*संयुक्त किसान मोर्चा बिहार सरकार द्वारा चौसा में किसानों पर किए गए दमन की भर्त्सना करता है*
30 मार्च 2024 | पटना, बिहार
*लोक सभा चुनाव में भाजपा सरकार की किसान-विरोधी नीतियों को उजागर करने और किसानों के मुद्दे को विमर्श मे लाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा पूरे बिहार में पर्चा वितरण के माध्यम से अभियान चलाएगा*
आज पटना के छज्जू बाग स्थित आवास संख्या 13, कॉ महबूब आलम के विधायक आवास में, संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार की राज्यस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक का एजेंडा बक्सर जिला के चौसा गाँव में किसानों पर हुए पुलिसिया दमन पर किसान संगठनों की कार्रवाई और लोक सभा चुनाव से पहले किसानों के मुद्दे पर विचार विमर्श था। बैठक की अध्यक्षता रामायण सिंह ने की।
20 मार्च 2024 को बक्सर जिला के चौसा गांव में अपनी भूमि का उचित मुआवजा मांग रहे किसानों के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने अन्यायपूर्ण दमन की कार्रवाई की थी, जिसमें महिला किसानों, बुजुर्गों और बच्चों के साथ भी मार पीट की गई। चौसा में मुआवजा, रोजगार, पुनर्वास और पुनर्स्थापन के अधिकार के लिए 517 दिनों से किसानों का लोकतांत्रिक जन आंदोलन चल रहा है। बिहार सरकार नें भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार, 2013 का उल्लंघन करते हुए किसानों की जमीन अधिग्रहित कर ली है। भूमि अधिग्रहण कानून के उल्लंघन के खिलाफ प्रदेश और देश के कई हिस्सों में आंदोलन जारी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 29 मार्च को जारी राष्ट्रीय प्रेस बयान में चौसा की घटना का संज्ञान लेते हुए न्यायिक जांच की मांग की थी।
संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार ने 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित किसान महापंचायत में पारित संकल्प पत्र को ध्यान में रखते हुए, कॉरपोरेट-सांप्रदायिक गठजोड़ वाली भाजपा/आरएसएस सरकार की किसान-विरोधी नीतियों को उजागर करने और इसके खिलाफ अभियान चलाने का निर्णय लिया। संयुक्त किसान मोर्चा मोदी सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने और फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानूनी गारंटी देने के जुमले को उजागर करेगा, और किसान आंदोलन के साथ लिखित समझौते पर वादाखिलाफी करने के खिलाफ किसानों को मोदी सरकार को सजा देने की अपील करेगा।
बैठक में उमेश सिंह (अखिल भारतीय किसान महासभा), नन्द किशोर सिंह (अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा), मणिकांत पाठक (अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन) बिन्देश्वरी सिंह (क्रांतिकारी किसान यूनियन), ऋषि आनंद (जय किसान आंदोलन), रामायण सिंह (अग्रगामी किसान सभा), शंभू नाथ मेहता (जल्ला किसान संघर्ष समिति), उदयन राय (जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय), बलदेव झा (बिहार किसान समिति) सहित बिहार के प्रमुख मजदूर-किसान नेता उपस्थित रहे।
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