
डीएम की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक, अधिकारियों एवं कार्यकारी एजेंसियों को योजनाओं का तत्परता से क्रियान्वयन करने का दिया गया निदेश
पटना जिला में सभी परियोजनाओं में अच्छी प्रगति है; एसडीओ एवं एसडीपीओ आ रहे व्यवधानों को दूर कर रहे हैंः डीएम
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जिलाधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारियों को प्रगति का अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया
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जनहित के कार्यों के प्रति संवेदनशीलता एवं प्रतिबद्धता के साथ योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा हैः डीएम
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पटना, सोमवार, दिनांक 28.07.2025ः समाहर्ता-सह-जिलाधिकारी, पटना डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने कहा है कि जिला में राज्य-सम्पोषित एवं केन्द्रीय परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अच्छी प्रगति है। आ रही छोटी-मोटी समस्याओं को संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी/अपर पुलिस अधीक्षक विशेष रूचि लेकर दूर कर रहे हैं। वे आज पटना समाहरणालय में परियोजना अनुश्रवण समूह (प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला में केन्द्रीय एवं राज्य-सम्पोषित 30 से अधिक परियोजनाएँ तेजी से चल रही है। इतनी संख्या में सभी विकास योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन किया जा रहा है। यह हर्ष का विषय है। सभी संबंधित अधिकारी तत्परतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि वे स्वयं परियोजना स्थलों का भ्रमण कर कार्यों में प्रगति का निरीक्षण कर रहे हैं। शाम के समय एवं रात्रि में भी स्थल भ्रमण कर योजनाओं के क्रियान्वयन का जायजा ले रहे हैं। जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन से संबद्ध अधिकारी एवं कार्यकारी एजेंसी योजनाओं का तत्परता से क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
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समीक्षा में पाया गया कि *पटना-सासाराम एनएच परियोजना तथा रामनगर-कच्ची दरगाह एनएच परियोजना* में जिला भू-अर्जन कार्यालय द्वारा रैयतों को मुआवजा भुगतान में काफी शिथिलता बरती जा रही है। पटना-सासाराम एनएच परियोजना में केवल 13 रैयतों को ही मुआवजा का भुगतान किया गया है। रामनगर-कच्ची दरगाह एनएच परियोजना में भी केवल 20 रैयतों को ही मुआवजा भुगतान किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत आपत्तिजनक है। लगभग एक महीना पूर्व ही त्वरित गति से मुआवजा भुगतान करने का निदेश दिया गया था। पटना-आरा-सासाराम एनएच-119ए निर्माण परियोजना में दो अंचलों-नौबतपुर तथा बिहटा- के कुल 21 मौजों में 1,119 पंचाट है। कुल अर्जित रकबा 203.7 एकड़ है। एनएचएआई द्वारा 149.76 करोड़ रुपया की राशि स्वीकृत की गई है परन्तु अभी तक केवल 1.56 करोड़ रुपया की राशि का ही भुगतान रैयतों को किया गया है। रामनगर-कच्ची दरगाह एनएच-119डी निर्माण परियोजना में भी रैयतों को मुआवजा भुगतान योग्य राशि 207.4 करोड़ के विरूद्ध केवल 2.72 करोड़ रुपया का ही भुगतान किया गया है। यह अत्यंत खेदजनक है। इसके कारण जिलाधिकारी द्वारा भू-अर्जन कार्यालय के *संबंधित लिपिक/लिपिकों एवं जिला भू-अर्जन पदाधिकारी* से स्पष्टीकरण किया गया। उन्होंने कहा कि *अगर 15 दिनों के अंदर प्रगति नहीं हुई तो दोषी कर्मियों एवं पदाधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक तथा विभागीय कार्रवाई प्रारंभ* की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रोजेक्ट में विलंब होने से प्राक्कलन में भी संशोधन करना पड़ता है जो अतिरिक्त वित्तीय भार में परिणत हो जाता है। उन्होंने कहा कि हितबद्ध रैयतों को मुआवजा भुगतान में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को कैम्प लगाकर आवेदन का सृजन करने तथा मुआवजा भुगतान करने का निदेश दिया गया। इन शिविरों में अंचल कार्यालयों, भू-अर्जन तथा एजेंसी के पदाधिकारी एवं कर्मी भी उपस्थित रहेंगे। अंचल अधिकारी द्वारा आवश्यकतानुसार रैयतों का विधिवत एलपीसी निर्गत किया जाएगा।
