जिलाधिकारी की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जिला सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक का आयोजन

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जिला सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक का आयोजन

कैलेण्डर वर्ष 2025 में अभी तक 954 पीड़ितों के बीच 6 करोड़ 96 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा भुगतान किया गया
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अत्याचार का सम्पूर्ण निवारण एवं पीड़ितों को त्वरित गति से न्याय दिलाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहेंगेः डीएम ने दिया पदाधिकारियों को निदेश
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पटना, मंगलवार, दिनांक 30.12.2025ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. त्यागराजन एस.एम. की अध्यक्षता में आज पटना समाहरणालय में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियम 1995 के तहत गठित जिला सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक हुई। 

जिलाधिकारी ने कहा कि अत्याचार का सम्पूर्ण निवारण एवं पीड़ितों को त्वरित गति से न्याय दिलाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहने का निदेश दिया। 
जिलाधिकारी ने कहा कि सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। जिला प्रशासन, पटना द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के प्रति अत्याचार के विरूद्ध शून्य सहिष्णुता के सिद्धान्त का अक्षरशः अनुसरण किया जा रहा है। अधिनियम अंतर्गत सभी दर्ज मामलों में प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति, मुआवजा, पेंशन, यात्रा भत्ता आदि का भुगतान किया जा रहा है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति भूमिहीन परिवारों को जमीन उपलब्ध कराया जाता है। क्षेत्रों में कैम्प लगाकर इन परिवारों को विभिन्न प्रकार की योजनाओं से लाभांवित किया जाता है। 

जिला कल्याण पदाधिकारी, पटना द्वारा समिति के सदस्यों के संज्ञान में लाया गया कि कैलेण्डर वर्ष 2025 में जनवरी से अभी तक 769 कांडों के 954 पीड़ितों के बीच कुल 6 करोड़ 96 लाख रुपये से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है। जिलाधिकारी ने जिला कल्याण पदाधिकारी को आवंटन की प्राप्ति के अनुसार पीड़ितों को ससमय मुआवजा भुगतान प्रदान करने का निदेश दिया। विदित हो कि कैलेण्डर वर्ष 2024 में कुल 802 पीड़ितों के मुआवजा भुगतान हेतु स्वीकृति प्रदान करते हुए कुल 5 करोड़ 98 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया गया था। 
जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा बैठक में जानकारी दी गयी कि वर्तमान में कुल 134 पेंशनरों का नियमित तौर पर पेंशन भुगतान किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने जिला कल्याण पदाधिकारी को निदेश दिया कि पेंशन का भुगतान हमेशा अद्यतन रखें। आवश्यकता के अनुसार उक्त मदों में आवंटन की मांग करते हुए पेंशनरों एवं गंभीर मामलों के पीड़ितों को तत्परता के साथ भुगतान सुनिश्चित किया जाए। 

जिलाधिकारी ने कहा कि अधिनियम के तहत लंबित कांडों के निष्पादन हेतु त्वरित अनुसंधान एवं पर्यवेक्षण करने तथा ससमय राहत अनुदान की राशि उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन द्वारा सभी कार्रवाई की गयी है। साथ ही उक्त योजना के तहत अन्य सुविधाएं निर्धारित समय में उपलब्ध करायी जाती है। सुसंगत धाराओं के तहत निर्धारित अवधि में अन्वेषण और आरोप पत्र दाखिल करने के लिए अपेक्षित कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है।

जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन, पटना द्वारा थानों, अंचल कार्यालयों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अधिनियम के प्रावधानों का वृहत स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाता है ताकि लक्षित वर्गों को इसका समुचित लाभ मिल सके।  

जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार के निदेश के आलोक में महादलित टोलों में शिविरों का आयोजन किया जाता है। इन शिविरों में महादलित समुदाय के लोगों को विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं से आच्छादित किया जाता है। 

