श्री सम्राट चौधरी, माननीय उप मुख्यमंत्री, बिहार-सह-प्रभारी मंत्री, पटना जिला की अध्यक्षता में जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति तथा संभावित बाढ़ 2025 की पूर्व तैयारियों हेतु जिला अनुश्रवण समिति की बैठक की गयी
त्वरित विकास हेतु जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के बीच सार्थक समन्वय तथा सुदृढ़ संवाद की आवश्यकता पर माननीय प्रभारी मंत्री ने दिया बल
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विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, संवेदनशीलता तथा उत्तरदायित्व ज़िला प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; समेकित प्रयास से सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगाः डीएम
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पटना, गुरूवार, दिनांक 22.05.2025ः- माननीय उप मुख्यमंत्री, बिहार-सह-प्रभारी मंत्री, पटना जिला श्री सम्राट चौधरी ने योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु जन-प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के बीच सार्थक समन्वय तथा सुदृढ़ संवाद की आवश्यकता पर बल दिया है। वे आज समाहरणालय, पटना के सभाकक्ष में जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति एवं संभावित बाढ़-2025 की पूर्व तैयारियों की बैठक में अध्यक्षीय संबोधन कर रहे थे। माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी का एक ही उद्देश्य है कि जन समस्याओं का जल्द-से-जल्द निदान हो तथा विकास की धारा सभी व्यक्ति तक पहुँचे। पटना का हर शहर एवं हर गाँव सुन्दर बने। इसके लिए हम सभी को सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहना होगा। माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी अध्यक्षता में पटना जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक की जा रही है। इस तरह की बैठकों का जनहित के लिए काफी महत्व है। विगत बैठक में दिए गए निदेशों तथा माननीय सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों का जिला प्रशासन, पटना द्वारा नियमानुसार सम्यक अनुपालन किया गया है। इसके लिए जिलाधिकारी, पटना एवं उनकी सम्पूर्ण टीम बधाई का पात्र है। अनुपालन की प्रति आप सभी को उपलब्ध करायी गयी है। माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जन-प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के लिए आपसी विचार-विमर्श एवं जन-समस्याओं के समाधान हेतु जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है। इससे प्रशासन व जन-प्रतिनिधियों में समन्वय स्थापित करने में सहायता प्राप्त होती है तथा विकास की प्रक्रिया को अपेक्षित गति मिलती है। उन्होंने कहा कि आपसी समन्वय विकास की प्रक्रिया में उत्प्रेरक की भूमिका निभाता है। हम सबको मिल-जुल कर समस्याओं का समाधान खोजना चाहिए।
बैठक की शुरूआत में सदस्य-सचिव, जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति-सह-जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने माननीय उप मुख्यमंत्री, बिहार-सह-प्रभारी मंत्री, पटना जिला श्री सम्राट चौधरी एवं अन्य उपस्थित माननीय जन-प्रतिनिधियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए कहा कि माननीय उप मुख्यमंत्री ने अपने व्यस्ततम कार्यक्रम में से बैठक के लिए समय निकाला है। उनके मार्ग-दर्शन से हमसब में नई ऊर्जा एवं उत्साह का संचार होता है। इससे जिले के विकास को नया आयाम मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिले के विकास में सभी माननीय जन-प्रतिनिधियों का सहयोग बहुमूल्य है। हम सभी समाज के हर व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। समेकित प्रयास से सुगमता से लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विगत बैठक की तरह इस बार की बैठक में भी उठाए जाने वाले मुद्दों का विधिवत ढंग से समुचित अनुपालन सुनिश्चित किया जएगा। साथ ही जन-प्रतिनिधियों के सुझाव को आत्मसात करते हुए उसे त्वरित गति से क्रियान्वित किया जाएगा।
आज की बैठक में माननीय प्रभारी मंत्री द्वारा सर्वप्रथम संभावित बाढ़, 2025 से संबंधित मुख्य बिन्दुओं की समीक्षा की गई एवं अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। बाढ़ प्रभावित से संबंधित विवरणी, वर्षामापक यंत्र/वर्षापात प्रतिवेदन, जिला स्तरीय टास्क फोर्स एवं नोडल पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति, बाढ़ प्रभावित परिवार के खाते में पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से सीधा भुगतान, संभावित बाढ़ प्रभावित पूर्व तैयारियाँ(पॉलीथीन शीट्स एवं खाद्य सामग्री), जिला स्तर पर उपलब्ध संसाधन, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों की पहचान करना एवं नजरी नक्सा तैयार करना, राहत शिविर एवं सामुदायिक रसोई, बाढ़ के दौरान नावों की व्यवस्था एवं उपलब्धता, एनडीआरएफ/एसडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति, नियंत्रण कक्ष तथा तटबंध की सुरक्षा सहित सभी बिन्दुओं में प्रगति तथा अद्यतन स्थिति का जायजा लिया गया।