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जिलाधिकारी द्वारा *अधिकारियों को विकास योजनाओं के मार्ग में आ रही संरचनाओं का नियमानुसार स्थानान्तरण करने, विधिपूर्वक अतिक्रमण हटाने, मुआवजा भुगतान में तेजी लाने तथा जनहित की योजनाओं को गुणवतापूर्ण ढ़ंग से समयसीमा के अंदर पूरा करने का निदेश* दिया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा एनएचएआई एवं अन्य क्रियान्वयन एजेंसियों को हर संभव सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। कार्यों में अच्छी प्रगति है। सभी स्टेकहोल्डर्स को विश्वास में लेकर जनहित के कार्यों के प्रति संवेदनशीलता एवं प्रतिबद्धता के साथ योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों को निर्माण कार्य में सुरक्षात्मक एवं पर्यावरण संरक्षण सहित सभी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि एसओपी के अनुसार निर्माण कार्य किया जाए ताकि किसी को कोई रिस्क न हो। अनुमंडल पदाधिकारियों तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को इसका अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया।
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इस बैठक में जिलाधिकारी द्वारा एनएचएआई, मेट्रो, रेलवे, पुल निर्माण निगम, पथ निर्माण, आईओसीएल, गेल इत्यादि की जिले में चल रही 30 से अधिक परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। अधियाची विभागों द्वारा प्रतिनियुक्त नोडल पदाधिकारियों को क्षेत्रीय अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर कार्यों में प्रगति लाने का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि यदि किसी परियोजना स्थल पर अतिक्रमण हो तो अतिक्रमण को चिन्हित करते हुए संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी जिला नियंत्रण कक्ष से समन्वय स्थापित कर दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करा अतिक्रमण हटाएँ। परियोजना के क्रियान्वयन में जो कोई व्यवधान आ रहा हो उसे संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी विशेष रूचि लेकर समाधान कराएँ। अधियाची विभागों के पदाधिकारीगण भी संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के साथ समन्वय स्थापित रखें एवं कार्यों में प्रगति लाएँ।
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जिलाधिकारी ने भू-अर्जन तथा भू-हस्तानांतरण के *लंबित मामलों* को तेजी से निष्पादित करने का निदेश दिया।
जिलाधिकारी ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को मुआवजा भुगतान के लंबित मामलों को तुरत निष्पादित करने का निदेश दिया।
आज की बैठक में जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न परियोजनाओं में दिए गए निदेश निम्नवत हैः-
* जिलाधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारियों तथा अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) को मेट्रो कार्य हेतु एजेंसी को हरसंभव सहयोग देने का निर्देश दिया गया।
* जिलाधिकारी ने कहा कि मेट्रो का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। लोक परिवहन के दृष्टिकोण से इसका काफी महत्व है। मेट्रो का प्रायोरिटी कॉरिडोर पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, बैरिया से मलाही पकड़ी तक है। इस बीच विभिन्न मेट्रो साईट जैसे पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, जीरो माईल, भूतनाथ, खेमनीचक एवं मलाही पकड़ी अवस्थित है। पटना मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन लिमिटेड द्वारा मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर का कार्य तेजी से किया जा रहा है। जिला प्रशासन, पटना द्वारा मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन लिमिटेड को सभी प्रशासनिक सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
* जिलाधिकारी ने कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजना में प्रगति काफी अच्छी है। सभी व्यवधान को दूर कर दिया गया है। कभी-कभी जो छोटे-छोटे मुद्दे आते हैं उसे संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सजगतापूर्वक दूर कर रहे हैं। डीएम ने कहा कि भू-अर्जन एवं भू-हस्तांतरण का कोई भी मामला लंबित नहीं है। भू-अर्जन के मामलों में कोई बाधा नहीं है। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को रैयतों के मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लाने का निदेश दिया गया है। मेट्रो परियोजना हेतु भू-हस्तांतरण के लगभग सभी मामलों को जिला-स्तर से प्रक्रिया पूर्ण करते हुए आगे की कार्रवाई की जा गई है। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को भू-हस्तांतरण के लंबित मामलों का त्वरित गति से निष्पादन कराने हेतु आवश्यकतानुसार विभागों से समन्वय करने का निदेश दिया गया है। अनुमंडल पदाधिकारियों को व्यावसायिक संरचनाओं के किराया निर्धारण हेतु तेजी से कार्रवाई करने का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारियों को मेट्रो के कार्य हेतु आवश्यक सुविधा प्रदान करने के लिए निदेशित किया गया।
