ललित कला अकादमी में खुलेगा मिथिला चित्रकला संस्थान का क्षेत्रीय केंद्र - हरजोत कौर

ललित कला अकादमी में खुलेगा मिथिला चित्रकला संस्थान का क्षेत्रीय केंद्र - हरजोत कौर


14 दिवसीय ग्रीष्मकालीन मधुबनी पेंटिंग और टेराकोटा कार्यशाला  का समापन, 

पटना 31 मई 2024

आज कला संस्कृति एवं युवा विभाग के द्वारा मिथिला चित्रकला संस्थान और बिहार ललित कला अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में 8 से 16 साल तक के बच्चों के लिए 14 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कार्यशाला  का समापन ललित कला अकादमी के बहुउद्देशीय परिसर में किया गया । 

इस दौरान मधुबनी पेंटिंग और टेराकोटा के कार्यशाला के दौरान बच्चों के द्वारा बनाए गए चित्रों  और टेराकोटा की मूर्तियों की प्रदशनी भी लगाईं गई जिसका उद्घाटन कला संस्कृति एवं युवा विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती हरजोत कौर, निदेशक, म्यूजियम श्री राहुल कुमार,  निदेशक, संस्कृति निदेशालय श्रीमती रूबी, मिथिला चित्रकला संस्थान  के निदेशक श्री वीरेंद्र प्रसाद ,  एवं अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में की गई । 

समारोह को संबोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव श्रीमती हरजोत कौर ने कहा कि कार्यशाला में बच्चों ने जो अपनी रचनात्मकता दिखाई है वो अद्भुत है ।  इस कार्यशाला के आयोजन में गर्मी को देखते हुए बच्चों के अनुकूल व्यवस्थाएं की गई थी । हम लोगों को बड़ी खुशी है कि बच्चे भी इस व्यवस्था से खुश है । यह कार्यक्रम लगातार पूरे वर्ष भर हो सके इसके लिए भी हम लोग प्रयासरत हैं और यह भी कोशिश करेंगे कि मिथिला चित्रकला संस्थान का एक रीजनल सेंटर यहाँ पर खोल सकें ताकि मिथिला चित्रकला संस्थान जो जो विधाएं सिखाता हैं उसका 6 महीने का डिप्लोमा कोर्स कर सकें ।  साथ ही यह सभी लोगों के लिए होगा है । इसके माध्यम से रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे ।

निदेशक, संस्कृति निदेशालय श्रीमती रूबी ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि  बच्चों ने जिस तरह से इस कार्यशाला में उत्साह के साथ भाग लिया है वह बहुत अच्छा लगा  । गर्मियों की छुट्टी में बच्चों ने अपनी रचनात्मकता दिखाई और नई कलाएं सीखी ।  दोनों कार्यशालों में 6 से  84 बच्चों ने हिस्सा लिया  जिन्हें आज प्रमाण पत्र दिया जायेगा ।

मधुबनी पेंटिंग के  प्रशिक्षक श्री अशोक पासवान ने प्रशिक्षण के बारे में बताते हुए कहा सबसे पहले इसमें लाइन खींचना सीखाते हैं उसके बाद बॉर्डर बनना, कचनी करना और फिर रंग भरना सीखाया गया है । उसके बाद हाथी बनाना मछली बनाना सीखाया है । उन्होंने सभी बच्चों से कहा की वो अपने घर पर भी जो सीखाया गया है उस अभ्यास को छोड़ना नहीं, घर में भी आधा घंटा उसे रोज़ कम से कम अभ्यास करें अभ्यास को छोड़ना नहीं है । 

कार्यक्रम का धनयवाद ज्ञापन करते हुए बिहार ललित कला अकादमी की सचिव श्रीमती अमृता प्रीतम ने कहा कि इस आयोजन के सफल होने में बच्चों, अभिभावकों, और प्रशिक्षकों का काफी सहयोग रहा । ललित कला अकादमी में आगे भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे ।  कार्यक्रम के दौरान सभी बच्चों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया । कला दीर्घ में लगी प्रदर्शनी को सभी गणमान्य अतिथियों ने देखा और उनकी सराहना की । कार्यक्रम में विशेष कार्य पदाधिकारी सुश्री कहकशां भी उपस्थित रही । कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन श्रीमती सुदीपा घोष ने किया ।


कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने भी अपने अनुभव साझा किये । बच्चों ने कहा कि पहले दिन उन्हें काफी दर लग रहा था पता नहीं कैसा होगा, लेकिन यहाँ का अनुभव काफी अच्छा रहा ।  कुछ बच्चों ने कहा कि हमारे अभिभावक भी काफी खुश थे और यहाँ सुरक्षा की व्यवस्था भी ठीक थी । हम सभी को नयी चीज़ों को सीखना का भी मौका मिला और हमने यहाँ कई दोस्त भी बनाये ।

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