बैठक में माननीय उप मुख्यमंत्री, बिहार-सह-प्रभारी मंत्री, पटना जिला ने कहा है कि संभावित बाढ़ एवं जल-जमाव से निपटने हेतु जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार जिला स्तर पर सभी व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि बाढ़ आने की स्थिति में प्रभावितों के जान-माल की सुरक्षा एवं ससमय राहत पहुँचाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। एसओपी के अनुसार क्षेत्रीय पदाधिकारी यथा अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी तथा अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तुरंत रिस्पॉन्ड करेंगे। उन्होंने कहा कि संभावित आसन्न आपदाओं का पूर्वानुमान, ससमय एवं शीघ्र चेतावनी और आम जनता के बीच उनका प्रभावी प्रचार-प्रसार सफल आपदा प्रबंधन के मुख्य घटक हैं। प्रबंधन के विभिन्न चरणों यथा आपदा का निवारण, कमी एवं आपदा के प्रति प्रत्युत्तर के लिए सम्पूर्ण तंत्र सक्रिय है।
उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति में सामान्य जन-जीवन प्रभावित न हो यह सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को मिशन मोड में काम करने का निदेश दिया।
उन्होंने निदेश दिया कि बाढ़ पूर्व तैयारी हेतु संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। परिचालन योग्य सरकारी नाव, निजी नावों के साथ एकरारनामा, संभावित बाढ़ की पूर्व तैयारी के तहत बाढ़ प्रभावित परिवारों के बीच वितरण हेतु राहत सामग्रियों एवं अन्य सामग्रियों तथा नाव का दर निर्धारण, पॉलीथिन शीट्स का दर निर्धारण, पॉलीथिन शीट्स की उपलब्धता, टेन्ट, महाजाल, लाईफ जैकेट, इन्फ्लेटेबल लाईटनिंग सिस्टम, प्रशिक्षित गोताखोरों, चिन्हित शरण स्थलों, खोज बचाव एवं राहत दलों, एसडीआरएफ/एनडीआरएफ मोटरबोट, आकस्मिक फसल योजना, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, पशुचारा/चुन्नी-चोकर एवं पशुदवा की व्यवस्था, मानव दवा की व्यवस्था एवं मोबाईल मेडिकल टीम, जिला में बाढ़ से निपटने हेतु सभी आवश्यक दवा पर्याप्त संख्या में उपलब्ध रहना, सरकारी तथा गैर सरकारी क्षेत्र के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संस्थानों, ब्लड बैंकों की पहचान, असामान्य स्थिति से निपटने हेतु सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा चलन्त मेडिकल टीम का गठन, प्रखण्डवार ब्लीचिंग पाउडर, हैलोजन टेबलेट एवं लाईम पाउडर उपलब्धता, जिला ड्रग स्टोर तथा स्वास्थ्य संस्थानों (प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेफरल अस्पताल एवं अनुमंडल अस्पतालों) में सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता आदि पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया गया।
जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक में माननीय प्रभारी मंत्री द्वारा एजेंडा के अनुसार विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई एवं अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना, सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्वास्थ्य, शिक्षा, जिला निबंधन-सह-परामर्श केन्द्र (डीआरसीसी), अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, समाज कल्याण, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम, बाल संरक्षण इकाई, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, जीविका, नगर विकास एवं आवास, कृषि, लघु जल संसाधन, पशुपालन, सहकारिता, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, ऊर्जा, राजस्व एवं भूमि सुधार, वन, मुख्यमंत्री खेल विकास, श्रम संसाधन सहित सभी विभागों की योजनाओं में प्रगति तथा अद्यतन स्थिति पर पावर प्वाईंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। माननीय सदस्यों द्वारा योजनाओं पर विस्तृत विमर्श किया गया। योजनाओं में अद्यतन प्रगति का अवलोकन किया गया। माननीय सदस्यों ने योजनाओं के बारे में अपना विचार व्यक्त किया।
जिलाधिकारी द्वारा माननीय प्रभारी मंत्री के संज्ञान में लाया गया कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक लगभग 44867.02 लाख रुपये की कुल 6,443 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें से 5,726 योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है। माननीय सदस्यों से सहमति प्राप्त कर विभिन्न कारणों से 185 योजनाओं को रद्द किया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि शेष 532 योजनाएँ प्रगति की विभिन्न चरणों में है जिन्हें गुणवत्तापूर्ण ढंग से समय-सीमा के अंदर पूर्ण कर लिया जाएगा। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (17वीं लोक सभा) में पूर्ण योजनाओं की संख्या 427 है। 26 योजना को रद्द किया गया है। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (राज्य सभा) में 422 योजनाओं को पूरा कर लिया गया है तथा 168 योजनाएँ रद्द कर दी गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि शेष योजनाओं पर तेजी से कार्य हो रहा है। इन सभी को भी शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इसका नियमित तौर पर अनुश्रवण किया जाता है। माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। समयबद्ध ढंग से गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए योजनाओं को पूरा किया जाए। माननीय सांसदों एवं विधायकों की सुविधा तथा योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन हेतु सिंगल विंडो सिस्टम को लागू किया जाए। माननीय सदस्यों की अनुशंसा के बाद योजनाओं की स्वीकृति/अस्वीकृति तथा हर एक चरण में प्रगति की सूचना माननीय सदस्यों को समय से मिलनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत जिला के पाँच प्रमंडलों-पटना, दानापुर, मसौढ़ी, पालीगंज एवं बाढ़- में 412 स्वीकृत पुलों/पथों के विरूद्ध 377 पुलों/पथों को पूर्ण कर लिया गया है। 