दलितों और गरीबों के मुखर आवाज थे रामचंद्र पासवान- पशुपति पारस
दलित सेना के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद रामचंद्र पासवान की पुण्यतिथि मनाई गई
आज दिनांक 21 जुलाई 2024 को दलित सेना के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद रामचंद्र पासवान की पांचवीं पुण्यतिथि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय नई दिल्ली तथा पटना के राज्य कार्यालय में रालोजपा एवं दलित सेना नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के द्वारा मनायी गई। इस अवसर पर रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने रामचन्द्र पासवान के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण करने के उपरांत उनको याद करते हुए कहा कि रामचंद्र पासवान हम तीनों भाईयों में सबसे छोटे थे और हम तीनों भाइयों के बीच जो अदभूत प्रेम और सौहार्द था उसका पूरा देश मिसाल देता था। पारस ने कहा कि रामचंद्र पासवान को भीमराव अम्बेडकर के दर्शन ने काफी प्रभावित किया था। दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उन्होंने पूरे देश में दलितों की चेतना उभार कर सामाजिक परिवर्तन का काम किया। आगे उन्होनंे कहा कि मेेरे छोटे भाई रामचन्द्र पासवान और बड़े भाई रामविलास पासवान के असमायिक निधन से हमारी पार्टी और हमारे परिवार को जो क्षति और नुकसान हुआ उसकी भरपाई कभी भी संभव नहीं है। पारस ने कहा कि रामचन्द्र पासवान रोसड़ा लोकसभा और समस्तीपुर से चार बार सांसद बने और लोकसभा मंे पूरी मजबूती से गरीबों, दलितों और पिछड़ों के हक और अधिकार के आवाज को बुलंद करते थे। वे दलितों, शोषितों, कमजोर वर्ग के मुखर आवाज थे, वे काफी मृदभाषी और मिलनसार व्यक्ति थे, समस्त राजनीतिक दलों के नेता एवं कार्यकर्ता उनका काफी सम्मान करते थे उनका पूरा राजनीतिक, सामाजिक, संसदीय जीवन गरीब, दलित, और आम जनमानस के जीवन के उत्थान और कल्याण के लिए समर्पित रहा। इस अवसर पर पूर्व सांसद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज पासवान ने अपने पिता रामचन्द्र पासवान को याद करते हुए और उनके संघर्षपूर्ण जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका पूरा जीवन संघर्षपूर्ण रहा। मेरे पिताजी हमारे परिवार और हमारे जीवन का अभिन्न अंग थे, उन्होनें अपना पूरा संसदीय जीवन सादगीपूर्ण तरीके से जीया, वे पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच काफी लोकप्रिय थे उनका सहज स्वभाव सभी को आकर्षित करता था, उनका आज हमारे बीच नहीं रहने से और उनके असमायिक निधन होने पर हमारी पार्टी और परिवार के भीतर रिश्ता का जो बोध बना है उसकी भरपाई कभी नही हो सकती। इस अवसर पर पूण्यतिथि कार्यक्रम में उपस्थित कृष्ण राज पासवान, यश राज पासवान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विरेश्वर सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष अम्बिका प्रसाद बिनू, अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रणजीत कुमार, श्रमिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष बिहारी, रंजीत पासवान, चन्दन सिंह, चंदन गांधी, शिवनाथ पासवान, राजेन्द्र विश्वकर्मा, राधाकान्त पासवान, नक्कू गुप्ता, सौलत राही, देवेन्द्र कुशवाहा, बबलू पासवान, विजय कुमार, छोटे पासवान, मनोज पासवान सहित पार्टी एवं दलित सेना के सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने दिवगंत नेता रामचन्द्र पासवान को श्रद्धा-सुमन अर्पित किया और उनके दिखाये हुए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।
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