डीएम व एसएसपी ने *पुनपुन अंतर्राष्ट्रीय पितृपक्ष मेला, 2024* की तैयारियों की समीक्षा की; घाटों, बाज़ार सहित संपूर्ण क्षेत्र का निरीक्षण किया

डीएम व एसएसपी ने *पुनपुन अंतर्राष्ट्रीय पितृपक्ष मेला, 2024* की तैयारियों की समीक्षा की; घाटों, बाज़ार सहित संपूर्ण क्षेत्र का निरीक्षण किया

 *तैयारी की अच्छी स्थिति, 19 कोषांग सतत सक्रिय, साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था, श्रद्धालुओं की हर सुविधा का ख्याल रखा जाएगा: डीएम* 
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सुरक्षा के दृष्टिकोण से *एसडीआरएफ टीम* की प्रतिनियुक्ति की गई है, एसडीओ को आवश्यकतानुसार निजी नावों एवं गोताखोरों को तैनात रखने का निदेश दिया गया है 
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प्रशासनिक दृष्टिकोण से संपूर्ण मेला क्षेत्र को तीन ज़ोन में विभाजित किया गया है; 28 सीसीटीवी कैमरों से हरेक गतिविधि पर नज़र रखी जाएगी: डीएम व एसएसपी
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मेला के सफल संचालन एवं आगंतुक पर्यटकों की सुविधा का विशेष ध्यान रखने का डीएम ने दिया अधिकारियों को निदेश
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 *सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर मेला का सफल आयोजन सुनिश्चित करें: डीएम व एसएसपी* 
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उत्कृष्ट भीड़-प्रबंधन, सुचारू यातायात व्यवस्था तथा सुदृढ़ विधि-व्यवस्था संधारण प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहेंः डीएम व एसएसपी
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पटना, रविवार, दिनांक 15.09.2024: जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह एवं वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना श्री राजीव मिश्रा द्वारा आज पुनपुन अंतर्राष्ट्रीय पितृपक्ष मेला, 2024 के आयोजन के संबंध में बैठक की गई एवं तैयारियों का जायजा लिया गया। यह बैठक *पुनपुन पिंडदान स्थल* स्थित सामुदायिक भवन (यात्री शेड) में हुई। डीएम डॉ. सिंह व एसएसपी श्री मिश्रा द्वारा बैठक में मेला समिति के सदस्यों से भी वार्ता की गई तथा उनका फीडबैक लिया गया। अधिकारीद्वय ने घाटों, बाज़ार, थाना, पीएचसी सहित संपूर्ण मेला क्षेत्र एवं आस-पास के इलाक़ों का भी निरीक्षण किया तथा तैयारियों का जायज़ा लिया। 
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पुनपुन अन्तर्राष्ट्रीय पितृपक्ष मेला दिनांक 17 सितम्बर, 2024 से 02 अक्टूबर, 2024 तक चलेगा। इस मेला में देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु, तीर्थयात्री एवं पर्यटक पहुँचते हैं। इस वर्ष भी मेला में काफी बड़ी संख्या में इनके आने की संभावना है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि मानकों के अनुरूप मेला की बेहतर तैयारी है। प्रशासनिक दृष्टिकोण से संपूर्ण मेला क्षेत्र को तीन ज़ोन में विभाजित किया गया है। सभी ज़ोन में अलग-अलग नोडल अधिकारियों को तैनात किया गया है। 28 सीसीटीवी कैमरों से हरेक गतिविधि पर नज़र रखी जाएगी। पथ निर्माण विभाग द्वारा एनएच-22 कामेश्वर चॉक से पुनपुन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक काफ़ी अच्छी सड़क का निर्माण किया गया है। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को काफ़ी सुविधा होगी। बीएसआरडीसीएल को भी एनएच-22 के नज़दीक छूटे हुए अंश को मोटरेबल बनाने का निर्देश दिया गया है। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की सुविधा के लिए मेला अवधि के दौरान स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा चलंत एटीएम की भी व्यवस्था की जाएगी।

