गर्भवती महिलाओं को हमेशा ब्लड सुगर की जांच कराते रहना चाहिए
गर्भावस्था के दौरान जो डाइबिटीज होती है जिसे जी डी एम या जेस्टेशनल डायबिटीज़ कहते हैं बहुत ही खतरनाक होता है । अगर समय रहते इसका इलाज नहीं कराया जाए तो इसका प्रभाव बच्चे और माताएं दोनों पर होता है । गर्भावस्था के दौरान अगर डाइबिटीज है गईं और जो महिलाएं गर्भवती हैं थोड़ा भी डाइबिटीज को इग्नोर किया तो बच्चा अपंग पैदा हो सकता है , बच्चा समय से पहले पैदा हो सकता है । अतः ज़रूरी है कि महिलाएं जैसे ही गर्भ धारण करें तुरंत डाइबिटीज की जांच कराए ।
उक्त बातें मदर डे के अवसर पर आस्था फाऊंडेशन द्वारा चलाए जा रहे वाक् फार लाइफ मुहिम के दौरान बिहटा प्रखंड के वाघपुर गांव के सैंकड़ों महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में डाइबिटीज कितना ख़तरनाक होता है मुद्दे पर जागरूक करते हुए मशहूर डा धीरज सिन्हा ने कही । उन्होंने कहा कि जैसे ही कोई महिलाएं गर्भवती होती है उनका हार्मोन बढ़ जानें के साथ सुगर बढ जाता है किन्तु अगर उस समय डाइट को नियंत्रित नहीं रखा गया तो यह डाइबिटीज का कारण हो सकता है । अतः महिलाओं को इसके प्रति जागरूक करना जरूरी है । आस्था फाऊंडेशन की सचिव पुरुषोत्तम सिंह ने बताया कि आस्था फाऊंडेशन लगातार इस तरह का अभियान चलाकर महिलाओं को गर्भावस्था में डाइबिटीज के मुद्दे पर जागरूक कर रही है । अभी तक आस्था फाऊंडेशन की टीम डाक्टरों के साथ मिलकर दस हजार साल ज्यादा डाइबिटीज जागरूकता अभियान चला चुकी है । कार्यक्रम में सैकड़ों महिलाओं ने हिस्सा लिया । कार्यक्रम के अंत में महिलाओं के बीच दवा और फल का वितरण किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अशोक कुमार की भूमिका बहुत रही ।
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