लेखक पहली पुस्तक से हुए थे चर्चित, अब लिखेंगे बिहार का सूफ़ी इतिहास
बिहार के शेखपुरा ज़िला के युवा लेखक सय्यद अमजद हुसैन अब सूफ़ी इतिहास पर किताब लिखने जा रहे हैं।
युवा लेखक सय्यद अमजद हुसैन अपनी पहली पुस्तक से ही चर्चा का विषय बन गए थे, जब उन्होंने उर्दू शायर की जीवनी को प्रकाशित करवाया था। वह पुस्तक नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित हुई थी और बिहार में उसकी हज़ारों प्रतियाँ लोगो तक पहुची थी। अब लेखक का अगला पढ़ाव बिहार का सूफ़ी इतिहास और सूफ़ी बुजुर्गों के बारे में लिखना है।
युवा लेखक बताते हैं, “सूफ़ीवाद को समझने के लिए किसी ख़ास धर्म से होना मायने नहीं रखता, बाबा के आस्ताने पर हर धर्म के लोग हाज़री लगाते हैं, और वहाँ कोई भेद भाव नहीं होता क्योंकि बाबा ने ही अपने जीवनकाल में कभी किसी के साथ भेद भाव नहीं किया।”
युवा लेखक के इस पुस्तक में उन्होंने बताया 200-300 पृष्ट होंगे, जिसमें अल्लामा ज़फ़रूद्दीन बिहारी, मुफ़्ती असलम रज़वी का ज़िक्र ख़ास होगा, इसके इलावा मुजद्दिद इमाम आला हज़रत बरेलवी का सूफ़ीवाद में ख़ास देन बता कर उन पर और उनके कामों को भी लिखेंगे।
युवा लेखक ने बताया, “यह हमारे क़िस्मत की बात है कि हम उनके बारे में लिखेंगे जिन्होंने सदा भाईचारे का पाठ पढ़ाया। इमाम आला हज़रत आतंकवादी विचारधारा के ख़िलाफ़ थे इस वजह से उनके ख़िलाफ़ में कई लोगो ने फ़तवा भी दे दिया था। लेकिन ख़ुदा भी उसके साथ होता है जो सच का साथी होता है”
अमजद को हाल ही में मरकज़ी इदारा शरिया पटना में इमर्जिंग यूथ का अवार्ड भी प्राप्त हुआ था और बहादुरगंज के पूर्व विधायक ताऊसीफ़ आलम ने भी उनकी सूफ़ी पर किताब लिखने की बात को सराहा था।
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