*एआईएसएफ का 89वां स्थापना दिवस झंडोत्तोलन कर मनाया गया*

*एआईएसएफ का 89वां स्थापना दिवस झंडोत्तोलन कर मनाया गया*

आज 13 अगस्त को पटना जिला परिषद् की तरफ से एआईएसएफ का नवासी वर्ष पूरा होने पर झंडोत्तोलन कर स्थापना दिवस मनाया गया। झंडोत्तोलन एआईएसएफ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव कामरेड विश्वजीत कुमार के हाथों हुआ। झंडोत्तोलन के बाद सभी छात्र पूरे हर्षोल्लास के साथ गगनचुंबी नारे लगाने लगे एआईएसएफ का इतिहास जिंदाबाद, देश का प्रथम छात्र संगठन जिंदाबाद, भगत सिंह के रास्ते आगे बढ़ो, हमारी शहादत हमारी विरासत जिंदाबाद जैसे नारे लगाए। झंडोत्तोलन के बाद एक सभा का भी आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता पटना जिला सचिव मीर सैफ अली ने किया और कहा कि जब देश के अंदर आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी उस समय छात्रों का एक संगठन बनाया गया एआईएसएफ और तब से ना जाने कितनी कुर्बानी दी है कितनी लड़ाई लड़ी गई है देश के लिए और आज भी एआईएसएफ हर विश्वविद्यालय और कालेज में छात्रों के सवालों को लेकर लडाई लड रहा है। इस सभा में एआईएसएफ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव कामरेड विश्वजीत कुमार ने कहा कि हमें गर्व है कि हम उस संगठन से रहें हैं जिसका इतिहास आजादी के आंदोलन में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने और शहादत देना का इतिहास रहा है आज भी जब शिक्षा पर लगातार हमले बढें है तब एकमात्र छात्रों का संगठन सडकों पर सबसे पहले दिखाई देता है वो है एआईएसएफ, हमारा संगठन शांति प्रगति और वैज्ञानिक समाजवाद के अपने लक्ष्य के लिए लगातार संघर्षरत हैं। इसी सभा में एआईएसएफ के पूर्व छात्र नेता रहे कामरेड निखील कुमार झा ने कहा है कि इस संगठन का मेम्बर होना ही गर्व की बात है आज भी हर छात्र आंदोलन को एआईएसएफ ही मजबूती से दिशा दिखाने का काम करती है यह संगठन हमे काफ़ी कुछ सिखाता है और एक बेहतर इंसान बनाने का काम करता है क्योंकि एआईएसएफ से ना जाने कितने ही छात्र आजादी के आंदोलन में शहीद हो गए और आजादी के बाद भी देश के अंदर शिक्षा और रोजगार जैसी बुनियादी चीजों को लेकर संघर्ष कर रहा है। बिहार राज्य की नेत्री सबीना खातून ने अपने बोलने के क्रम में कहा कि आज भी देश दुनिया के अंदर महिलाओं को दोयम दर्जे का नागरिक समझा जाता है मगर हमारा संगठन एआईएसएफ ही एक मात्र छात्र संगठन है जहा महिला और पुरुष कदम से कदम मिलाकर संघर्षों के मैदान में डटे रहते हैं मुझे गर्व है कि मैं इस संगठन की सदस्य हूं जिसकी सदस्य अरुणा आसफ अली, कनकलता बरुआ जैसी क्रांतिकारी महिलाएं रही है। एआईएसएफ के पूर्व छात्र रहे राहुल कुछ ने अपने वक्तव्य में कहा कि जब तीसरी बार इस देश की कुर्सी पर शिक्षा विरोधी सरकार बैठी है तो एआईएसएफ की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि संगठन सरकार के हर गलत नीति और शिक्षा विरोधी कदम को उजागर कर इस तानाशाह सरकार का पुरजोर विरोध करे। इस झंडोत्तोलन कार्यक्रम में राज्य कार्यकारिणी सदस्य अभिषेक विद्रोही, राज्य परिषद सदस्य प्रशांत कुमार, पटना जिला अध्यक्ष तौसिक आलम, पटना जिला सह सचिव बिट्टू भारद्वाज, कार्यकारी अध्यक्ष मनीष कुमार, सह सचिव आदित्य राकेश, अफजल, आमीर, रूपेश, राहुल, आशीष, सार्थक समेत दर्जनों छात्र मौजूद थें।

0 Response to "*एआईएसएफ का 89वां स्थापना दिवस झंडोत्तोलन कर मनाया गया*"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article