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आज के इस बैठक में समिति के सदस्य-सचिव-सह-जिला कल्याण पदाधिकारी, पटना श्री संजीव कुमार रतन द्वारा विस्तृत भौतिक एवं वित्तीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिलाधिकारी द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियम-1995 के अन्तर्गत आयोजित विगत बैठक के अनुपालन स्थिति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। अधिनियम अंतर्गत दर्ज मामलों की समीक्षा की गई। पुलिस द्वारा प्रतिवेदित एवं निष्पादित कांडों, समर्पित आरोप पत्रों, गिरफ्तारियों एवं मुआवजा भुगतान से संबंधित मामलों के भौतिक एवं वित्तीय प्रतिवेदन पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में माननीय विधायकगण, जन-प्रतिनिधियों एवं अन्य सदस्यों द्वारा अपना-अपना सुझाव दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि सुझावों पर नियमानुसार अपेक्षित कार्रवाई की जाएगी।
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जिलाधिकारी ने कहा कि अधिनियम अंतर्गत नियम 15 (1) (घ) के तहत सरकारी उपक्रम में रोजगार के मामलों को सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा निर्धारित प्रावधानों के आलोक में आवश्यक कार्रवाई करते हुए पटना जिले में नौकरी हेतु योग्य सभी अश्रित कुल 11 मामलों में समूह ‘घ’ के रूप में पूर्व में सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। इन सभी कर्मियों की यथासंभव उनके घर के नजदीक विभिन्न सरकारी कार्यालयों में पदस्थापना की गई है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या न हो। जिला कल्याण पदाधिकारी को इन कर्मियों के लिए संवेदीकरण एवं उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन करने का निदेश दिया गया। साथ ही भविष्य में भी ऐसे मामलों को त्वरित गति से निष्पादित करने का निदेश दिया गया।  

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियमावली 1995 के नियम 11(1) के तहत गवाह/साक्षी को माननीय न्यायालय में उपस्थित होने के उपरान्त यात्रा भत्ता एवं दैनिक भत्ता का भुगतान प्रति गवाह निर्धारित दर पर किया जाता है। पटना जिला में इसके नियमित कार्यान्वयन हेतु सुदृढ़ एवं सुव्यवस्थित प्रणाली विकसित की गई है।

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को अधिनियम के तहत प्राप्त होने वाले मामलों को संवेदनशीलता के साथ ससमय निष्पादित करने का निदेश दिया। साथ ही इस अधिनियम के प्रावधानों का नियमित तौर पर प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया गया। 

जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों में किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी प्रकार की सूचना डायल 112 एवं जिला नियंत्रण कक्ष (0612-2219810/ 2219234) को दी जा सकती है। जिला स्तर से त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

जिलाधिकारी ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि जिला कल्याण पदाधिकारी के पर्यवेक्षण में पटना जिला में नियमित तौर पर बैठक हो रही है। अनुमंडलों में भी बैठक हो रहा है। जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडलों में आगे भी नियमित तौर पर समिति की बैठकें आयोजित करते हुए इन बैठकों में सभी संबंधित पदाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से भाग लेने का निदेश दिया। 

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जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत नए राशन कार्ड के मामलों का त्वरित निष्पादन करने, कैम्प लगाकर वितरण करने तथा नियमित तौर पर इन्हें खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निदेश दिया। उन्होंने पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री कबीर अंत्येष्टि योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना सहित सभी लोक-कल्याणकारी योजनाओं के तकनीकी पहलुओं, प्रावधानों, लाभ इत्यादि के बारे में कार्यशाला का आयोजन करने का निदेश दिया ताकि इन सभी योजनाओं का ससमय लाभ पात्र लाभुकों तक पहुँचे। जिलाधिकारी द्वारा सिविल सर्जन, पटना को हर मंगलवार को सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में दिव्यांगजन (यूडीआईडी) कार्ड निर्गत करने हेतु कैम्प लगाने का निदेश दिया गया। 
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इस बैठक के बाद समाहरणालय सभाकक्ष में मैनुअल स्कैवेंजर निषेध एवं पुनर्वास अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत जिला-स्तरीय मैनुअल स्कैवेंजर समिति की बैठक हुई। जिलाधिकारी द्वारा अधिनियम के प्रभावी एवं सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हेतु सभी स्टेकहोल्डर्स को सजग तथा दृढ़-संकल्पित रहने की आवश्यकता पर बल दिया गया।  

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