बैठक में पितृपक्ष मेला के दौरान पधारने वाले श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, साफ-सफाई, प्रकाश, यातायात एवं परिवहन, आवासन, सुरक्षा व्यवस्था, हेल्प डेस्क काउंटर एवं अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर तैयारी की समीक्षा की गई तथा *अद्यतन प्रगति* का जायजा लिया गया। अनुमंडल पदाधिकारी, मसौढ़ी श्री अमित कुमार पटेल ने मेला के सफल आयोजन हेतु की गई तैयारियों से जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि 19 कोषांग सतत सक्रिय है।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि भीड़ को देखते हुए हम सबको *सुदृढ़ व्यवस्था कर तत्पर एवं मुस्तैद* रहना होगा। सम्बद्ध सभी विभागों के पदाधिकारियों को आपस में समन्वय करते हुए मेला का सफल आयोजन सुनिश्चित करना होगा। पर्यटन, राजस्व, रेलवे, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमण्डल, नगर पंचायत, आपदा प्रबंधन, अग्निशमन, यातायात, परिवहन सहित सभी विभागों को *ससमय दायित्वों* का सम्पूर्ण निर्वहन करना होगा।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पुनपुन नदी में जल-स्तर सामान्य है लेकिन इसमें वृद्धि की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा सुरक्षा संबंधित सारी व्यवस्था की गई है।* बैरिकेडिंग, गोताखोरों की प्रतिनियुक्ति, एसडीआरएफ/एनडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति, वाचटावर का निर्माण, मे आई हेल्प यू काउन्टर/हेल्प डेस्क एवं नियंत्रण कक्ष क्रियाशील रहेगा।
गौरतलब है कि लोग पुनपुन नदी पिंडदान स्थल पर पहुँचकर अपने पितरों की अत्मा की चिरशांति के पिंडदान एवं तर्पण करते हैं। मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष अवधि में *पहला* पिंडदान पुनपुन नदी के ही तट पर किया जाता रहा है। इसीलिए इस स्थान को *प्रथम अतर्राष्ट्रीय पिंडदान स्थल* के नाम से जाना जाता है। तदुपरांत श्रद्धालु गया में पिंडदान तर्पण करते हैं। 

जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी, मसौढ़ी को निदेश दिया कि पितृपक्ष मेला के सफल संचालन एवं आगंतुक पर्यटकों की सुविधा तथा सुरक्षा हेतु *आवश्यकता के अनुरूप निजी नाव/गोताखोर सभी संसाधन सहित प्रतिनियुक्त* रखेंगे। 

डीएम डॉ. सिंह के निदेश पर पिण्डदान स्थल/घाट पर दिनांक 17 सितम्बर, 2024 से 02 अक्टूबर, 2024 तक 02 वोट, डीप गोताखोर, लाईफ जैकेट, लाईफ ब्याय सभी संसाधन सहित *एसडीआरएफ टीम की प्रतिनियुक्ति* की गई है। उन्होंने कहा कि प्रतिनियुक्त एसडीआरएफ टीम ससमय कार्य स्थल पर अंचलाधिकारी, पुनपुन एवं अनुमंडल पदाधिकारी, मसौढ़ी से समन्वय स्थापित कर आवश्यकतानुसार राहत एवं बचाव कार्य करना सुनिश्चित करेंगे। 

डीएम डॉ. सिंह व एसएसपी श्री मिश्रा ने साफ-सफाई, पेयजल की उपलब्धता, शौचालय एवं चेंजिंग रूम, विद्युत आपूर्ति, यातायात प्रबंधन, रेलवे संबंधित सुविधा, पर्यटन संबंधी व्यवस्था, विधि-व्यवस्था सहित सभी पहलुओं पर एक-एक कर तैयारियों की समीक्षा की तथा आवश्यक निदेश दिया। अधिकारियों को इन सभी बिन्दुओं पर *त्रुटिहीन* व्यवस्था सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। 

जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मेला के दौरान उत्कृष्ट भीड़-प्रबंधन, सुचारू यातायात व्यवस्था तथा सुदृढ़ विधि-व्यवस्था संधारण प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहें।
 *साफ-सफाई-* डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि घाटों की स्थिति अच्छी है। साफ-सफाई की भी बेहतर सुविधा है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुख-सुविधा के दृष्टिगत सम्पूर्ण मेला परिसर, पूजा स्थल एवं आवासन स्थल के आस-पास पूरे मेला अवधि के दौरान साफ-सफाई, चूना एवं ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव एवं फॉगिंग की व्यवस्था प्रतिदिन 03 पालियों में की जाएगी। इसके लिए अतिरिक्त यूरिनल, डस्टबिन तथा महिलाओं एवं पुरूषों हेतु अलग-अलग वॉशरूम आदि की व्यवस्था भी रहेगी। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि साफ-सफाई के दृष्टिकोण से *पूरे मेला क्षेत्र को कई जोन में बांटा गया है।* तीन पालियों में सफाईकर्मी समुचित ड्रेस में तैनात रहेंगे। उन्होंने कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत को नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित कराने का निदेश दिया।

 *पेयजल* - डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पितृपक्ष मेला के अवसर पर पेयजल की समुचित व्यवस्था रहेगी।  मेला परिसर में प्रमुख स्थानों यथा बस स्टैंड, पार्किंग स्थल, नियत्रंण कक्ष तथा पूजा स्थल के आस-पास पेयजल की आपूर्ति हेतु वाटर टैंक, वाटर एटीएम, जलदूत की प्रतिनियुक्ति रहेगी। स्थायी रूप से लगे चापाकलों की मरम्मति की गई है एवं शुद्ध पानी की आपूर्ति हेतु चापाकलों में हैलोजन टैबलेट की आपूर्ति करने का निदेश दिया गया है।

 *शौचालय एवं चेंजिंग रूम-* डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सम्पूर्ण मेला अवधि के दौरान आगन्तुक श्रद्धालुओं के सुख-सुविधा के दृष्टिगत मेला परिसर में स्थायी शौचालय के अतिरिक्त विभिन्न स्थानों पर अस्थायी चलंत शौचालयों की व्यवस्था, सभी पूजा घाटों पर अस्थायी चेंजिंग रूम का निर्माण, शौचालयों की नियमित साफ-सफाई हेतु सफाई कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

 *चिकित्सा व्यवस्था-* डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि मेला अवधि में पिंडदान स्थल पर *स्वास्थ्य शिविर* लगेगा। सिविल सर्जन द्वारा मेला अवधि के दरम्यान आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु 24*7 तीन पालियों में चिकित्सक एवं पारा मेडिकल कर्मी की प्रतिनियुक्ति, जीवनरक्षक दवा एवं एबुलेंस की व्यवस्था, मेडिकल सहायता केन्द्र का प्रचार-प्रसार हेतु फ्लैक्स एवं बैनर की व्यवस्था किया जाएगा। 

 *विधि व्यवस्था-* डीएम डॉ. सिंह ने कहा की 03 पालियों में 24*7 दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी प्रतिनियुक्त रहेंगे। अस्थायी नियंत्रण कक्ष एवं हेल्पलाईन नम्बर की व्यवस्था, *मे आई हेल्प यू काउंटर* एवं फ्लैक्स/बैनर तथा काउंटर पर कर्मियों की प्रतिनियुक्ति रहेगी। नियंत्रण कक्ष में विद्युत एवं पीएचईडी के कर्मी भी मुस्तैद रहेंगें। सभी महत्पूर्ण दूरभाष संख्याओं की सूची उपलब्ध रहेगी। गतिविधियों की *सीसीटीवी* के द्वारा निगरानी की जाएगी। 
 *विद्युत व्यवस्था* - डीएम डॉ. सिंह ने विद्युत कार्यपालक अभियंता को मेला अवधि तक 24 घंटे *निर्बाध रूप से* विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निदेश दिया। मेला परिसर, घाट, टेंपु स्टैंड, हाट एवं पार्किंग स्थल आदि स्थानों पर जर्जर विद्युत पोल एवं तारों की जॉंचोपरांत मरम्मति, विद्युत की वैकल्पिक व्यवस्था, पूर्व से अधिष्ठापित एलईडी हाई मास्ट लाईट को कार्यशील रखने का निदेश दिया गया।

