ओझाडीह का लाल "गौरव" बना गाँव का गौरव

ओझाडीह का लाल "गौरव" बना गाँव का गौरव

धनबाद जिले के टुंडी थाना क्षेत्र अंतर्गत सुदूरवर्ती ग्रामीण गाँव ओझाडीह ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। इस गाँव के प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखने वाले स्वर्गीय हाबूलाल ओझा एवं श्रीमती बालिका देवी के पौत्र तथा वरिष्ठ पत्रकार श्री संतोष कुमार ओझा एवं श्रीमती ममता ओझा के सुपुत्र गौरव कुमार ओझा ने अपने कठिन परिश्रम, अदम्य लगन एवं निरंतर प्रयासों के बल पर एक नई उपलब्धि हासिल की है।

गौरव कुमार ओझा ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) से विधि स्नातक (LL.B.) की उपाधि प्राप्त करने के पश्चात अपनी प्रतिभा के बल पर देश के सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में अधिवक्ता के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है।

इस अवसर पर गौरव कुमार ओझा ने कहा, "यह बड़ों का आशीर्वाद ही है कि आज मैं देश के सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमे लड़ने जा रहा हूँ। यह मेरे लिए अत्यंत खुशी और गर्व की बात है।" उन्होंने यह भी बताया कि तैयारी के कठिन समय में उन्हें श्री उमेश कुमार मिश्र से विशेष मार्गदर्शन, प्रेरणा और उत्साह मिला, जो वर्तमान में पटना स्थित कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यालय में पदस्थापित हैं।

साथ ही उन्होंने यह भी साझा किया कि उन्हें अपने बड़े भैया श्री मुकेश कुमार मिश्रा, जो रेलवे विभाग में कार्यरत हैं, एवं श्री समीर कुमार ओझा, जो खनन विभाग में कार्यरत हैं, से भी निरंतर प्रेरणा, सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, जिसने उनके आत्मबल को मज़बूत किया।
गौरव की इस ऐतिहासिक सफलता पर न केवल ओझाडीह गाँव, बल्कि पूरा कुटुंब, गुरुजन, शिक्षक समाज और मित्र परिवार गर्व से अभिभूत है।

इस गौरवपूर्ण क्षण पर गौरव के पिता श्री संतोष कुमार ओझा ने भावुक होकर कहा, "यह वास्तव में गौरव का क्षण है — न केवल मेरे लिए, बल्कि पूरे परिवार और गाँव के लिए। उसका यह संघर्षपूर्ण सफर आज सफलता में बदल गया, जो हमारे लिए अत्यंत सम्मान और गर्व की बात है।"

इस खास मौके पर गौरव की बहनों शिवानी, राधा, शिपू, पायल और प्रीति ने भी अत्यंत खुशी और गर्व प्रकट करते हुए कहा कि यह पल पूरे परिवार के लिए यादगार बन गया है।

यह सफलता न केवल गौरव के लिए, बल्कि समस्त ग्रामीण युवाओं के लिए यह संदेश देती है कि सपनों को साकार करने के लिए संकल्प, संघर्ष और सही मार्गदर्शन अत्यंत आवश्यक है।

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