भक्त विलासी नहीं अपितु उद्यमी होता है:-देवराहाशिवनाथदासजी श्रीविष्णु महायज्ञ का हुआ ध्वजारोहण
मधेपुरा: परमपूज्य त्रिकालदर्शी, परमसिद्ध संतश्रीदेवराहाशिवनाथदासजी महाराज के नेतृत्व में मधेपुरा जिला के आलमनगर प्रखंड में ब्रम्हलीन श्रीदेवराहा बाबाजी महाराज की 33 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आगामी 14 जून 2023 से 18 जून 2023 तक होने वाले श्रीविष्णु महायज्ञ का आज ध्वजारोहण किया गया।ध्वजारोहण के बाद श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए संतश्रीदेवराहाशिवनाथदासजी महाराज ने कहा कि श्री हनुमानजी समुद्र पार करते समय जब मैनाक पर्वत ने हनुमानजी को प्रभु राम का दूत होने के नाते कुछ पल आराम करने के लिए कहा तो हनुमानजी मैनाक को प्रणाम करते हुए कहते हैं कि भाई भगवान श्रीराम के कार्य को किये बिना कैसे आराम कर सकता हूँ।यहां पर हनुमानजी मैनाक के समक्ष चतुराई का प्रदर्शन किए क्योंकि हनुमानजी न तो उसकी विनती को स्वीकार किया और ना ही अस्वीकार किया।वे तो मैनाक पर्वत का मान रखते हुए उसे प्रणाम कर आगे बढ़ गए।वास्तव मे मैनाक पर्वत सोने का पर्वत था जो कि सुख-समृद्धि का प्रतीक था।संतश्री ने कहा कि इससे हमें यही सीख मिलती है कि हमें सुख-सुविधाओं में भी अपने उद्देश्य को याद रखना चाहिए।एक सच्चा प्रभु का भक्त कभी भी अपने सुख और आराम के कारण प्रभु के दिए हुए कार्य को नहीं भूलता है।भक्त विलासी नहीं बल्कि उद्यमी होता है।संतश्री ने आगे कहा कि अपने लक्ष्य पर पूर्णतः केन्द्रित श्रीहनुमानजी जब माता सीता की खोज में आगे बढते हैं तो उनके समक्ष सुरसा राक्षसी आती है तो वह श्रीहनुमान को अपना ग्रास बनाने के लिए जैसे ही अपना मुंह खोलती है, वैसे ही हनुमानजी अपने को छोटा कर सुरसा के मुंह में प्रवेश कर जाते हैं और उसके मुंह से झट बाहर भी आ जाते हैं।हनुमानजी के इस आचरण से हमें सीख मिलती है कि जीवन में कभी भी किसी से बड़ा बनकर हम नहीं जीत सकते ।जीवन में बड़ा बनने के लिए हमें हमेशा नम्रतापूर्वक रहना चाहिए।वहीं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आलमनगर के समस्त ग्रामवासियों सहित भक्तों का अद्वितीय सहयोग रहा।
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