![*इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद बोले हम रहें या ना रहें भारत देश तो रहेगा* *इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद बोले हम रहें या ना रहें भारत देश तो रहेगा*](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiE9-ryYJ6sNutGUzlGmPSRii4IxbwZA8kpEZ3RrV4n6JPgKPWDQJYxTrbxgWo3hb0GtX9ve4XAWdaniZlc67Zzb7tQODbr1F0k4_g445bFSELOqhnul7RLXSyOJ0fabDJEEgbARjgbp3sUApfiCroFmHCvY4rRs_Mpgw0boImNeVGLo0de4VH6qG-6Ed4/s320/IMG-20231126-WA0176.jpg)
*इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद बोले हम रहें या ना रहें भारत देश तो रहेगा*
पटना - इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि भारत देश 26 नवंबर का दिन संविधान दिवस के रूप के मना रहा है। इस मौके पर संविधान के बारे में बताया समय के साथ हमारे संविधान ने हर परीक्षा को पार किया है। हमारे संविधान ने उन लोगों की हर आकांक्षा को गलत साबित किया है जो कहते हैं कि समय के साथ चुनौतियां सामने आएंगी उनका समाधान हमारा संविधान नहीं दे पाएगा।
इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि 21वीं सदी में न्यू इंडिया बनाने के लिए हम सभी को संकल्प लेना होगा। हम गरीबी, गंदगी, बीमारी और भूख मुक्त देश बनाना चाहते हैं। इसके लिए हम सबको संकल्प लेना होगा। देश एक बड़े मिशन पर चल रहा है, इस मिशन के लिए हर वर्ग से समर्थन मिलेगा। इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि 'सोच भी आत्मविश्वास से भरी होनी चाहिए। हम रहें या ना रहें लेकिन भारत देश तो रहने वाला है। हम रहें या ना रहें लेकिन जो व्यवस्था हम देश को देकर जाएंगे वो सुरक्षित, स्वाभीमानी और स्वावलंबी भारत की व्यवस्था होनी चाहिए।
इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद ने समस्त देशवासियों को 75वें संविधान दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने दुनिया के इस सबसे बड़े संविधान को अंगीकृत किया था। भारत के संविधान में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां हैं। समय की मांग के अनुसार अब तक इसमें 103 संशोधन हुए हैं।
इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि हमें हमारे संवैधानिक मूल्यों की पालना करते हुए उनकी रक्षा करनी चाहिए आज संवैधानिक मूल्यों पर लगातार प्रहार करके देश के संविधान को कमजोर किया जा रहा है। आइये, आज हम अपने इस संविधान की रक्षा करने का प्रण लें भारतीय संविधान हमारे लोकतंत्र की आत्मा है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को एकता के सूत्र में बांधने वाला हमारा संविधान संघात्मक भी है और एकात्मक भी। आज संविधान दिवस के अवसर पर देश को एक प्रगतिशील संविधान देने वाले बाबासाहेब आंबेडकर और इसको अक्षुण्ण बनाए रखने वाले सभी राष्ट्रभक्तों को नमन करता हूँ। संविधान के एक सच्चे प्रहरी के रूप में भारत देश के प्रधानमंत्री बाबासाहेब आंबेडकर जी के आदर्शों पर चलते हुए 130 करोड़ देशवासियों के कल्याण के संकल्प के साथ देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए कटिबद्ध है।
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