32 ड्रॉप योजनाएं हैं। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि शेष 02 पथों को भी शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना अंतर्गत 587 योजनाओं को पूर्ण किया गया है तथा 38 योजनाओं को विभिन्न कारण से ड्रॉप किया गया है। नाबार्ड की स्वीकृत 183 पुल/पथ के विरूद्ध 182 योजनाओं को पूर्ण किया गया है। आठ ड्रॉप योजनाएँ तथा दो विखंडित/हस्तांतरित योजना है। शेष योजनाओं को भी शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा।
मनरेगा के तहत 24 अन्य विद्यालयों की चहारदीवारी का कार्य पूरा किया गया है। 76 खेल के मैदान का कार्य पूर्ण किया गया है। माननीय प्रभारी मंत्री द्वारा पोखरों के सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण, मनरेगा पार्क, छत वर्षा जल संरचना संचयन, विद्यालयों की चाहरदीवारी, खेल का मैदान इत्यादि पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया गया। सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत बकरी शेड, गाय शेड निर्माण एवं अन्य घटकों पर कार्य करने का निदेश दिया गया।
बैठक में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अन्तर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (ओडीएफ-प्लस) में प्रगति की समीक्षा की गई। मार्च 2022 तक 167 पंचायतों के 581 गाँवों तथा 2,240 वार्ड में 4,18,866 हाउसहोल्ड में लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है। 167 पंचायतों में ई टिपर, 2240 वार्ड में पेडल रिक्शा का क्रय करते हुए शत-प्रतिशत वार्ड में डोर-टू-डोर संग्रहण का कार्य प्रारंभ है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 122 पंचायतों के 503 गाँवों तथा 1,652 वार्ड में 3,84,721 हाउसहोल्ड में लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है। 122 पंचायतों में ई टिपर, 1,652 वार्ड में पेडल रिक्शा का क्रय करते हुए शत-प्रतिशत वार्ड में डोर-टू-डोर संग्रहण का कार्य प्रारंभ है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में लक्ष्य के अनुरूप 20 पंचायतों के 83 गाँवों तथा 249 वार्ड में 46,140 हाउसहोल्ड में लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है। डोर-टू-डोर संग्रहण का कार्य प्रारंभ है। माननीय प्रभारी मंत्री ने पटना जिला में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के बेहतर क्रियान्वयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आगे भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
शिक्षा विभाग द्वारा निःशुल्क पाठ्य-पुस्तक वितरण, पोशाक, छात्रवृति की राशि डीबीटी के माध्यम से बच्चों के खाता में राशि अंतरित किया जाता है। मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, पीएम पोषण योजना, मुख्यमंत्री शैक्षणिक परिभ्रमण योजना, मुख्यमंत्री बालक-बालिका साईकिल योजना, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना, कुशल युवा कार्यक्रम सहित सभी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है।
इसी प्रकार माननीय प्रभारी मंत्री द्वारा अन्य सभी योजनाओं की भी विस्तार से समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि हम सबको लक्ष्य-आधारित कार्य करना होगा। उन्होंने जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप काम करने का आह्वान किया। उन्होंने निदेश दिया कि संचालित योजनाओं से संबंधित अनापत्ति प्रमाण-पत्र ससमय निर्गत करें तथा सभी योजनाओं में शत-प्रतिशत उपलब्धि सुनिश्चित किया जाए।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पारदर्शिता, संवेदनशीलता एवं उत्तरदायित्व के साथ कार्यक्रमों एवं योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है।
जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा कि माननीय सदस्यों के सुझावों पर तत्काल कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी तथा अगली बैठक से पहले कृत कार्रवाई प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाएगा।
आज के इस अवसर पर माननीय सदस्य राज्य सभा डॉ. भीम सिंह; माननीय सदस्य बिहार विधानसभा सर्वश्री अरूण कुमार सिन्हा, ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह, भाई वीरेन्द्र, डॉ. रामानन्द यादव, अनिरूद्ध कुमार, संजीव चौरसिया, श्रीमती रेखा देवी, श्री गोपाल रविदास, श्री सिद्धार्थ सौरव, श्री संदीप सौरभ, माननीय सदस्य बिहार विधान परिषद सर्वश्री नीरज कुमार, कार्तिक कुमार, रविन्द्र प्रसाद सिंह, गुलाम गौस, श्रीमती शशि यादव, जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्षद्वय, माननीय महापौर पटना नगर निगम श्रीमती सीता साहू, माननीय अध्यक्षा जिला परिषद् श्रीमती अंजू देवी के साथ अन्य माननीय जनप्रतिनिधिगण तथा पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
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