद शाह शाद, टूना शर्मा , सुएब आलम, लीला वर्मा, राम कुमार वर्मा आदि नेता - कार्यकर्ता अगुआई कर रहे थे.
बंद समर्थकों ने भगतसिंह चौक के पास जाम कर दिया. महानंद सिंह ने कहा कि भाजपा - जदयू की सरकार में दलित-गरीब व समाज के सबसे कमजोर लोगों का मनोबल कई तरीके से गिराया जा रहा है. आज पूरे राज्य में दलितों-अति पिछड़े समुदाय पर हमले की बाढ़ aa गई है. कहीं हाथ काट लिया जा रहा है, कहीं दबंगों द्वारा मुँह में पेशाब करने की शर्मनाक घटना हो रही है. का. सुनील की हत्या बेलगाम अपराध का ही एक घिनौना उदाहरण है.
उन्होंने कहा कि माओवादियों द्वारा घटना की जिम्मवारी लेने वाला फर्जी है. मामले को गलत दिशा में मोड़ने की कोशिश हो रही है. 2009 से ही कॉ. सुनील चन्द्रवंशी भाकपा-माले के साथ जुड़े हुए थे. घटना में कुछ सफेदपोश संलग्न हैं जिसकी गहराई से जांच करने की जरूरत है.
उन्होंने ने कहा कि यदि 10 दिनों में यदि सभी अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो और बड़ा आंदोलन किया जाएगा. पीड़ित परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.
राजधानी पटना में बुद्ध स्मृति पार्क पर प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया जिसमें पार्टी के नेता- कार्यकर्ता उपस्थित थे. जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, बिहारशरीफ, दरभंगा, समस्तीपुर, पूर्णिया, फुलवारीशरीफ, पालीगंज, विक्रम, हिलसा सहित कई जगहों पर प्रतिवाद मार्च निकाले गए.
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