*संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी सरकार की किसान-विरोधी, मजदूर-विरोधी, जन-विरोधी और लोकतंत्र-विरोधी नीतियों के खिलाफ तीव्र संघर्ष का आह्वान किया*

*संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी सरकार की किसान-विरोधी, मजदूर-विरोधी, जन-विरोधी और लोकतंत्र-विरोधी नीतियों के खिलाफ तीव्र संघर्ष का आह्वान किया*


 4 दिसंबर , 2023*

*संयुक्त किसान मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल किसानों के ज्वलंत मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री से मुलाकात करेगा*


आज पटना के छज्जू बाग में संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार की राज्यस्तरीय बैठक आयोजित हुई। बैठक का एजेंडा किसान-मजदूर महापड़ाव की समीक्षा, संयुक्त किसान मोर्चा की 21-22 दिसम्बर को हुई राष्ट्रीय बैठक में लिए गए निर्णयों पर चर्चा और बिहार में किसान आन्दोलन को आगे बढ़ाने के लिए कार्ययोजना बनाना था।

बैठक की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के कॉमरेड राम बृक्षराम जी ने किया ।

संयुक्त किसान मोर्चा ने केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के साथ एक संयुक्त कार्रवाई में 26-27-28 नवम्बर, 2023 को पटना में ऐतिहासिक किसान-मजदूर महापड़ाव का आयोजन किया। तीन दिन चले महापड़ाव से बिहार के किसानों और मजदूरों ने एकता और एकजुटता का संदेश दिया और मोदी सरकार के कॉरपोरेट-सांप्रदायिक गठजोड़ के खिलाफ तेज संघर्ष का ऐलान किया।


किसान-मजदूर महापड़ाव के माध्यम से संयुक्त किसान मोर्चा ने एमएसपी की कानूनी गारंटी करने, बिहार में एपीएमसी अधिनियम को पुनः बहाल करने, बटाईदार किसानों का निबंधन करने, किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा देने, मनरेगा की मजदूरी और कार्यदिवस बढ़ाने, महंगाई पर रोक लगाने, खाद्य सुरक्षा की गारंटी करने सहित किसानों की अन्य मांगों को उठाया।


आज की बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा की बिहार इकाई ने ओलिंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक के प्रति एकजुटता व्यक्त किया, जिन्होंने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के क़रीबी सहयोगी के चुनाव के विरोध में कुश्ती छोड़ दिया। मोर्चा ने बेरोजगारी, महंगाई और मोदी सरकार के अहंकार जैसे ज्वलंत मुद्दों के खिलाफ संसद के अंदर विरोध प्रदर्शन करने वाले युवाओं पर लगाए गए कठोर यूएपीए की धारा को तत्काल वापस लेने की मांग की। 


बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार ने मोदी सरकार के बढ़ते अहंकार पर गंभीर चिंता व्यक्त की और लोकतंत्र को नष्ट करने के उद्देश्य से संसद में विपक्षी सदस्यों के अभूतपूर्व निलम्बन की निंदा की। मोर्चा ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने वाली पैनल से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटाने के भाजपा के फैसले को संज्ञान में लिया; यह निष्पक्ष लोकतांत्रिक प्रशासन की संवैधानिक भावना की सरासर हत्या है।


संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी सरकार की किसान-विरोधी, मजदूर-विरोधी, जन-विरोधी और लोकतंत्र-विरोधी नीतियों के खिलाफ तीव्र संघर्ष का आह्वान किया। मोर्चा किसानों के मुद्दों को लेकर बिहार के सभी जिलों में कार्यक्रमों का आयोजन करेगा, और फरवरी में राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन करेगा। संयुक्त किसान मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल किसानों के ज्वलंत मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री से मुलाकात करेगा।


बैठक में अखिल भारतीय किसान महासभा से उमेश सिंह और राजेंद्र पटेल, बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) से विनोद कुमार, अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा से नंद किशोर सिंह, जय किसान आंदोलन से ऋषि आनंद, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय से उदयन राय, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन से उमा शंकर वर्मा, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा से रामबृक्ष राम और अब्दुल जब्बार, क्रांतिकारी किसान यूनियन से मनोज कुमार, जल्ला किसान संघर्ष समिति से शंभू नाथ मेहता, बिहार किसान समिति से बलदेव झा और पुकार, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन से विजय कुमार चौधरी और जमीरुद्दीन, मजदूर किसान समिति के चक्रवर्ती अशोक प्रियदर्शी शामिल थे। 


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