* दानापुर-बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण परियोजना के लिए कार्य एजेंसी द्वारा बताया गया कि अनुमंडल पदाधिकारी, दानापुर के स्तर से सभी सहयोग प्राप्त हो रहा है। ज़िलाधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी, दानापुर को *सभी स्टेकहोल्डर्स से समन्वय स्थापित कर कार्य तेजी से कराने का निदेश* दिया गया। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को मुआवजा भुगतान में तेजी लाने का निदेश दिया गया। ज़िलाधिकारी ने कहा कि दानापुर-बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर जनहित की एक अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना है। इससे पटना-बिहटा का आवागमन काफी सुगम हो जाएगा। एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण सितंबर, 2026 तक पूरा हो जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा एनएचएआई को हर संभव सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। अनुमंडल पदाधिकारी को *महादेवपुर फुलारी एवं विशुनपुरा में दंडाधिकारियों तथा पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर तीन दिनों के अंदर कार्य शुरू कराने का निदेश* दिया गया है। पुलिस अधीक्षक, यातायात को शिवाला चौक से कन्हौली तक ट्रैफिक डायवर्जन हेतु स्थल निरीक्षण कर कार्रवाई करने का निदेश दिया गया है। विदित हो कि इस परियोजना के तहत कुल 22 ग्रामों में भू-अधिग्रहण की कार्रवाई की गई है। कुल अर्जित रकबा 104.005 एकड़ है। 861 रैयतों के बीच 167.66 करोड़ रुपया भुगतान किया गया है। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को भूमि एवं संरचना का लंबित मुआवजा भुगतान अविलंब करने का निदेश दिया गया है।
* रामनगर-कच्ची दरगाह परियोजना हेतु जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को मुआवजा भुगतान में तेजी लाने का निदेश दिया गया। एनएचएआई के अधिकारी को कार्यों में तेजी लाने का निदेश दिया गया।
* भारतमाला परियोजना अंतर्गत एनएच-119डी आमस-रामनगर खण्ड परियोजना में पदाधिकारियों को तेजी से कार्य करने का निर्देश दिया गया। विदित हो कि भारतमाला अंतर्गत एनएच-119डी आमस-रामनगर खण्ड परियोजना अंतर्गत कुल 12 मौजा है जिसमें चार फतुहा तथा आठ धनरूआ अंचल में पड़ता है। फतुहा अंचल में राबियाचक, भेड़गावा, जैतीया एवं वाजीदपुर मौजा तथा धनरूआ अंचल में बघबर, बहरामपुर, पिपरावॉ, बिजपुरा, नसरतपुर, छाती, टरवॉ एवं पभेड़ा मौजा पड़ता है। जिलाधिकारी द्वारा संबंधित अनुमंडल पदाधिकारियों तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को लगातार अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया ताकि एजेंसी को कार्य करने में कोई व्यवधान न उत्पन्न करे। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को मुआवजा भुगतान में तेजी लाने का निदेश दिया गया। संबंधित भूमि सुधार उप समाहर्ता को बकास्त भूमि के रैयतीकरण के मामलों में अपने मंतव्य के साथ स्पष्ट प्रस्ताव देने का निदेश दिया गया।
* डीएम ने सभी अंचलाधिकारियों को विभिन्न परियोजनाओं के मार्ग से अतिक्रमण को हटाने हेतु त्वरित कार्रवाई करने का निदेश दिया।
* जिलाधिकारी द्वारा पदाधिकारियों को *माननीय मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान की गई घोषणाओं के आलोक में सभी योजनाओं पर समयबद्ध ढंग से तेजी से कार्य करने* का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार के विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए *सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध* रहें।
आज के इस बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, एनएचएआई, पुल निर्माण निगम, बीएसआरडीसीएल, एनटीपीसी, रेलवे एवं अन्य के प्रतिनिधि सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अनुमण्डल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता तथा अंचलाधिकारी उपस्थित थे।
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