बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमाल अशरफ ने वक्फ संशोधन एक्ट 2024 को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की
बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा ने वक्फ संशोधन एक्ट 2024 पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दो गैर - मुस्लिम सदस्य, दो मुस्लिम महिला और शिया, सुन्नी मुस्लिमों के पिछड़े वर्गों से कम से कम एक सदस्य का होना अनिवार्य किया है मोर्चा ने इसका पुरजोर स्वागत करते हुए कहा कि 75 वर्षों में पहली दफा ऐसा हुआ है कि पिछड़े मुसलमानों की हिस्सेदारी किसी बोर्ड में कानूनी तौर पर सुनिश्चित की गई है और 19 सितम्बर को जे पी सी द्वारा बुलाई गई बैठक में पसमांदा संगठन को बजाप्ता आमंत्रित किया गया है।
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमाल अशरफ राइन ने कहा कि मोर्चा का मानना है कि मौजूदा वक्फ एक्ट संशोधन एक्ट नहीं एक तरह से नया एक्ट है जिसका नामकरण "संयुक्त वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995"(United Waqf Management Empowerment, Efficiency and Development Act 1995) UMEED (उम्मीद) किया गया है।
श्री अशरफ ने कहा कि स्वर्ण मुस्लिमो की नेतृत्व वाली धार्मिक, सियासी, एवं समाजी संगठनों ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है जबकि मोर्चा का मानना है कि इसमें कुछ संशोधन की आवश्यकता है और यही हो सकता है ना कि विधेयक वापस होगा।
उन्होंने कहा कि पिछड़े (पसमांदा) मुस्लिम भी यह मांग करते हैं कि वक्फ फार यूजर जिसके तहत मस्जिदें,कब्रिस्ताने,ईदगाहें, खानकाहे, दरगाहें और यतीमखाने और मदरसें आते हैं उस अख्तियार को बरकरार रखा जाए उसमें किसी तरह का छेड़छाड़ ना हो इसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
श्री अशरफ ने कहा कि उसके अलावा जो वक्फ प्रोपर्टी है उसमें पारदर्शिता लाने के लिए पंजीकरण, वक्फ बोर्डों की कार्यवाही का प्रकाशन, अधिनियम के तहत राज्य सरकार किसी भी समय वक्फ के खातों का आडिट करा सकती है इसका मोर्चा समर्थन करता है।
श्री अशरफ ने कहा कि हमारे मुल्क में गंगा जमुना की तहजीब है आपस में अच्छे अखलाक और मुहब्बतें हैं बहुत सारी जमीनें मस्जिदें,कब्रिस्तानें, दरगाहों आदि के लिए हमारे हिन्दू भाइयों ने भी अपनी जमीनें दान में दी है इस तहजीब को कायम रखते हुए पांच वर्षों तक जो इस्लाम के मानने वाले हैं उन्हें पहचान करने के बाद वक्फ करने वाले कानून को भी हटाया जाए और इस मुहब्बत को बरकरार रखा जाए।
उन्होंने कहा कि गरीब पिछड़े अति पिछड़ें मुसलमानों को इस सम्पत्ति से लाभान्वित किया जाए, विधवा महिलाओं,यतीम बच्चों, गरीब बच्चियों, बेरोजगार नौजवानों आदि के उन्नति का रास्ता निकाला जाए।
उन्होंने कहा कि वक्फ की जमीनों पर स्कूल, कौलेज, अस्पताल, शादी घर, मोसाफिरखाना, दुकान और बेघरों के लिए मकान की व्यवस्था की जाए।
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