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पारस एचएमआरआई में “वर्ल्ड हेल्थ डे” पर आर्ट ऑफ हेल्दी लिविंग पर कार्यक्रम आयोजित
पटना। पारस एचएमआरआई में वर्ल्ड हेल्थ डे की पूर्व संध्या पर शनिवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका थीम था आर्ट ऑफ हेल्दी लिविंग (स्वस्थ जीवन जीने की कला)। इस थीम पर बोलते हुए पारस एचएमआरआई के डायरेक्टर इन्टर्नल मेडिसीन डॉ. बिकास सौरभ ने कहा कि आज के समय में हमारे अनियमित जिवन शैली के कारण बी.पी. शुगर आदि जैसे बीमारीयों से ग्रसित हो जाते हैं। इस से बचाव के लिए नियमित व्यायाम, योग, सन्तुलित भोजन और समय- समय पर बिमारी पता करने के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट करवाते रहना चाहिए इन सब प्रयासों से बीमारी को दूर रख सकते हैं और समय रहते जल्दी बीमारी पकड़ कर समुचित इलाज भी करा सकते हैं।
चीफ डायटिशियन सुकृति कुमारी ने कहा कि हमारे बिहार में बहुत ऐसे व्यंजन हैं जिसको बीमारी में खाने से रोका जाता है जबकि उसका साइंटिफिक वैल्यू कुछ और होता है जैसे-सर्जरी में दूध-दही खाने से मना कर दिया जाता है। पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखे तो इन दोनों खाद्य पदार्थ में मौजूद कैल्सियम और प्रोटिन घाव भरने में मदद करता है। इसी तरह भिंडी, कोहरा, बैंगन भी मना कर दिया जाता है जबकि इन सब में मिनरल और विटामिन भरपूर होता है। दही सर्दी-खांसी में मना कर दिया जाता है जबकि ताजा दही से नुकसान नहीं होता है। फल में संतरा, अंगूर, अमरूद आदि सर्दी-खांसी का कारक कहा जाता है जबकि इसका विटामिन सी हमें सर्दी से बचाता है।
कार्यक्रम को पारस एचएमआरआई के इंटरनल मेडिसीन सिनियर कंसल्टेंट डॉ. वी.के. ठाकुर, इंडोक्रायनोलॉजिस्ट डॉ. नीरज सिन्हा, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नाजिया निगार और आईजीआईएमएस की डायटिशियन डॉ. पल्लवी सिंह ने भी विभिन्न उप-विषयों पर संबोधित किया।
पारस एचएमआरआई के यूनिट हेड डॉ. वैभव राज ने कहा कि स्वस्थ रहना बहुत हद तक अपने हाथ में है। बस थोड़ी सावधानी और लाइफ स्टाइल में बदलाव लाने की जरूरत होती है। खानपान को लेकर समाज में बहुत सारी धारणाएं बाद में गलत साबित हुई हैं। इसलिए वैज्ञानिक एप्रोच ही सबसे बेहतर तरीका है।
पारस एचएमआरआई के बारे में
पारस एचएमआरआई, पटना बिहार और झारखंड का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है। 350 बिस्तरों वाले पारस एचएमआरआई में एक ही स्थान पर सभी चिकित्सा सुविधाएं हैं। हमारे पास एक आपातकालीन सुविधा, तृतीयक और चतुर्धातुक देखभाल, उच्च योग्य और अनुभवी डॉक्टरों के साथ अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र है। पारस इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर बिहार में अपनी विशेषज्ञता, बुनियादी ढांचे और व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के लिए प्रसिद्ध है।
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