 *आपदा प्रबंधन* - डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि वर्तमान में पुनपुन नदी का जलस्तर सामान्य बनी हुयी है। परंतु नदी के जलस्तर में वृद्धि की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। अतएव *सुरक्षा के दृष्टिगत आवश्यक कार्रवाई अपेक्षित* है। प्रमुख पूजा घाटों पर बैरिकेडिंग, आवश्यकतानुसार एनडीआरएफ/एसडीआरएफ की टीम की प्रतिनियुक्ति, नाविक एवं गोताखोर की प्रतिनियुक्ति के लिए अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन को निदेश दिया गया है। *ख़तरनाक घाटों पर लाल कपड़ों से भी घेरने का निर्देश अनुमंडल पदाधिकारी को दिया गया है*। ध्वनि विस्तारक यंत्रों के द्वारा यह बार-बार उद्घोषणा की जाएगी कि श्रद्धालुगण ख़तरनाक घाटों की ओर न जाएं। बैरिकेडिंग को पार कर गहरे जलक्षेत्र में प्रवेश न करने के बारे में भी बार-बार घोषणा की जाएगी। बैरिकेडिंग को पार कर गहरे जलक्षेत्र में प्रवेश करना प्रतिबंधित है।इसे बलपूर्वक रोका जाएगा।

 *अग्निशमन* - डीएम डॉ. सिंह ने सुरक्षा एवं विधि व्यवथा के दृष्टिगत मेला अवधि के दरम्यान मेला परिसर में पर्याप्त संख्या में ‘‘ *फायर बिग्रेड टीम’’* की प्रतिनियुक्ति, अग्निशमन वाहन की उपलब्धता जिला अग्निशमन पदाधिकारी को सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

 *पार्किंग* -मेला अवधि के दरम्यान आने वाले सभी छोटे-बडे़ वाहनों के ठहराव हेतु पार्किंग की समुचित व्यवस्था रहेगी। एसएमडी कॉलेज में पार्किंग की व्यवस्था की गयी है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पार्किंग स्थल के पास सुरक्षा एवं विधि व्यवस्था के दृष्टिगत पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति, अस्थायी शौचालय, पेयजल, प्रकाश आदि की व्यवस्था रहेगी। 

 *रेलवे सुविधा-* डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पितृपक्ष मेला के अवसर पर रेलवे स्टेशन पर *बेहतर भीड़ प्रबंधन* की आवश्यकता है। बहुतायत संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटकगण का आगमन रेलमार्ग द्वारा भी होता है। स्थानीय समाजसेवियों एवं पंडा समिति के सदस्यों द्वारा बताया गया है कि सुरक्षा के दृष्टिगत *पुनपुन रेलवे स्टेशन एवं नदीघाट रेलवे हॉल्ट* पर मुख्य ट्रेनों का ठहराव एवं मेला अवधि तक रेलवे हॉल्ट पर 02 मिनट का ठहराव अपेक्षित है। पुनपुन नदी रेलवे हॉल्ट पर रूकने वाली ट्रेनों का कोई बोगी पुनपुन नदी पुल पर नहीं रूके जिससे दुर्घटना की संभावना नहीं रहे। अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि रेलवे द्वारा सूचित किया गया है कि वंदे भारत एवं जनशताब्दी ट्रेनों को छोड़कर सभी ट्रेनों का ठहराव पुनपुन घाट पर होगा। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की सुविधा के लिए रेलवे द्वारा सभी कदम उठाया गया है। *सुरक्षात्मक दृष्टिकोण* से ट्रेन का ठहराव नदी पार कर रेलवे हॉल्ट पर ठहराव सुनिश्चित करने हेतु रेलवे के स्तर से आवश्यक कार्रवाई की गई है। पुनपुन नदी रेलवे हॉल्ट पर रूकने वाली ट्रेनों का कोई भी बोगी पुनपुन नदी पुल पर नहीं रूकेगी, इसकी व्यवस्था की गई है। पुनपुन रेलवे स्टेशन एवं नदी घाट पर जीआरपी की प्रतिनियुक्ति रहेगी। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि रेलवे द्वारा की गई व्यवस्था के बारे में *आम जनता को सूचना उपलब्ध* कराने के लिए रेलवे द्वारा जगह-जगह फ्लेक्स, बैनर एवं संकेतक लगाया जाए। उन्होंने ट्रेनों के ठहराव, स्टेशन परिसर में प्रकाश एवं साफ-सफाई की सुविधा, सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी को रेलवे से *लगातार समन्वय* बनाए रखने का निदेश दिया।

 *पर्यटन सुविधा-* पितृपक्ष मेला के अवसर पर देश-विदेश से आगन्तुक पर्यटकों की सुविधा हेतु बिहार के पर्यटकीय स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार एवं अन्य पर्यटन संबंधी जानकारियों के लिए मेला परिसर में *अस्थायी पर्यटन स्टॉल एवं पर्यटक सहायता-सह-सुविधा केन्द्र* का निर्माण पर्यटन विभाग द्वारा किया जाता है। डीएम डॉ. सिंह ने विभिन्न प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग-बैनर के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया ताकि पर्यटकों को गंतव्य स्थल तक पहुँचने में सुविधा हो। पुनपुन अंतर्राष्ट्रीय प्रथम पिंडदान स्थल पर निर्मित शहीद रामानंद सिंह-रामगोविन्द सिंह स्मृति पार्क, यात्री शेड एवं नदी घाट के सौंदर्यीकरण पर ध्यान देने का निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की सुविधा के लिए *आवागमन की समुचित व्यवस्था* रहेगी। 
 
डीएम डॉ. सिंह व एसएसपी श्री मिश्रा ने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, मसौढ़ी मेला के सफल आयोजन हेतु नोडल पदाधिकारी हैं। दोनों अधिकारी मानकों के अनुसार सभी प्रबंधन सुनिश्चित करेंगे।

बैठक के पश्चात डीएम व एसएसपी ने पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं मेला समिति के सदस्यों के साथ *पुनपुन पिंडदान स्थल का निरीक्षण* किया तथा तैयारियों का जायजा लिया। अधिकारीद्वय द्वारा आवश्यक निदेश दिया गया। 

डीएम डॉ. सिंह व एसएसपी श्री मिश्रा ने कहा कि सभी पदाधिकारी मेला के सफल आयोजन हेतु *तत्पर एवं प्रतिबद्ध* रहेंगे। 

इस बैठक में जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक के साथ उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी मसौढ़ी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मसौढ़ी, कार्यपालक अभियंता विद्युत/पीएचईडी, प्रखंड प्रमुख, पंडा समिति के सदस्य सहित अन्य भी उपस्थित थे।

 *पुनपुन अंर्तराष्ट्रीय प्रथम पिंडदान स्थल- एक झलक*: ‘‘पुनपुन’’ एक परम प्राचीन पुनीत तीर्थ धाम है, जहॉं देश-विदेश से हजारों-लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री एवं पर्यटक पुनपुन नदी पिंडदान स्थल पर पहुँच कर अपने पितरों की आत्मा की चिरशांति के लिए पिंडदान एवं तर्पण करते हैं। जिस प्रकार प्रयाग, बनारस, गया, जगन्नाथपुरी, कामरूप, कामाख्या आदि तीर्थ स्थल हिन्दुओं के लिए युगों से आते रहे हैं, उसी प्रकार मगध के तीन तीर्थ स्थलों में गया, पुनपुन एवं राजगृह सदैव पूज्य रहा है। पुनपुन नदी को आदि गंगा कहा गया है। ‘‘आदि गंगे पुनःपुना’’। मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष अवधि में पहला पिंडदान पुनपुन नदी के ही तट पर किया जाता रहा है। इसीलिए इस स्थान को प्रथम अतर्राष्ट्रीय पिंडदान स्थल के नाम से जाना जाता है। तदुपरांत श्रद्धालु गया में भी पिंडदान तर्पण करते हैं। पुनपुन मेला वर्ष में दो बार आयोजित होता है। 

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